Friday , 26 April 2024
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आम (Mango) है एक चमत्कारी जडी-बुटी जाने मुख्य रोगों में इस के बेहतरीन प्रयोग

हम यह प्राचीन और पाश्चात्य वनस्पति विज्ञान के अनुसार आस्रादि का एक महत्वपूर्ण व्रक्ष है, समस्त संसार में भारतवर्ष को ही मधुर फलदाई आम्रवृक्ष पैदा करने का सौभाग्य प्राप्त है.

 

आम का रोगों में मुख्य प्रयोग:-

  • अतिसार:-  अमर वृक्ष की अंतर छाल  4 तोले कुटकर आधा सेर जल में अष्टमांस स्वास्थ्य सिद्ध कर ले, ठंडा होने पर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पिलाने से अतिसार विशेषता है आमातिसार में लाभ होता है-
  • प्रमेह और मधुमेह:- आम की अंतर छाल का रस दो तोले मे चूने का निथरा हुआ जल छह मासे मिलाकर पिलाने से प्रेमह मै विशेष लाभ होता है इस मिश्रण को तैयार कर तत्काल ही पिलाना चाहिए देरी करने से उसका प्रभाव कम हो जाता है-
  • दाद – खुजली, वर्ण आदि त्वचा के रोग:- आम के कच्चे फलों को जिनमें गुठली सख्त ना हुई हो कुचलकर मोटे कपड़े में डालकर रस निचोड़ लें जितना यह रस हो उसका चौथाई भाग मैथिलेटेड स्प्रिट या खालीस देसी शराब मिलाकर शीशी में भरकर रख लें तीसरे दिन से इसी टिंचर को काम में लेवें.  इसके लगाने से पुरानी दाद चंबल आदि त्वचा संबंधी रोग शीघ्र ही मिटते हैं, गहरे से गहरे नासूर भी इसे दिन में 2 बार लगाने से दूर होते हैं यह बहुत ही तेज दवा है जख्मों पर बहुत लगती है इसे रुई की फुलवारी से दिन में दो बार लगाने से फूटे हुए कंठमाला भंगदर पुरानी मुगलाई फोडे आदि जड़ से दूर हो जाते हैं इसे लगाने से अर्श के मस्से भी सुख जाते हैं.
  • खुजली रोग:- आम का बोर और आम की ताजी कोपल 10-10 तो ले पक्के आम को गुठली की गिरी और आम की जड़ की छाल 6-6 तोले लोहे चूर्ण 4 तोले तथा पुराना गुड तो शेर कूट-पीसकर 10 सेर पानी में चीनी या काशी के पात्र में भरकर रख लें प्रतिदिन प्रातः साई आम की लकड़ी से हिला दिया करें 15 दिन बाद रोज प्रातः काल तीन छटाक छानकर उसमें दो तोले मिलाकर पिया करें सभी प्रकार की खाद शीघ्र दूर हो जाती है.
  • फोड़े फुंसियों के लिए:- आम के पेड़ का कौन थोड़ा गर्म कर लगाने से फोडा पूरा पक कर बह जाता है और वह आसानी से भर जाता है.

 

 

  • नेत्र रोग:- आम के ताजे पत्ते एक सेर धोकर साफ़ करें फिर कुचलकर ताम्रपत्र में 8 सेर जल में मिलाकर रात भर रखें प्रातः इसी पत्र को आग पर चढ़ाने आधार जल सेस रहने पर छानकर उन्हें इस फल को पकाए शहद की तरह घन क्वाथ सिद्ध हो जाने पर शीशी में भर कर रखें इसमें से लगभग 2 रत्ती दवा को 6 माह से जल में मिलाकर उसकी दो या तीन बूंदें आंखों में दिन में दो तीन बार डालने से सुर्खी खुजली नेत्र स्त्राव वरण सोथ और गंदलापन दूर होता है कमजोर दृष्टि में भी लाभ होता है यदि केवल नेत्र पीड़ा हो तो आम की कैरी को पीसकर नेत्र पर बांधने से भी लाभ हो जाता है.
  • भस्मक रोग:- मीठे आम का रस एक पाव, भैंस का उबला हुआ दूध एक पाव, घर्त 4 तोला और खांड 9 तोला एक साथ मिलाकर दो तीन बार सेवन करें 15 दिन में भस्मक रोग में लाभ होता है.
  • दंतरोग:- आम के पत्तों को जलाकर काली राकेश इंग्लिश को कपड़छान कर ले प्रातः शाम उंगली से दांत और मसूड़ों पर मंजन करने से अथवा गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से दांत में मसूड़ों के बहुत से रोग यहां तक कि पायरिया भी दूर हो जाता है.
  • केश कल्प:- आम की गुठलियो की गिरी का पाताल यंत्र द्वारा निकाला हुआ तेल लगाने से सफेद बाल काले और चमकदार हो जाते हैं तथा काले बालों में लगाने से बाल कभी सफेद नहीं होते

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