बिवाई पैरों की एड़ियों में होती हैं । इसे एड़ियों का फटना भी कहा जाता है, एक सामान्य सौंदर्य समस्या हो सकती है, लेकिन इससे गंभीर चिकित्सकीय समस्या भी पैदा हो सकती है। आइये जानते हैं कैसे-
बिवाई फटने का कारण
‘जाके पांव न फटे बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई’-सदियों से किसी व्यक्ति के दुख सहने की क्षमता को परिलक्षित करने के लिए प्रयोग में लिया जानेवाला मुहावरा है। वस्तुत: यह रोग अधिक दौड़-भाग करने, धूप में नंगे पांव चलने, ज्यादा गर्मी में रहने, त्वचा के संक्रमण व अत्यधिक श्रम करने से होता है।
पैरो में बिवाईयां फटने पर निम्लिखित उपचार अत्यंत लाभकारी होते है आइये जाने …..
- सरसों के तेल में हल्दी डालकर गरम करें और बीवियों पर सेक करके उसे बांध दें बिवाईयां दूर हो जायेंगी.
- मोम को गरम कर के बिवाई में धीरे धीरे भरने से बिवाई फटना बंद हो जाती है.
- नारियल के तेल में कपूर मिलकर लगाने से बिवाई में लाभ होता है.
- मिट्टी का तेल लगाने से बिवाई फटनी बंद हो जाती है.
- शलगम: शलगम को उबालकर उसको पानी से बिवाइयों को आहिस्ता-आहिस्ता धोएं, फिर बिवाइयों पर शलगम को रगड़े। यह उपचार रात्रि के समय करके बिवाइयों पर कपड़ा लपेट दें या पट्टी बांध दें। इससे बिवाइयां ठीक हो जाती हैं तथा सुकोमल व सुंदर हो एड़ियां निखर जाती हैं।
- अरंडीः पैरों को अच्छी तरह गरम पानी से धो लें, फिर उस पर अरंडी का तेल रगड़ दें, इससे बिवाइयां फटना बंद हो जाती हैं।
- नीबूः नीबू को काटकर बिवाइयों पर रगड़ने से लाभ होता है। इससे एड़ियों की त्वचा में भी निखार आता है तथा उसकी चमक भी बढ़ जाती है।