स्म्रति भ्रंश ,को दूर करने के अचूक और साधारण प्रयोग -एक बार अवश्य आजमाइए |
नमस्कार मित्रो आज हम आपको स्म्रति भ्रंश के कुछ अचूक और रामबाण नुस्खे बतायेंगे जो बहुत कारगर है |
इस रोग के रोगी की स्म्रति शक्ति बिल्कुल नष्ट हो जाती है | कोई बात याद रखने की बड़ी कोशिश करता है ,
परन्तु बेबसी के कारण भूल जाता है | इधर बात की , उधर भूल गया | यह रोग मस्तिष्क की दुर्बलता या
मस्तिष्क में अधिक कफ के एकत्रित होने की अवस्था में होता है | यहा हम बहुत सरल और साधारण नुस्खे
लिख रहे है |
1 .- कुण्ठित बुद्धि के लिए –
विधि –
आवश्यकतानुसार मालकंगनी ले , ऊपर का छिलका उतार दे और जो गिरी हो उसका तेल बादाम रोगन की
तरह निकालें | और शीशी में रख ले | विस्मरण के रोगी को प्रतिदिन सुबह निराहार मुख बताशे में एक से
पांच बूंद तक डालकर निगल लेना चाहिए | कुछ दिनों के सेवन से बहुत दिनों के कुण्ठित बुद्धि और सुस्ती
इत्यादि रोग मिट जायेंगे ,\ मात्रा एक से पांच बूंद या बलाबल अनुसार
2 .- विस्मरण अक्सीर –
विधि –
बच आवश्यकतानुसार ले और इसको बारीक़ पिस ले | इसमें इसके बराबर शक्कर मिला ले और किसी
शीशी में भरकर रख दे | नित्य प्रति सुबह 3 ग्राम के लगभग पानी के साथ फांक लिया करे | 8 -10
दिनों में पूर्ण आराम हो जायेगा | अथवा बच को चाकू से जरा -जरा छीलकर 2 ग्राम के लगभग भोजन
करने के उपरांत मुख में रख लिया करे और इसके रस को चूसते रहे | इस प्रकार भी यह बहुत लाभप्रद
है |
3 .- अन्य –
विधि –
यह योग भी स्म्रति भ्रंश को जड से मिटा डेगा
प्रतिदिन सुबह 3 ग्राम दालचीनी ले लिया करे , जल्दी ही इस रोग से छुटकारा मिलेगा |
4 .- एक वनोंषधी का प्रभाव –
इसके कुछ दिन के निरंतर सेवन से वर्षो पुराना यह रोग नष्ट हो जाता है |
छाया में सुखाई हुई ब्राहमी बूटी 60 ग्राम और काली मिर्च 3 ग्राम | दोनों को खूब बारीक़ पीसकर चूर्ण बना ले |
प्रतिदिनं 2 ग्राम की मात्रा गाय के दूध के साथ सुबह निराहार मुख रोगी को दिया करे | यदि दूध न मिल सके
तो पानी ही सही | बड़ी अनुपम वस्तु है | अनुभव करने से ही इसके गुणों का ज्ञान हो सकेगा |