आमाशय रोगो के लिए -अचूक व अनुभूत योग जो शीघ्र लाभाकरी है,बनाकर लाभ ले |
आमाशय एक कददू के आकार का अवयव है |इसमें हमारा खाया हुआ भोजन पंहुच कर पचता है |मनुष्य का स्वास्थ्य और
शक्ति आमाशय पर निर्भर है |यदि आमाशय स्वस्थ और बिल्कुल ठीक हो तो साधारण भोजन भली भाती पच कर शरीर
को बलवान बनाता है |यदि आमाशय में किसी प्रकार का दोष हो तो अच्छे से अच्छा भोजन भी लाभप्रद सिद्ध नही होता |
यदि इसमें किसी प्रकार का विकार हो तो तुरंत उपचार करना चाहिए |निचे कुछ अत्युतम और अनुभूत योग लिख रहा हु |
1 .-आमाशय पीड़ा नाशक –
यह योग आमाशय की पीड़ा को नाश करके उसे प्राक्रतिक अवस्था में लाता है |भूख खूब लगती है सख्त से सख्त भोजन
शीघ्र पच जाता है अनुभूत और अचूक योग है |
विधि –
देशी अजवायन 12 ग्राम ,काला नमक 3 ग्राम और हिंग 2 रती ,सबको बारीक़ पीसकर शीशी में डाल ले |आवश्कता
के समय प्रातः सांय 4 रती से 1 ग्राम तक की मात्रा थोड़े गर्म पानी के साथ दिया करे |अनुपम ओषधि है |
2 .-आमाशय पीड़ाहारी चूर्ण –
आमवात और कफ के कारण होने वाली आमाशय पीड़ा के लिए यह बड़ा लाभप्रद है |इसके सेवन से भूख अच्छी लगती है
खाया हुआ भोजन अच्छी प्रकार पचकर शरीर का अंश बन जाता है
विधि –
सोंठ और देशी अजवायन को समान मात्रा में लेकर बारीक़ पिस ले |थोडा -सा सेंधा नमक मिलाकर रख छोड़ें
आवश्कता के समय प्रातः सांय भोजनोपरान्त एक से दो ग्राम तक की मात्रा पानी के साथ दिया करे |कुछ ही दिनों
में सब प्रकार के आमाशय रोगों में मुक्ति मिलेगी
3 .-आमाशय पीड़ानिवारक योग –
विधि -आवश्कतानुसार रेवन्द खताई लेकर बारीक़ पीसकर शीशी में डाल ले |आवश्कता के समय 1-2 ग्राम तक की
मात्रा 15 ग्राम गुलकंद में मिलाकर खिलाया करे |यदि इससे वमन हो जाएगी तब भी आराम हो जायेगा |अन्यथा
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा |ओषधि के बाद एक दो गुंठ पानी की पिला दिया करे |अनुपम और
अचूक नुस्खा है |
4 .-आमाशय दुर्बलता का उपचार –
आमाशय को शक्ति पहुचाने वाला सस्ता और गुणों से भरपूर योग है |
विधि –
एक सेब लेकर इसके चारो और जितने लोंग आ सके ,चुभा दे यदि पहले सेब को छिल लिया जाये तो बहुत अच्छा हो
यह सेब को 40 दिनों तक सुरक्षित स्थान पर रखे बाद में लोंग निकालकर शीशी में रख दे |आवश्यकता के समय
सुबह शाम भोजन के बाद एक -एक लोंग दिया करे |इससे इतना लाभ होगा की विस्मित रह जायेंगे |
5 .-स्वास्थ्यवर्धक चूर्ण –
यह चूर्ण पाचन शक्ति को ठीक करता है ,आमाशय को बल प्रदान करता है |पेट दर्द और खट्टे डकार के लिए अत्यन्त
लाभप्रद है |
विधि –
आवश्यकतानुसार सोंठ और अजवायन लेकर इसमें नींबू का अर्क इतना डाले की दोनों तर हो जाये इसे छाया में सुखाकर
बारीक़ पिस ले इसमें थोडा सा नमक मिलाकर सावधानी से रख छोड़े ,दोनों समय 4 रती से 1 ग्राम तक की मात्रा पानी के साथ दिया करे |इस चूर्ण के सेवन से आमाशय के सब विकार दूर होकर पूर्ण स्वास्थ्य लाभ होगा |
6 .-अन्य योग –
यह चूर्ण भी अदभुद ओषधि है यथा आमाशय पीड़ा ,उदर पीड़ा ,आफरा ,भोजन न पचना ,गंदे डकार आदि रोगों के
लिए यह अत्यधिक लाभप्रद है
विधि –
अनारदाना 10 ग्राम ,पुदीना के सूखे पत्ते 5 ग्राम और स्वाद के अनुसार सेंधा नमक |तीनो ओषधि को बारीक़ पीसकर किसी शीशी में एख ले |आवश्यकता के समय 1-2 ग्राम तक दोनों समय भोजनोपरान्त दिया करे बहुत लाभ होगा |
7 .-सरल चूर्ण –
विधि -सोंफ 10 ग्राम और सफेद जीरा 5 ग्राम |दोनों को बारीक़ पीसकर थोड़ी सी खांड मिला ले और आवश्यकता के समय
काम में लाये |प्रातः काल एक -एक ग्राम की पुडिया ठंडे पानी के साथ दिया करे |
सब प्रकार के आमाशय के रोगों का निराकरण हो जायेगा |
8 .-पाचन गुटी –
यह योग अनेको रोगों पर रोगियों के कष्टों का निवारण करता है |आमाशय रोगों के लिए संजीवनी से कम नही है |
विधि -आक के ताजा लोंग 5 ग्राम ,काली मिर्च 2 ग्राम और अमचुर 10 ग्राम |सब ओषधि को बारीक़ पीसकर पानी
से मटर के दाने के बराबर गोलियां बना ले |छाया में सुखाकर शीशी में रख ले और आवश्कता के समय एक से दो
गोली गुनगुने पानी से दे |सर्व प्रकार के आमाशय रोगों के लिए अनुपम और अचूक योग है |बनाकर लाभ उठाये