उंगुलियां चटकाने से उंगुलियां के आसपास के मसल्स को काफी आराम मिलता है इसलिए उंगुलियां चटकाने की आदत हर दूसरे इंसान को होती है। जबकि ये आदत एक भयानक रोग को जन्म दोती है। अगर आपको भी है ये आदत तो इस तरह से छुड़ाएं अपनी ये आदत।
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कैसे चटकती हैं उंगुलियां
ऑफिस में बैठे-बैठे या कुछ पढ़ते व लिखते वक्त आप अपनेआप उंगुलियों को फोड़ने या चटकाने लगते हैं। ऐसा अमूमन हर दूसरा इंसान करता है। उंगुलियों के चटकने के बाद हाथों को काफी आराम मिलता है जिस कारण लोग और अधिक उंगुलियां चटकाने लगते हैं। कई लोग तो गर्दन की हड्डियां भी सुबह-सुबह उठकर चटकाते हैं। जबकि इस तरह से हड्डियों को या उंगुलियों को चटकाना काफी नुकसानदेह होता है। तो आइए इस लेख में जानें उंगुली चटकाने से होने वाले नुकसान और इसे छोड़ने के तरीके।
. इस कारण पड़ती है ये आदत
लगभग हर इंसान को ये आदत होती है। जबकि इस आदत के बारे में कोई किसी को सिखाता भी नहीं है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि ये आदत कैसे पड़ती है? दरअसल उंगलियों को चटकाने से जोड़ों के आसपास की मसल्स और हाथों को आराम मिलता है। इसलिए लोग लिखते-पढ़ते या ऑफिस व अन्य जगह में बैठे-बैठे ही उंगलियां चटकाने लगते हैं क्योंकि ऐसा करने से उन्हें आराम मिल जाता है।
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होता है गठिया का रोग
उंगुलियां चटकाने से गठिया जैसी खतरनाक बीमारी होती है। ब्रिटेन के एक अंग्रेजी अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हडि्डयों को चटकाना गठिया रोग का कारण बनता है। इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी हडि्डयां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं जिसे जोड़ कहते हैं। इन जोड़ों के बीच एक द्रव होता है जो उंगुलियों के चटकने के दौरान कम हो जाता है। ये द्रव जोड़ों में ग्रीस के समान होता है जो हडि्डयों को आपस मे रगड़ खाने से रोकता है। ऐसे में बार-बार उंगुलियों के चटकने से जोड़ों की पकड़ कमजोर हो जाती है। साथ ही हडि्डयों के जोड़ पर मौजूद ऊतक भी नष्ट हो जाते हैं जिससे गठिया जैसे रोग हो जाते हैं।
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इस तरह से रोकें
उंगुलियां चटकाना उंगलियों की हड्डियों के जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में इस आदत को रोकना बहुत जरूरी है। इस आदत को रोकने के लिए ध्यान दें। जब भी आप पढ़ते या लिखने या काम करते वक्त ऐसा करते हैं तो उस वक्त खुद पर फोकस करें। अगर आप कभी गलती से उंगुलियां चटकाने लगते हैं तो तुरंत छोड़ दें। चाहे उंगुलियां कितनी भी दर्द दे रही हों।
. हाथों को व्यस्त रखें
उंगुलियां चटकाने से खुद को रोकने के लिए अपने हाथों को वयस्त रखें। क्योंकि कई बार लोग खाली वक्त में मेट्रो या बस में बैठे-बैठे भी उंगुलियां चटकाने लगते हैं। तो ऐसी स्थिति में अपनी उंगुलियां चटकाने के बजाय पेंसिल या सिक्के से खेलना शुरू करें। या फिर ऑफिस में बैठे-बैठे ऐसा करते हैं तो उस समय कुछ लिखने लगें या ड्राइंग बनाने लगें। इससे आपके दिमाग का फोकस दूसरी तरफ जाएगा और कुछ ही दिनों में आपकी उंगुलियां चटकाने की आदत छूट जाएगी।इस जानकारी को शेयर कर के अपने मित्रो को भी बताए