Tuesday , 23 April 2024
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मलेरिया बुखार के लिए बहुत लाभप्रद और अनुभूत प्रयोग -अवश्य प्रयोग में ले

मलेरिया बुखार के लिए बहुत लाभप्रद और अनुभूत प्रयोग -अवश्य प्रयोग में ले

मलेरिया ज्वर बहुत प्राचीन समय से संसार में विद्दमान है .मलेरिया होने का मूल कारण मच्छर है .

मच्छर इस रोग के कीटाणु शरीर में पंहुचाता है.नीचे कुछ लाभप्रद और अनुभूत नुस्खे लिख रहे है

1 .-मलेरिया संजीवनी –

विधि — आवश्यकतानुसार हरताल गोदन्ती लेकर एक दिन नीम के पत्तो के रस में खरल करे.टिकिया

बनाकर मिटटी के कूजे में डालकर कपरोटी करे.सूखे जाने पर आग दे,सर्द होने पर बारीक़ करके बोतल में

भर दे .प्रतिदिन चार रती से एक ग्राम तक की मात्रा ताजा पानी के साथ दिया करे.यह अकेली ओषधि

मलेरिया ज्वर के लिए अक्सीर है और कुनिन से अतिश्रेष्ठ है

2 .- दूसरा योग –

यह योग भी अपने गुणों में बहुत उच्च है यह बहुत सफलतम योग है

विधि — करंजवा की मींगी 25 ग्राम,कालीमिर्च 6 ग्राम,दोनों को बारीक़ करके शीशी में डाल रखे इसमें से

रती ओषधि ज्वर आने से दो घंटे पूर्व ताजा पानी के साथ दे.आशा करते है की पहले दिन आराम होगा नही

तो दो दिनों तक इसी प्रकार ओषधि दे.बहुत पुराना ज्वर नष्ट हो जायेगा

3. -तीसरा योग –

विधि — आवश्यकतानुसार लाल फिटकड़ी लेकर लोहे के तवे पर रखकर निचे मंद मंद आग जलावे ऊपर

से आक का दूध डालने रहे यहा तक की ओषधि का रंग काला हो जावे .बस ओषधि तेयार हे बारीक़ पीसकर

रख छोड़े. ज्वर आने से पहले दो दो रती तीन बार पानी के साथ दे

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