Tuesday , 19 March 2024
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स्लिप डिस्क

अब खुद करें स्लिप डिस्क का आसान रामबाण इलाज onlyayurved

Slip disc treatment simple and cheaper

स्लिप डिस्क – मनुष्य के शरीर में कमर को सब से मजबूत भाग माना जाता है। कमर की बनावट में हड्डियां, कार्टिलेज (डिस्क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामैंट व नसें आदि शमिल हैं। इन में से किसी के भी विकारग्रस्त होने पर कमर दर्द उत्पन्न हो सकता है। मैकैनिकल कारणों के साथ टीबी से ले कर कैंसर तक कोई भी कारण दर्द पैदा कर सकता है। कमर दर्द का शिकार पुरुषों से अधिक महिलाएं होती हैं, जिस का मुख्य कारण होता है कमर की मांसपेशियों की कमजोरी। इस का दूसरा कारण है कमर की हडिडयों के जोड़ों में विकार होना।लगभग हर आदमी को अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द का अनुभव अवश्य होता है। आज कमर दर्द बहुत बड़ी समस्या बन गया है। हर उम्र के लोग इस से परेशान हैं और दुनिया भर में इस के सरल इलाज की खोज जारी है।आजकल यह समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं, और समाधान के नाम पर एलोपैथी में बस एक ही बात कह दी जाती है की सर्जरी करवाइये, और कोई समाधान नहीं बताया जाता है। दर्द निवारक दवाएं लेते रहिये, दर्द को दबाते रहिये या तो यह संधान या फिर सर्जरी।

इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कई शोध किए जा रहे हैं। कई प्रयोगों ने बहुत सी नवीन तकनीकों को जन्म दिया है। इस के अलावा कई दवाओं के माध्यम से भी इन का इलाज किया जा रहा है। किंतु इन सब के द्वारा बीमारी को जड़ से उखाड़ पाना अभी तक संभव नहीं था।

कमर दर्द से जुड़ी बीमारियों के लक्षण

पैरों का सुन्न होना, कमजोरी का एहसास होना, पेशाब में परेशानी, चलने पर पैरों के दर्द का बढ़ना, झुकने या खांसने पर पूरे पैर में करंट जैसा लगना आदि। कई बार रोगी की चाल शराबीयों जैसी लड़खड़ाती है।

कमर दर्द  के ये सभी कारण कई रीढ़ संबंधी बीमारियों को जन्म देते हैं जैसे स्पौंडिलाइटिस, सर्वाइकल, कमर में ट्यूमर, स्लिप्ड डिस्क आदि।इन में स्लिप्ड डिस्क  एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है।

आखिर यह स्लिप्ड डिस्क क्या होता है? दरअसल, स्लिप्ड डिस्क एक ऐसी बीमारी है, जिसे समझने के लिए रीढ़ की बनावट के बारे में जानना जरूरी है।

हमारी रीढ़ की हड्डी 33 हड्डियों के जोड़ से बनती है और प्रत्येक 2 हड्डियां आगे की तरफ एक डिस्क के द्वारा और पीछे की तरफ 2 जोड़ों के द्वारा जुड़ी होती है।

यह डिस्क प्राय: रबड़ की तरह होती है जो इन हड्डियों को जोड़ने के साथ साथ इन्हें लचीलापन भी प्रदान करती है। इन्हीं डिस्क में उत्पन्न हुए विकारों को स्लिप्ड डिस्क कहते हैं।

कमर दर्द से जुड़ी बीमारियों की पहचान है कमर से ले कर पैरों में जाता दर्द, पैरों का सुन्न या भारी होना अथवा चीटियां चलने जैसा एहसास भी हो सकता है। चलने पर असहनीय दर्द होना, कई बार लेटेलेटे भी कमर से पैर तक असहनीय दर्द होता रहता है।

