अश्वगंधा के अधिक मात्रा में सेवन करने के नुक्सान।
कई बीमारियों का सफल इलाज अश्वगंधा से होता है और आयुर्वेद में अश्वगंधा से कई तरह की औषधी भी बनाई जाती है जो त्वचा संबंधी बीमारियों, थायराइड, शरीर का पतला पन जैसी बीमारियों को जड़ से ठीक करता है। लेकिन इसका अधिक उपयोग करने से शरीर में इसके गलत परिणाम भी हो सकते हैं आखिर अश्वगंधा से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। आपको वैदिक वाटिका में दी गई ये जानकारी बताएगी।
पेट की बीमारी
अश्वगंधा के अधिक सेवन से पेट संबंधी दिक्कतें होने लगती है जैसे पेट में अधिक गैस बनना, दस्त लगना, उल्टी आना आदि।यही नहीं अश्वगंधा आतों को भी हानी पहुंचाता है इसलिए इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।
नींद अधिक आना
अश्वगंधा का दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है इंसान को नींद ज्यादा आने लगती है और अधिक समय तक लेते रहने से इंसान को फिर नींद आना भी बंद हो जाता है जो सेहत के लिए अधिक खतरनाक है। जब भी अश्वगंधा का इस्तेमाल करें किसी चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
शरीर पर किसी दवा का न लगना
तीसरा सबसे बड़ा नुकसान है कोई दवा शरीर पर नहीं लग पाती है यदि आप अश्वगंधा का प्रयोग लंबे समय से कर रहे हो तो यह अन्य दवाइयों को शरीर पर लगने नहीं देती है जिस वजह से रोगी और बीमार होने लगता है यदि आप अश्वगंधा का इस्तेमाल कर रहे हो तो अपने डॉक्टर से ही पूछकर कोई दूसरी दवाई लें।
बढ़ाए शरीर की गर्मी
जो लोग अश्वगंधा का इस्तेमाल अधिक करते हैं उनके शरीर में परिवर्तन आने लगता है जैसे शरीर का तापमान अधिक बढ़ना जिसकी वजह से बुखार तक आने लगता है यदि आपका तापमान बढ़ने लगे तो आप इसका सेवन करना तुरंत बंद कर दें नहीं तो परेशानी अधिक बढ़ सकती है साथ ही अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बता दें।
शरीर का विपरीत होना
अश्वगंधा का अधिक सेवन करना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। यदि आप अश्वगंधा का सेवन आर्थराइटिस, गठिया और सूजन की समस्या को कम करने के लिए इस्तेमाल कर रहें तो इसकी अधिक मात्रा लेने से बचें।
- अश्वगंधा का नियमित और अधिक सेवन करना शरीर के लिए परेशानी बन सकता है।
- अश्वगंधा का सेवन धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर कर देता है जिस वजह से शरीर में वात और पित्त दोष बढ़ने लगता है।
- अश्वगंधा शरीर की क्षमता को एक हद तक बढ़ाने के बाद फिर से उसे शक्तिहीन बना देता है।
किन लोगों को अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए ये भी जानना जरूरी है ।
जो लोग शुगर, गठिया, अर्थराइटिस आदि बीमारियों से बचने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी इसका सेवन कम मात्रा में चिकित्सक के परामर्शनुसार करना चाहिए, अल्सर के रोगी, गैस की समस्या वाले रोगी और गर्भवती महिलाओं को भी अश्वगंधा का सेवन करने से बचना चाहिए।
महत्वपूर्ण जानकारी।
जब आपको लगे के के अश्वगंधा के सेवन के बाद आपका रोग अब सही हो रहा है तो आप अश्वगंधा का नियमित सेवन करना कम कर दीजिये और अगर करना हो तो आधा चाय का चम्मच ही करें और वो भी तीन महीने से ज़्यादा रेगुलर मत करें। अगर रेगुलर करना हो तो कुछ दिन नियमित लेने के बाद फिर इसको 2-3 दिन बाद या सप्ताह में एक दो बार ही सेवन करें।
अश्वगंधा जितना शरीर के लिए लाभदायक है उतना ही इसके विपरीत गुण भी हैं जो आपको पता होने चाहिए ताकि आप इससे होने वाली गंभीर दिक्कतों से बच सके इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह पर ही अश्वगंधा का इस्तेमाल करें।