Friday , 29 March 2024
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कॉलेस्ट्राल का बढ़ना क्या है ? कॉलेस्ट्राल के लक्षण एवं रामबाण औषधीय घरेलु उपचार

क्या है कॉलेस्ट्राल ?

कॉलेस्ट्राल एक वसा जैसा घटक है, जो रक्त में परिसंचरण करता रहता है, सामान्य अवस्था में यह हमारे सरीर के लिए हानिप्रद भी नहीं है. सैल-मैम्ब्रन की समुचित देखरेख  के लिए ही हमारे सरीर में इसकी नितांत आवश्यकता होती है. चिकित्सा-विज्ञान के अनुसार हमारा सरीरी कुदरती ढंग से दो प्रकार के कॉलेस्ट्राल निर्मित करता है- प्रथम कॉलेस्ट्राल एलο डीο एलο है (L.D.L), जिसे बुरा कॉलेस्ट्राल भी कह दिया जाता है, क्यूंकि यह अत्यधिक मात्र में बड़ने पर धमनियों को अवरुद्ध करते हुए ह्र्दयघात की संभावनाओ को बढ़ता है, कॉलेस्ट्राल के अच्छे प्रकार को एचο डीο एलο (H.D.L) कहा जाता है.

कॉलेस्ट्राल की सामान्य मात्रा प्रति 100 मिलीलीटर सीरम में 150 से 250 मिलीग्राम तक सामान्य कॉलेस्ट्राल माना गया है.

अन्य नोर्मल वल्युज इस प्रकार है.–

एलο डीο एलο है (L.D.L)– 190 मिलीग्राम प्रतिशत से कम होनी चाहिए. आधुनिक विज्ञानं में 190 इसकी लिमिट कही गयी है, इस से ज्यादा हो तो फिर रोगी को l.d.l. को कम करने की दवा दी जाती है.

एचο डीο एलο (H.D.L)– 40 से 70 मिलीग्राम प्रतिशत या इस से ज्यादा होनी चाहिए.

कॉलेस्ट्राल बदने के प्रमुख कारण —

  • जैनेटिक फैक्टर अर्थात अनुवांशिक कारण
  • संतृप्त-वसा का अत्यधिक सेवन करना
  • शारारिक भर का अधिक बढना
  • धुम्रपान
  • परिश्रम का अभाव

लक्षण —

  • यद्यपि कॉलेस्ट्राल बडने में कोई सुस्पष्ट लक्षण नहीं होते है, लेकिन इसके कारण अन्य बिमारियों के लक्षण पैदा होने लगते है, जैसे एंजाइना
  • स्तर बहुत बढ़ा हुआ होने पर कुहनी और घुटनों पर तथा आँखों के निचे यलो-नोड्युल्स उभरने लगते है. लेकिन बहुत अधिक कॉलेस्ट्राल की मात्र के हमारे सरीर के लिए अस्वास्थ्यकर हो सकती है,

कॉलेस्ट्राल का घरेलु उपचार–

सुबह शाम खाली पेट लोकी का रस पियें, साथ में आंवले का रस भी सेवन करें, गौमूत्र का अर्क 30 ml. बराबर मात्रा में शहद मिलाकर आधा कटोरी गुनगुने पानी के साथ घोलकर पियें. अमृत के समान लाभप्रद है. कद्दू का नियमित सेवन भी लाभ देता है इस से कॉलेस्ट्राल एवं ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है

क्या सेवन करने से बचे–

मक्खन, दूध से बनी हुई मिठाइयाँ एवं अन्यान्य खाद्य-पधार्थ, वनस्पति घी, पाम ऑइल, तले हुए पधार्थ, सफ़ेद चीनी, पॉलिश किया हुआ चावल, मांस, मदिरा-पान, धुम्रपान, अंडे, विविध फ़ास्ट फ़ूड, तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन करना, विविध शीतल पेय.

