उपदंश ,सुजाक ,पुयमेह रोगों के अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा- लाभ ले> परिचय – इस प्रकार के रोग पहले नही हुआ करते थे क्योंकि पहले लोग संयमी हुआ करते थे आजकल लोग ज्यादा कामुक हो गये है 7 से 14 दिनों में इस रोग के लक्षण पैदा होते है सबसे पहले इंद्री पर मसूर के दाने के बराबर एक दाना निकलता है …
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चन्द्रप्रभा वटी – ऐसा अद्धभुत आयुर्वेदिक रसायन जो बुढ़ापा और रोगों को दूर रखे !!
मूत्र, मासिक, धातु रोग में है बहुत फायदा- chandraprbha vati ke fayde आयुर्वेद में इसे रसायन कहा गया है ! रसायन उसे कहते हैं जो बुढ़ापा और रोगों को दूर रखे ! इसके सेवन करने से 20 प्रकार का प्रमेह, मूत्रकृच्छ, मूत्राघात, पथरी रोग, मलबद्धता, अनाह (अफारा), शूल, उपदंश, गाँठ, अर्बुद, अंडकोष फूलना, पीलिया, कांवर, हलीमक, आंते बढ़ना, कमर की …
Read More »सूजाक Gonorrhea की समपूर्ण जानकारी और इसको सही करने के आयुर्वेदिक रामबाण नुस्खे.
Soojak ke gharelu raambaan nuskhe aur sampurn jaankaari. जिस रोग में लिं गे न्द्रि य के भीतर ज़ख्म या घाव हो जाते हैं, पेशाब करते समय जलन होती है और भीतर से पीब निकलती है, उसे आजकल सर्व साधारण जानकार लोग और यूनानी हकीम ‘सूजाक’ कहते हैं. अंग्रेज और हिन्दुस्तानी डॉक्टर्स इसे ‘गनोरिया’ Gonorrhoea कहते हैं. क्षय और हैजे रोग …
Read More »सुजाक, सिफलिस आतशक या उपदंश का घरेलु उपचार। -Only Ayurved
परिचय- सुजाक और आतशक (उपदंश) यौन रोगों की बहुत ही घिनौनी बीमारियों में गिनी जाती हैं। यह रोग स्त्री और पुरुष दोनों को हो सकता है। मूत्रकच्छ,सुजाक,पूयमेह, अथवा गोनारिया एक ही रोग के अलग अलग नाम हैं । कारण- सुजाक या उपदंश रोग स्त्री और पुरुषों के गलत तरह के शारीरिक संबंधों के कारण होने वाले रोग है। जो लोग अपनी पत्नियों …
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