Thursday , 28 March 2024
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Neurologist के द्वारा सबसे विश्वसनीय Epilipsy cancer diabetes और मोटापे का इलाज – Ketogenic Diet

इपीलेप्सी यानि मिरगी मस्तिष्क की एक बीमारी है। यह मस्तिष्क और स्नायु कोशिकाओं के बीच आपसी तालमेल नहीं होने के कारण होता है। मिरगी होने के और भी कई कारण होते हैं मसलन- बिजली का झटका लगना, नशीली दवाओं का अधिक सेवन करना, सिर में तेज चोट लगना, तेज बुखार तथा एस्फीक्सिया जैसे रोग के होने से भी मिरगी के दौरे आते हैं।

“इसका मुख्य सिधांत है के पुराने ज़माने में लोग मिर्गी के रोगी को कई दिन व्रत रखवाते थे, जिस से उसका इलाज होता था, व्रत रखवाने का मुख्य मकसद सिर्फ शरीर में ग्लूकोस को कम करना होता था.”

स्नायु संबंधी रोग, ब्रेन ट्यूमर, संक्रामक ज्वर से भी मिरगी की बीमारी होती है। इसमें मरीज को दौरा आता है।

मस्तिष्क में दो तरह के neuro transmitter पाए जाते है.

मस्तिस्क को उतेजित करने वाले neuro transmitter जैसे glutamate neuro transmitter.

मस्तिस्क को शांत करने वाले neurotransmitter जैसे GABA (GAMMA AMINO BUTYRIC ACID)

Reason of Epilipsy अर्थात मिर्गी का कारण.

जब मस्तिस्क में उतेजित करने वाले neurotransmitter की क्रिया शांत करने वाले neurotransmitter से ज्यादा बढ़ जाती है तो मस्तिस्क के कुछ क्षेत्रो में तंत्रिकाओ की एक्टिविटी बढ़ने के कारण वह पर इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज ज्यादा होने लगता है उस वजह से मिर्गी के attack आने शुरू हो जाते है यानि मस्तिस्क को शांत करने वाले और उतेजित करने वाले neurotransmitter में असंतुलन होने के कारण मिर्गी के attack आते  है

प्राकृतिक रूप से Epilipsy अर्थात मिर्गी का इलाज दो तरीके से किया जा सकता है.

  1. Increasing GABA in the brain
  2. Ketogenic Diet

1. Epilipsy Treatment by Balancing Neuro Transmiter in Brain

Glutamine एक प्रकार का Amino Acid है, जो हम भोजन से ग्रहण करते हैं, ये पहले शरीर में जाकर Glutamic Acid (Glutamate) में बदलता है, Glutamic Acid एक तरह का उत्तेजित करने वाला Neuro Transmiter है. ये Glutamic Acid शरीर में Glutamate Decarboxylase enzyme की उपस्थिति में ही GABA में बदल पाता है, जो के इसके (Glutamic Acid) के विपरीत काम करता है, GABA एक प्रकार का Brain को शांत करने वाला Neuro Transmiter है. इस रोग में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है हमको शरीर में Glutamic Acid को GABA में बदलना है. क्यूंकि GABA की कमी ही Epilipsy का मुख्य कारण है.

अभी हम जानेंगे के GABA के लेवल और एक्टिविटी को बढाने के लिए किन किन Elements की ज़रूरत है.

  1. Vitamin B6 – तिल, सूर्यमुखी के बीज, Avocodo fruit
  2. Vitamin B8 – InoSitol = फलीदार सब्जियां, निम्बू, Grapefruit
  3. Zinc – तिल – कद्दू के बीज – काजू – कोको पाउडर
  4. Magnesium – केला, बादाम, कद्दू के बीज, पालक,
  5. Taurine – माँ का दूध, मछली, अंडा, Shellfish
  6. Glycine – beans, soybean, spinach, pumpkin, kale, cabbage, cauliflower, burdock root, cucumber, kiwi , banana
  7. Potassium – पालक, शकरकंद, केला, बादाम, अंजीर

GABA की एक्टिविटी बढाने के लिए Herbs.

  1. Noni Fruit
  2. Gingko biloba
  3. खमीर की हुयी पत्तागोभी
  4. सूर्यमुखी के बीज
  5. मशरूम
  6. टमाटर
  7. जटामांसी – (तगर)

2. Treatment of Epilipsy with keto genic diet – मिर्गी का इलाज कीटो जेनिक डाइट से

ऐसा माना गया है कि मस्तिस्क में यदि मस्तिस्क में अगर ऊर्जा बढ़ा दी जाए तो मिर्गी के attack आने के चांसेस कम हो जाते है इसे को ध्यान में रखते हुए मिर्गी के रोगियों के लिए एक विशेष प्रकार की डाइट तेयार की गई है जिससे मस्तिस्क में ऊर्जा कि मात्रा को बढाया जा सके इस प्रकार की डाइट को ketogenic diet कहते है .ये ketogenic डाइट विशेषकर छोटे बच्चो में मिर्गी के attack रोकने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हुई है. इसका मुख्य सिधांत है के पुराने ज़माने में लोग मिर्गी के रोगी को कई दिन व्रत रखवाते थे, जिस से उसका इलाज होता था, व्रत रखवाने का मुख्य मकसद सिर्फ शरीर में ग्लूकोस को कम करना होता था.