क्या सेवन करें–

  • विटामिन-C तथा विटामिन-E का नियमित सेवन करें.  विटामिन-C तथा विटामिन-E की कार्मुकता अर्थात प्रभाव को बढ़ा देता है, साथ ही यह सरीर के लिए लाभप्रद एचο डीο एलο (H.D.L) को भी बढ़ता है,
  • लौकी (घिया) आयुर्वेद के अनुसार मीठी लौकी का फल हर्दय के लिए असीम हितकारी होता है, इसके सेवन करने से हमारे सरीर में पित एवं कफ नमक दोष शांत होने लगते है खाने में यह स्वादिष्ट एवं वीर्य को भी बढ़ता है. शरीर की समस्त की समस्त धातुओ को पुष्टि प्रदन करता है. लौकी में आयोडीन, फासफोरस पाए जातें हैं, विटामिन-B & C भी इसमें प्रमुख मात्र में पायें जाते है.
  • आंवला कॉलेस्ट्राल के बढे हुए स्तरों को प्रभावशाली ढंग से नियंत्रित कर देता है, आंवले में पाए जाने वाले पैक्टिन रेशे धमनियों में जमे हुए कॉलेस्ट्राल को बाहर निकालते हुए, धमनियों की कठोरता को दूर करते है, वासा के जमाव को भी रोकते है. इन के सेवन से उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित होता है, आंवले पे पाए जाए वाले रेशे हमारे शरीर में ओक्सिदेसन की प्रक्रिया को रोकते है, बैक्टीरिया एवं वायरस का प्रतिशोध करते हुए हमारे शरीर के प्रतिरोध तंत्र को भी शक्ति प्रदान करता है.
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  • लहसुन और दिल का रिश्ता तो चोली और दमन जैसा है, धमनी-काठिन्य अर्थात आर्थरोस्क्लेरोसिस, हार्ट एन्लाग्मेंट, हार्ट फैल्योर, हाईपर-टेंसन इत्यादी विक्रतियो की यह रामबाण औषधि है. ईन सब पर एकपोथिया लहसुन आम लहसुन की अपेक्षा अधिक प्रभावी है. उल्लेखनीय है की लहसुन का सेवन किसी भी रूप में करने से रक्तगत कॉलेस्ट्राल का स्तर तेजी से गिरता है, परिणाम स्वरुप धमनी काठिन्य की सम्भावनाये काफी कम हो जाती है. लहसुन ब्लड प्रेसर को नियंत्रित करता है, इस के सेवन से ट्यूमर बनने की प्रक्रिया रूकती है.
  • आयुर्वेदिक औषधि गूगल भी बेहद लाभप्रद है. ध्यान रखे की किसी भी रूप में गूगल सेवन करने के आधा घंटे पहले और आधे घंटे बाद तक कुछ भी नहीं खाएं.
  • कॉलेस्ट्राल को नियंत्रित करने के लिए अदरक भी बेमिसाल है. यह पोस्टाग्लेडिन तथा थ्रोम्बोक्सेन की उत्पत्ति पर प्रभावी ढंग से रोक लगती है, उल्लेखनीय है की जब हमारा शरीर अनियंत्रित रूप से पोस्टाग्लेडिन तथा थ्रोम्बोक्सेन का निर्माण करता है तो रक्त का थक्का बनने की क्षमता बढ़ जाती है.
  • इसबघोल के नियमित सेवन से भी कॉलेस्ट्राल नियंत्रित होता है. 5 से 10  ग्राम की मात्रा में इस की भूसी अर्थात हस्क का सेवन करें. तत्पश्चात पर्याप्त मात्रा में पानी पियें , ऊपर से अंगुरासव पिएं. नवीनतम अनुसंसाधन बताते है की इसबघोल विश्वशनीय ढंग से रक्तगत कॉलेस्ट्राल को नियंत्रित करती है, विशेष रूप से एलο डीο एलο है (L.D.L) को जो विविध हर्दय रोगों का जनक मन जाता है.  इसबघोल पाचन-संस्थान में कॉलेस्ट्राल बहुत बाइल अर्थात पित्त का काफी हद तक सोखने को क्षमता रखती है, परिणाम स्वरुप रक्तगत कॉलेस्ट्राल भी नियंत्रित हो जाता है.
  • हल्दी पर किये गएँ अध्यन बताते है की इसे लोग जिनको आहार में प्रतिदिन एक ग्राम हल्दी का समावेश किया जाता है, उनका ट्राइग्लिसराइड एवं टोटल कॉलेस्ट्राल लेवल तीन से छे महीने में ही कम हो जाता है, हल्दी  “कॉलेस्ट्राल” को कम करने वाली दवाओ से किसी भी रूप में  कम नहीं है, हल्दी का सेवन करने से रक्त वाहिकाओ में वासा का जमाव नहीं होता है, फलस्वरूप हर्दय रोगों के पैदा होने की संभावनाएं बहुत ही कम हो  जाती है.
  • धनिया और जीरा को हजारो वर्षो से भारतीय रसोई में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. उल्लेखनीय है की ये दोनों ही बेहतरीन एंटी-ओक्सीडेंट है, इनके नियमित सेवन करने से खून के ब्लोकेज अर्थात अवरोध आसानी से दूर हो जातें है, परिणाम स्वरुप व्यक्ति बाई-पास सर्जरी से बच जाता है.

