गर्भावस्था में होने वाली उल्टियों से कैसे करें बचाव।
गर्भ के दौरान गर्भिणी को उल्टी होना एक आम समस्या है। ऐसे में कुछ घरेलु उपाय अपनाने से इस परिस्थिति पर काबू पाया जा सकता है। आइये जाने।
यदि गर्भवती स्त्री सुबह सवेरे हलके गुनगुने पानी में निम्बू का रस खाली पेट पिए तो उल्टी नहीं होती।
गर्भवती स्त्री के पेट पर पानी की गीली पट्टी रखने से भी उल्टी बंद हो जाती हैं।
गर्भावस्था की कै (उल्टी) हो तो एक पाव पानी में एक मुट्ठी चावल भिगा दें। आधा घंटा बाद पांच ग्राम हरा या सूखा धनिया डालकर मसलकर छानकर इस पानी को चार हिस्से में कर लें व गर्भवती महिला को चार बार में पिलायें आराम मिलेगा।
चार निम्बू का रस निचोड़ कर छान लीजिये, 50 ग्राम सेंधा नमक डालिये। 125 ग्राम जीरा इस रस में भिगो दे। जब रस बिलकुल सूख जाए, केवल जीरा रह जाए तो इसे कांच की शीशी में भर कर रख दे, जब भी उल्टी आने को हो थोड़ा सा निकाल कर चबा चबा कर खा ले। उल्टी नहीं होगी।
किसी भी तरह की उल्टी हो रही हो तो सूखा धनिया या हरा धनिया, कूट पीसकर उसका पानी निचोड़ कर 5-5 चम्मच, बार-बार पिलाऐं। उल्टी रुक सकती है। यह उपाय गर्भवती स्त्रियों के लिये भी कर सकते हैं।
गर्भवती स्त्री भुने चने का सत्तू पतला पानी में घोल कर स्वादानुसार नमक या चीनी डालकर पी जायें।
गर्भिणी को उल्टी ना हो इस के लिए उसको एक दिन में दो तीन बार आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए। आंवले का उपयोग गर्भवती महिला को अवश्य करना चाहिए। किसी भी रूप में। अच्छा आंवला, एक अंडे से अधिक बल, शक्ति, स्फूर्ति देता है।
गर्भवती महिलाओं को खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में अजवाइन अवश्य लेनी चाहिए। इससे मिचली नहीं होती और खाना जल्दी हजम होता है।