What is ketogenic diet in hindi

ये एक विशेष प्रकार की डाइट होती है जिसमे 75 से 90 % भाग फैट यानि वसा, 8 से 20 % भाग protien,  2 से 5 % भाग carbohydrate होता है.  इस डाइट में carbohydrate का लेवल कम होने के कारण blood में ग्लूकोस कि मात्रा नार्मल या कम जो जाएगी जिससे attack आने के चांसेस कम हो जायेंगे क्योकि ग्लूकोस का लेवल ज्यादा होने से attack आने के ज्यादा चांसेस होते हैक्योकि मिर्गी रोगी के मस्तिस्क में ग्लूकोस का मेटाबोलिज्म disturbed हो जाता है  blood में ग्लूकोस कम होने के कारण ही फैट लीवर में ketones में बदल जाता है जो की वहां (लीवर) से blood में चला जाता है.

क्योकि इस डाइट का मुख्य भाग फैट या वसा होता है ये फैट लीवर में जाकर ketone body बनता है  ये ketones लीवर से blood  में चले जाते है जब blood में इन ketones की  मात्रा ज्यादा होगी तो मस्तिस्क  ग्लूकोस की  जगह  ये ketonesको  एक प्रकार के इंधन रूप में इस्तेमाल करता है  ये ketone ATP बनाते है जिससे ऊर्जा बनती है और इस उर्जा को मस्तिस्क आपने सामान्य काम करने के लिए इस्तेमाल करता है इस प्रकार मस्तिस्क में उतेजित और शांत करने वाले neurotransmitter का संतुलन स्थापित हो जाता है और धीरे धीरे इस डाइट को फॉलो करने से attack आने बंद हो जाते है.

ketogenic डाइट norphinephrine नमक रसायन की मात्रा को भी मस्तिस्क में बढ़ा देता है जिससे attack आने के चांसेस कम हो जाते है. ketone bodies या ketones  :   ये मुख्यता तीन होते है Acetoacetate, Beta hydroxyl butyrate, Acetic acid

Ketogenic Diet Food Chart

फैट में खाने योग्य

  1. घी
  2. मक्खन
  3. नारियल तेल
  4. मूंगफली का तेल
  5. ड्राई फ्रूट – बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट
  6. अलसी के बीज
  7. तिल के बीज
  8. नारियल का दूध
  9. गाय का दूध
  10. दूध की मलाई
  11. सूर्य मुखी के बीज

प्रोटीन के सोर्स

  1. पनीर
  2. सोया दूध
  3. सोयाबीन दाल
  4. सोयाबीन का आटा
  5. हरे मटर
  6. दही
  7. सहजन
  8. गोभी, पत्तागोभी
  9. पालक
  10. मशरूम

कार्बोहायड्रेट के सोर्स.

  1. ज़मीन के ऊपर उगने वाली सब्जियां
  2. चीकू
  3. केला
  4. जौ
  5. चौकर (आटे को छानने से जो छन्नी में बचता है)
  6. दालें
  7. हरी पत्तेदार सब्जियां
  8. शिमला मिर्च

एक शोध से ये सिद्ध हुआ है की MCT (MIDIUM CHAIN TRIGLYCERIDE) का सेवन करने से भी मिर्गी attack को काफी हद तक कम किया जा सकता है ये MCT नारियल में पाए जाते है. ये MCT ग्लूकोस के स्थान पर brain को ऊर्जा प्रदान करते है और ग्लूकोस में मेटाबोलिज्म को भी कम करते है और MCT oxidative स्ट्रेस से fight करने में भी मदद करते है जिससे mitochondrial function भी सुधर जाते है जिससे ऊर्जा (ATP) उत्पादन में भी मदद मिलती है.

MCT Source

  1. नारियल का तेल
  2. नारियल का दूध (नारियल की मलाई और पानी को मेश करने से ये प्राप्त होता है)

नोट – Ketogenic diet cancer, weight loose, Alzheimer’s disease, memory problem, diabetes इत्यादि रोगों में बेहद विश्वसनीय डाइट चार्ट है. और आप इसको शुरू करो तो ये आर्टिकल अपने डॉक्टर को ज़रूर पढ़ा दें.

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