विधि– 250 ग्राम धनिया दाना तथा 250 ग्राम जीरे को लेकर बारीक कपड-छान चूरण तैयार करें. 3 से 6 ग्राम की मात्र में यह चूरण सवेरे खालिपेट निराहार अवस्था में पानी के साथ सेवन करें. इसी प्रकार शाम को भी सेवन करें, इसके आगे पीछे एक घंटे तक कुछ भी सेवन न करें. अनेक बार अजमाया हुआ अचूक नुस्खा है.

  • अनार के रस का नियमित उपयोग भी लाभप्रद है. मेथी दाना, अंगूर, प्याज, किशमिश, त्रिफला, अर्थात हरड, बहेड़ा, आंवला, छाछ, भुने हुए काले चने, तुलसी की पतीयाँ भी इस विकार में ईस विकार में अमृत के समान लाभ देते है. भुने हुए चने रक्तचाप को नियंत्रित करने में बेजोड़ है. आयुर्वेद विशेषज्ञों की यह प्रबल मान्यता है की उच्च रक्तचाप के पीडितो को बराबर मात्र में गेहूं और काला चना मिलकर  पिसावकर चोकर सहित आटे से बनी रोटी रोटी का नित्य सेवन करना चाहिए यह करने से आप को दवा की जरुरत ही नाही रहेगी.
  • एलोवेरा-एलोवेरा का प्रयोग भी परम्परागत रूप से कॉलेस्ट्राल नियंत्रण हेतु सफलता पूर्वक किआ जाता रहा है. एलोवेरा के रस से नियमित सेवन से रक्तचाप अर्थात ब्लडप्रेशर नियंत्रित होता है, रक्त की शुधी हो कर रक्त प्रवाह बेहतर ढंग से होने लगता है. विशेष बात यह है की एचο डीο एलο (H.D.L) कॉलेस्ट्राल को बढाता है तथा ट्राइग्लिसराइड को कम करता है. इस के सेवन से हर्दय की दुर्बलता दूर होती है. इस में पाई जानेवाली गरमी तथा तीखेपन के कारण हर्दय धमनियों के अवरोध दूर होने लगते है, इसे हर्दय की सुजन भी कहते है.
  • अनार-प्रतिदिन एक गिलास अनार का रस पिने से जादुई ढंग से कॉलेस्ट्राल नियंत्रित होने लगता है.

Heart Re Booster – हृदय के लिए वरदान – आपके Heart की सम्पूर्ण सुरक्षा

Heart Re Booster. अगर आप High BP, कोलेस्ट्रॉल की दवा खा खा कर परेशान हो गएँ हैं या आपके हृदय रक्त वाहिनियों में इतनी ब्लॉकेज हो गयी है के डॉक्टर ने आपको ऑपरेशन की या बाय पास की या पेस मेकर की या स्टंट की सलाह दे दी हो या किसी रोगी को हार्ट अटैक आ चुका है और वो चाहता है के उसको दोबारा हार्ट अटैक ना आए तो अभी आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है, Only Ayurved आपके लिए लेकर आया है एक ऐसी बेहतरीन दवा जिसका नाम है Heart RE Booster अर्थात हृदय को पुनः शक्ति देने वाला.  इसका सेवन करने से आपकी वो दवाएं भी छूट जाएँगी जो डॉक्टर ने आपको उम्र भर लेने की सलाह दे दी है.
Heart Re booster  हार्ट री बूस्टर Only  Ayurved द्वारा बनायी गयी एक अति विशेष और विश्वसनीय औषिधि है, जो आपके हार्ट की सम्पूर्ण देखभाल करता है. इसमें डाली गयी सभी औषिधियाँ एक से बढ़कर एक हैं. और इन औशिधियों का लोहा सिर्फ आयुर्वेद ही नहीं अपितु एलॉपथी भी मानता है. Heart Re Booster

Heart Re Booster As Cardio Tonic

Heart Re Booster एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जो के एक सर्वश्रेष्ठ Cardio Tonic है. Heart Re Booster हृदय की Contraction Power को बढाता है. जो हृदय को सिर्फ बूस्ट ही नहीं करेगा बल्कि उसकी पॉवर को कई गुणा बढ़ा देगा. यह Congestive Heart Failure (CHF) की समस्या का समाधान भी करता है.

