Saturday , 20 April 2024
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अनेक प्रकार के रोगों के लिए अनुभूत और शीघ्र लाभकारी नुस्खे.अवश्य आजमाएं

अनेक प्रकार के रोगों के लिए अनुभूत और शीघ्र लाभकारी नुस्खे.अवश्य आजमाएं

आज हम आपको इस पोस्ट में विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए अनेक नुस्खे जो बहुत ही लाभदायक

और सरल हे इन्हें अजमाकर देखे लाभ अवश्य होगा

1 .- हेजा -विशुचिका पर

विधि —- सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम और देशी कपूर 4 रती लेकर दोनों को एक करके खूब खरल कर ले और इसके

7 भाग कर ले .रोगी को आधा-आधा घंटे से 1-1 खुराख दे .वमन और दस्तो के बंद हो जाने पर फिर इसे न देवे

शीघ्र लाभ होगा .

2.- बाय गोला (नलाश्रित वायु ) पर

विधि —- अरंडी के हरे पत्ते 12 ग्राम को आधा किलो जल में ओटाया और चोथा हिस्सा शेष रहने पर छानकर

उसमे 2 से 4 रती तक जवाखार मिलाकर पिलावे .यह एक मात्रा है .इस प्रकार सुबह और शाम सेवन करने से

शीघ्र लाभ होता है.यदि उदर में वात कफ जन्य शूल हो या आफरा होवे तो उक्त एरंडपत्र -क्वाथ में 1 ग्राम तक

काला नमक या सेंधा नमक मिलाकर पिलाने से अवश्य लाभ होता है .

3 . – सभी प्रकार के उदर रोगों पर –

विधि —- सेंधा नमक 12 ग्राम और हिंग घी में भुनी हुई 3 ग्राम दोनों को महीन पिस रखे .मात्रा 2 या 3 ग्राम

तक गो मूत्र 50 ग्राम में मिलाकर सेवन कराएं .तेल खटाई,गुड,दही और लाल मिर्च से परहेज करे .

4 . – कामला के लिए –

विधि —- खांड या बुरा 25 ग्राम को राई 3 ग्राम के साथ खरल करे .जब गोली सी बनने लगे तब उसकी 4 गोलिया

बना ले और पके केले के गुदे के साथ प्रातः सांय खावे .2 दिन में ही कामला विशेष उष्णता या पित विक्रति से

उत्पन्न कामला का नाश होता है .

5 . – अपस्मार आदि वात व्याधि पर –

विधि —- ग्वार पाठे का रस एक भाग  और शहद दो भाग  दोनों को शीशी में भरकर 5 या 6 दिन तक धुप में रखे

फिर छानकर दूसरी शीशी में भर रखे इसकी रोगी के नाक में 5 या 7 बूंद की नस्य देवे .अपस्मा( मिर्गी ) तथा कम्प

रोग दूर होते है और सिर की पीड़ा भी दूर होती है .

6.- चोट लगने पर –

विधि —- यदि किसी को हाथ या पेर पर किसी वस्तु की लग जाये ,कट जावे ,खून निकलता हो तो तत्काल मिटटी

के तेल में कपड़ा तर करके उसके उपर बांध देने से तुरंत खून बंद हो जायेगा ,दर्द बिल्कुल न रहेगा .दो चार दिन

ऊपर बंधे कपड़े पर मिटटी का तेल डालते रहने से वह स्थान सही हो जाता है .

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