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क्या भारत में GMO उत्पादित फ़सल कैंसर का कारण बन रही है ?

GMO का मतलब है GMO (genetically modified organism) ये लेबोरेटरी में की जाने वाले एक प्रक्रिया होती है जिसमे एक जाति या नसल का डीएनए से जीन को  निकालकर उसको कृत्रिम रूप से दुसरे पौधे या जीव के डीएनए में डाला जाता है ये जेनेटिक इंजीनियरिंग की एक प्रकिया होती है जिसमे एक विशेष गुणों से भरपुर पौधे या जीव की नसल का निर्माण किया जाता है जिसकी उत्पादन क्षमता सामान्य पौधे और जीव से कही ज्यादा होती है।

आज हम GMO के दुष्प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे जिनमे मुख्य है कैंसर

GMO can cause cancer

वर्ष 2012 में फ्रांस के एक BIOLOGIST Gilles-Eric Seralini ने GMO के खिलाफ एक मुहीम चलाई थी जिसके अंतर्गत उन्होंने GMO के दुष्प्रभाव को देखने के लिए चूहों पर  एक प्रयोग किया उन्होंने चूहों को Monsanto  कंपनी के Genetically modified मक्के का सेवन करवाया, उस मक्के में एक विशेष weed killer डाला गया था। जिससे मक्के को बड़े से बड़े कीटाणु या खरपतवार से बचाया जा सके इस शोध में उन्होंने पाया की जिन चूहों को GMO मक्को  का सेवन करवाया गया उनके शरीर में tumor यानि कैंसर का development शुरू हो गया और उनकी मौत जल्दी से होना शुरू हो गयी।

फिर जब इस शोध को journal food and chemical toxicology में पब्लिश किया गया तो सारे मीडिया जगत में एक प्रकार की सुनामी सी आ गयी, बहुत से scientists ने Gilles-Eric Seralini और उनके साथियों के शोध का समर्थन भी किया लेकिन वो इतनी बड़ी MONSANTO GMO INDUSTRY के सामने नहीं टिक पाए क्योकि MONSANTO COMPANY इन GMO को हर हालत में लागु करना चाहती थी।

MONSANTO कंपनी  ने मीडिया पर अपने प्रभाव और रुतबे का इस्तेमाल करते हुए Gilles-Eric Seralini और उनके साथियों के शोध को journal food and chemical toxicology से हटवा दिया और तर्क में बताया कि ये सारा शोध कंपनी और GMO को रोकने की साजिश है ये शोध पूरी तरह तर्कविहीन है। कंपनी की इस एक्शन में बहुत सी GOVERNMENT AGENCIES के अधिकारियो ने भी साथ दिया था Gilles-Eric Seralini और उनके साथियों को साइंटिफिक धोखा करने और पहले से निश्चित परिणाम दिखाने का दोषी सिद्ध करने की कोशिश की गयी।

सब चीजो से आहत होकर Gilles-Eric Seralini और उनके साथियों high कोर्ट ऑफ़ पेरिस में अपने study के आधार पर  FRANCE BIO MOLECULAR COMMISSION के अधिकारियो  पर केस कर दिया तीन साल तक केस की इन्वेस्टीगेशन चली और अंत में सत्य की जीत हुई और कोर्ट ने जिन सरकारी अधिकारियो ने GMO को खाने के लिए बिलकुल फिट होने की क्लीन चिट दी कोर्ट ने उन्हें जालसाजी करने का दोषी पाया इसके साथ ही Gilles-Eric Seralini मानहानि का केस भी जीत गए क्योकि उनको साइंटिफिक धोकेबाज बोला गया था इस प्रकार SERALINI’S TEAM gmo में होने वाली जालसाजी और अपने मानहानि का केस जीत गए।
Gilles-Eric Seralini अंत तक मैदान में खड़े रहे और GMO के खिलाफ अपने जंग में  जीत प्राप्त की।

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SOURCE Real farmacy.com

 

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