Heart Re booster उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है, जिनको एनजाइना की समस्या होती है. इसका निरंतर प्रयोग हार्ट को स्ट्रोंग करके Coronory धमनियों में रक्त के संचार को सुचारू रखता है.

Heart Re Booster As Anti Hyper Lipidemic

Heart Re Booster में अगर LDL और Tryglyceride की मात्रा बढ़ने से रक्त वाहिनियाँ हार्ड हो जाती हैं, इस समस्या को Atherosclerosis कहते हैं जो के हार्ट अटैक, एनजाइना या स्ट्रोक का कारण बन सकती है ऐसे में Heart Re Booster के  सेवन से बढ़ा हुआ बुरा कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम हो जायेगा, और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढ़ जायेगा. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ साथ Triglycerides को भी कम करता है, जिससे धमनियों में ब्लॉकेज नहीं होती.

Heart Re Booster As Anti Clotting (Blood Thinner)

Heart Re booster हार्ट अटैक, स्ट्रोक, स्किमिया, एनजाइना इत्यादि से बचाता है. क्यूंकि हार्ट रीबूस्टर एक प्रभावशाली Blood Thinner है, इसके सेवन से रक्त वाहिनियों में किसी भी प्रकार की आंतरिक Clotting या कहें के रक्त का थक्का नहीं जमता जिस से रक्त का Circulation सही ढंग से होती रहती है. और सभी अंगों को रक्त द्वारा ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों की सही सप्लाई होती रहती है.

Heart Re Booster As Anti HyperTensive

Heart Re Booster आपको स्ट्रोक और हार्ट अटैक से बचाता है. क्यूंकि Heart Re Booster में ऐसी औषधियां डाली गयी हैं जो शरीर में BioLogical Amines के metabolism को प्रभावित करके और रक्त वाहिनियों को रिलैक्स करके ब्लड प्रेशर को नियमित करती है. जिस से स्ट्रोक और हार्ट अटैक होने की सम्भावना कम हो जाती है.

Heart Re Booster As Anti Arrhythmic

Heart Re Booster में डाली गयी औषिधियाँ आपके हृदय के बढ़ी हुयी गति (धड़कन – Heart Rate) को कम करती है, सामान्य धड़कन 72 बीट्स per minute होती हैं, अगर किसी कारण वश धड़कन 200 तक भी चली जाए तो भी ये उसको सामान्य कर सकती है.

हृदय रोगियों को अक्सर बी पी बढ़ने और धड़कन बढ़ने से घबराहट और नींद ना आने की समस्या रहती है, Heart Re Booster में ऐसी औषिधियाँ डाली गयी हैं जिनसे रक्त का Circulation दिमाग में सही रूप से होता है. जिससे Mind Relax रहता है और अच्छे से नींद आती है.

Heart की यह विशेष Medicine Heart Re Booster आपके पास इन निमिन्लिखित जगहों से मिल जाएगी. आप अपने नजदीकी एरिया से संपर्क कर के यह मंगवा सकते हैं.

आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location

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मधेपुरा – 9546552233

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रायपुर – 9644133772

दुर्ग भिलाई – 9691305217

झारखण्ड

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धनबाद – 7004458228

महाराष्ट्र

मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490

धुले – 8999909029

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पुणे – 9209211786

नागपुर – 8830998853

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कोल्हापुर – 9923280004

अहमद नगर – राओरी – 8605606664

कल्याण – 8454050864

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औरंगाबाद – 7020505445

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पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन )  –  9428371583

द्वारिका – 9033790000

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अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090

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सूरत –  8866181846, 9879157588

भुज / मुंद्रा  – 9974576143

जामनगर – 9974199748

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उत्तर प्रदेश

मेरठ – 8449471767

हापुड़ – 9528777776

हाथरस ( U. P. ) –  9997397043, 7017840020

मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028

फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह

फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374

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वाराणसी – 9125349199

गोरखपुर – 9792960999

सिद्धार्थ नगर – 9936404080

महाराजगंज – 9455426806

लखनऊ – 9140546350

लखनऊ आयुष चिकित्सालय –  7071332332

इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह

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देहरादून – 9897890225

दिल्ली –  NCR

सराय कालें खां –  9015439622, 9871490307

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फ़रीदाबाद – 9315154682

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One comment

  1. bohot achha h ji

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