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यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण (UTI) में अनार है फायदेमंद, जानें कैसे करें इसका सेवन !!

मूत्र मार्ग में होने वाले बैक्टीरिया संक्रमण को यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण कहते हैं. यह बीमारी संक्रामक होती है जो महिलाओं में होती है. इस बीमारी की जटिलताओं और संभावनाओं को दूर करने के लिए उचित चिकित्सा का ध्यान रखना चाहिए. आपके शरीर में बैक्टीरिया को फ्लश करने के लिए डॉक्टरों द्वारा अक्सर अधिक तरल पदार्थ का उपभोग करने की सलाह दी जाती है. ऐसे संक्रमण से बचाव के लिए अनार का प्रयोग करें. अनार एंटीऑक्सिडेंट्स से भरा होता है. अनार में पाये जाने वाले गुणों के कारण इससे काफी हद तक बचाव किया जा सकता है. यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण के लक्षणों से राहत के लिए अनार का रस अच्छा उपाय हो सकता है.

क्या है यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को मूत्र मार्ग संक्रमण भी कहते हैं यह महिलाओं में होने वाली बीमारी है. एक अनुमान के अनुसार करीब 40 फीसदी महिलाएं जीवन में कभी न कभी यूटीआई से ग्रसित होती है. यूरीनरी ट्रैक्‍ट संक्रमण जीवाणु जन्य संक्रमण है जिसमें मूत्र मार्ग का कोई भी भाग प्रभावित हो सकता है. हालांकि मूत्र में तरह-तरह के द्रव होते हैं किंतु इसमें जीवाणु नहीं होते. यूटीआई से ग्रसित होने पर मूत्र में जीवाणु भी मौजूद होते हैं. जब मूत्राशय या गुर्दे में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं तो यह स्थिति आती है.

संक्रमण से बचने के लिए काफी फायदेमंद है अनार
अनार में बहुत सारे औषधीय गुण पाये जाते हैं, इसके औषधीय गुणों के कारण ही कहा जाता है, ‘एक अनार सौ बीमारी’ यानी 100 बीमारियों की दवा है अनार. अनार विटामिन्स का बहुत अच्छा स्रोत है, इसमें विटामीन ए, सी और ई के साथ-साथ फोलिक एसिड भी होता है. इसमें एंटी आक्सीडेंट, एंटी वाइरल की विशेषता पाई जाती है. इसमें पाये जाने वाले विटामिन सी और दूसरे एंटीऑक्‍सीडेंट संक्रमण होने से बचाते हैं. यही एंटीऑक्‍सीडेंट जीवाणुओं को मूत्र मार्ग में घुसने से बचाता है. जबकि विटामिन सी इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाता है, यह संक्रमण से बचाव करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा यह फल बदलते हुए हार्मोन के प्रभाव को भी कम कर देता है जो यूटीआई के लिए जिम्‍मेदार हो सकते हैं.

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ऐसे करें अनार का सेवन
अनार के दानों को निकाल लें, अनार के दानें लगभग एक कटोरी होने चाहिए. इसे दिन में कभी भी खायें, अगर संक्रमण अधिक हो तो दिन में दो से तीन बार अनार खा सकते हैं. इसके अलावा आप अनार का जूस भी पी सकते हैं। अनार को रात में खाना खाने के बाद भी खाएं.

अन्य प्राकृतिक तरीके
अनार के अलावा कुछ प्राकृतिक उपाय हैं जो इन लक्षणों में राहत देने का कार्य या उसे रोक सकते हैं. यद्यपि यूटीआई के इलाज के लिए एंटीबायोटिक उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ प्राकृतिक उपाय हैं जो इस स्थिति का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकते हैं. अनार की तरह, नींबू भी विटामिन सी और शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो शरीर को क्षोभित करता है. नींबू का रस बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकता है और एक मूत्रवर्धक एजेंट के रूप में काम कर सकता है. क्रेनबेरी का रस भी एंटीऑक्सिडेंट होता है जो बैक्ट्रीरिया को मूत्र मार्ग की दीवारों से चिपकने से रोकते हैं. क्रैनबेरी शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को मुक्त करने में भी मदद करता है.

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