आयुर्वेद में, निस्तापन (कैल्सिनेशन) से प्राप्त पदार्थों (औषधियों) को भस्म कहते हैं। आयुर्वेद में भस्म, एक ऐसा पदार्थ जिसे पकाकर (निस्तापन) प्राप्त किया गया, के रूप में परिभाषित किया गया है। भस्म (जलाये जाने के बाद बचा अवशेष या जल कर राख कर देने के बाद बची सामग्री) और पिष्टी (बारीक पीसी हुई मणि या धातु) को आयुर्वेद में जड़ी बूटियों के साथ औषधीय रूप …
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अभ्रक भस्म के गुण और विभिन्न बिमारियों में उपयोग की विधि.
अभ्रक भस्म के प्रधान गुण – Abhrak Bhasm ke fayde अभ्रक भस्म त्रिदोष नाशक, प्रमेह, कुष्ठ, उदररोग, राजयक्ष्मा, पांडू, कामला, गृहणी, शूल, श्वास, कास, गाम, मन्दाग्नि, ज्वर, गुल्म, अर्श, मानसिक दुर्बलता, मृगी, उन्माद, हृदय रोग, प्रसूत, निर्बलता आदि सब प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों में यह भस्म लाभदायक सिद्ध होती है. इसके सेवन से शरीर सुदृढ़ और बलवान होता …
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