Amrud ka murabba
अमरूद लाल और पीलापन लिए हुए हरे रंग के होते हैं। बीज वाले और बिना बीज वाले तथा अत्यंत मीठे और खट्टे-मीठे प्रकार के अमरूद आमतौर पर देखने को मिलते हैं। सफेद की अपेक्षा लाल रंग के अमरूद गुणकारी होते हैं। सफेद गुदे वाले अमरूद अधिक मीठे होते हैं। फल का भार आमतौर पर 30 से 450 ग्राम तक होता है।
आमतौर देखा जाता है कि जब लोग फल खरीदने जाते हैं तो उनकी नज़र में केला, सेब, अंगूर तथा आम आदि फल ही पोशक तत्वों से भरपूर नज़र आते हैं। अमरूद जैसा सस्ता तथा सर्वसुलभ फल उन्हें बेकार और गरीबों के खाने योग्य ही लगता है, पर वास्तव में ऐसा नहीं है। अमरूद में सेब से भी अधिक पोशक तत्व होते हैं। इसीलिए इसे `गरीबों का सेब´ भी कहा गया है।
अमरूद का मुरब्बा बनाने की सामग्री:
ताजे अमरूद 1 किलो, चीनी 1 किलो, पाव चम्मच इलायची पावडर।
मुरब्बा बनाने की विधि:
अच्छे अमरूद लेकर साफ कर लें और चाकू से चीरकर अंदर से बीज निकाल दें।
अब चाशनी बनाकर उसमें अमरूद के टुकड़े डाल कर पाँच मिनट तक पका कर आँच से उतार दें। इलायची पावडर डालें।ठंडा होने पर इस मुरब्बे को चीनी-मिट्टी के बर्तन में भरकर, उसका मुंह बंद करके थोड़े दिन तक रख छोड़े। यह मुरब्बा 20-25 ग्राम की मात्रा में रोजाना खाने से कोष्ठबद्धता (कब्जियत) दूर होती है।
अमरूद का यह मुरब्बा दिलो-दिमाग को ताकत देता है। यह गर्मी व सर्दी दोनों ऋतुओं में डाला जा सकता है।
नोट : यह मुरब्बा अधिक दिन नहीं ठहरता।
अमरुद का मुरब्बा खाने के फायदे:
अमरूद के फलों के बीज निकालकर बारीक-बारीक काटकर शक्कर के साथ धीमी आंच पर बनाई हुई चटनी हृदय के लिए अत्यंत हितकारी होती है तथा कब्ज को भी दूर करती है।
अमरूद को कुचलकर उसका आधा कप रस निकाल लें। उसमें थोड़ा-सा नींबू का रस डालकर पी जाए।
अमरूद में विटामिन-सी होता है। यह हृदय में नई शक्ति देकर शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है। इसे दमा व खांसी वाले न खायें।