स्लिप्ड डिस्क का रोग कमर के अलावा गर्दन में भी हो सकता है। अभी तक पुराने स्लिप्ड डिस्क के औपरेशन से लोग काफी भयभीत थे। क्योंकि इस में नसों के कट जाने व अपाहिज हो जाने का डर रहता था।

 स्लिप्ड डिस्क के दर्द से बचने के टिप्स

– उठने बैठने के ढंग में परिवर्तन करें. बैठते वक्त सीधे तन कर बैठें। कमर झुका कर या कूबड़ निकल कर न बैठें और न ही चलें।

– यदि बैठतेबैठते ही अलमारी के रैक से कुछ उठाना हो तो झुक कर ही उठाएं।

– क्षमता से अधिक वजन न उठाएं।

– नरम या गुदगुदे बिस्तर पर न सोएं, बल्कि सपाट पलंग या तख्त पर सोएं ताकि पीठ की मांसपेशियों को पूर्ण विश्राम मिले।

– वजन हरगिज न बढ़ने दें। भले ही इस के लिए आप को डाइटिंग या व्यायाम ही क्यों न करना पड़े।

– तनाव से बचें। चिंता दूर करने के लिए खुले में टहलें। कोई भी मनोरंजक क्रियाकलाप करें ताकि ध्यान बंटे।

– नियमित व्यायाम की आदत डालें ताकि शरीर चुस्तदुरुस्त व फुरतीला रहे। शरीर के सभी अंग क्रियाशील रहें। इस में पैदल चलना या जौगिंग सर्वश्रेष्ठ हैं। साइकिल चलाना, गोल्फ या बैडमिंटन खेलना आदि भी फायदेमंद है।

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आयुर्वेदिक इलाज :-

ग्वार पाठे के गुणों के कारण ही इस की सब्जी अक्सर गाँवों में बनायीं जाती हैं। ग्वार पाठे के उपयोग से शीघ्र पतन के रोगियों को भी बहुत फायदा होता हैं।
ग्वार पाठे के लिए ज़रूरी हैं के इसको ऐसी जगह से लिया जाए जहाँ पर सफाई हो और प्रदुषण से मुक्त स्थान हो, क्युकी इसमें एक गन होता हैं के ये अपने आस पास की सारी गंदगी को खींच लेता हैं जो इस में समाई रहती हैं। जैसे माहोल से इसको लिया जाएगा वैसा ही ये शुद्ध और अशुद्ध होगा।


ग्वार पाठा का शोधन :-


एक पात्र में गोबर के कण्डे (छाण , जो अक्सर गाँवों में गोबर को सुख से जलने के लिए बनाये जाते हैं) की राख बिछा ले, उस पर ग्वार पाठे को रख दे और इसके ऊपर भी राख बिछा दे। 4 से 6 घंटे रखने के बाद पानी से धो ले, इस प्रकार ग्वार पाठे का शोधन हो जाता हैं।
ग्वार पाठा काफी गर्म होता हैं जिन लोगो को अधिक गर्मी की समस्या हो वह ये प्रयोग न करे।

सावधानी :-

आप चाहे तो एलोविरा  यानि ग्वारपाठे का जूस भी सेवन कर सकते है,इससे इस बीमरी में अतिशय लाभ होता है।

अगर आप स्लिप डिस्क या कमरदर्द से अक्सर ही परेशान रहते हैं तो ये प्रयोग एक बार ज़रूर अपनाइये। अनेक लोग इस प्रयोग से कमर दर्द से मुक्ति पा चुके हैं। आप भी मुक्ति पा सकते हैं।आइये जाने इस प्रयोग के बारे में  “यहाँ क्लिक”  करके।

यह पोस्ट पूरी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद मित्रों।इसी तरह कि जानकारियां अपने मोबाइल पर कभी भी कही भी पढ़ने के लिए आप आपने मोबाइल में हमारा app जरुर डाउनलोड करें,इसे डाउनलोड करने के लिए आप “यहा क्लिक” करके डाउनलोड कर सकते हैं।

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