यह प्रयोग जुकाम, नजला (प्रतिश्याय), सिर शूल, दाढ़ पीड़ा, साइनस, आधा शीशी को क्षणों में ही दूर कर देता है. इसका असर ऐसा है के ये दवा नाक के पास लाते ही नाक की बंद नलिकाएं खुल जाती है. अगर यह अचेत (बेहोश) रोगी को भी सुंघा दें तो वो भी सचेत हो जाता है.यह योग अनेक लोगों पर अनुभूत …
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