भृंगराज रसायन – Bhringraj rasayan – भृंगराज रसायन के फायदे
ऋषि वाग्भट जी ने भृंगराज को अद्भुत रसायन बताया है, भृंगराज रसायन का प्रयोग करने वाला 100 वर्ष तक की आयु में भी युवाओं जैसा अनुभव करता है, अर्थात बुढापे के लक्ष्ण प्रतीत नहीं होते. अतः जो लोग यह इच्छा रखते हैं के वो 100 वर्ष तक की आयु में भी जीवन को आनंद से जियें उनको इसका सेवन नियमित करना चाहिए.
इसी सन्दर्भ में आपको बता रहें हैं भृंगराज रसायन बनाने की विधि.
भृंगराज रसायन बनाने के लिए ज़रूरी सामान.
- भृंगराज के पत्तों का चूर्ण – 100 ग्राम
- काले तिल का चूर्ण – 50 ग्राम.
- आंवला – 50 ग्राम.
- मिश्री – 200 ग्राम.
- अन्दर से घी से चुपड़ी हुई मिटटी की हांडी.
भृंगराज रसायन बनाने की विधि – bhringraj rasayan banane ka tarika
उपरोक्त बताई गयी सब चीजों को अच्छे से कूट पीसकर मिश्री के साथ आपस में मिला कर मिटटी की हांड़ी में एक कपडे से ढक कर रख दें. अभी इसको कम से कम 24 घंटे तक रखा रहने दें. 24 घंटे के बाद इसमें से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम या एक ही समय देसी गाय के दूध के साथ नित्य सेवन करें. 3 महीने सेवन करने के बाद आपको इसके रसायन गुणों का अनुभव होना शुरू हो जायेगा. इसके बाद आप इसको निरंतर आजीवन सेवन कर सकते हैं.
भृंगराज के अन्य फायदे.
आधासीसी
भृंगराज के ताज़े पत्तों का रस और बकरी का दूध सामान मात्रा लेकर इसको गुनगुना करके नाक में टपकाने से और भांगरा के रस में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सर पर लेप करने से आधा सीसी का दर्द ख़त्म होता है.
बालों के रोग.
बालों के समस्त रोगों में भृंगराज के बहुत फायदे हैं. जहाँ पर गंजापन हो गया हो, वहां पर इसके पत्तों का रस नित्य लगाना चाहिए. यही प्रयोग बालों के टूटने और दो मुन्हे बालों के लिए भी है.
नेत्र रोग.
भृंगराज के पत्तों का चूर्ण 10 ग्राम शहद 3 ग्राम गाय का घी 3 ग्राम मिलाकर नित्य सोते समय रात्रि में 40 दिन तक सेवन करने से दृष्टिमान्ध आदि सर्व प्रकार के नेत्र रोगों में लाभ होता है.
उच्च रक्तचाप – high blood pressure
2 चम्मच भृंगराज के पत्तों का रस 1 चम्मच शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से कुछ दिन में उच्च रक्तचाप सामान्य हो जाता है.
[भृंगराज के अन्य प्रयोग पढने के लिए यहाँ क्लिक करें – भृंग राज उपयोग]
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