कपालभाती प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam) विधि, लाभ और सावधानियाँ – कपालभाती प्राणायाम / Kapalbhati Pranayam मस्तिष्क के अग्र भाग को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है। कपालभाती प्राणायाम को हठयोग के षट्कर्म क्रियाओं के अंतर्गत लिया गया है। ये क्रियाएं हैं:-1.त्राटक 2.नेती. 3.कपालभाती 4.धौती 5.बस्ती 6.नौली। आसनों में सूर्य नमस्कार, प्राणायामों में कपालभाती और ध्यान में साक्षी …
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क्या आप जानते हैं ये चौंकाने वाले मजेदार तथ्य
ऐसे मजेदार तथ्य, जो आपका ज्ञान तो बढ़ाएंगे ही आपको गुदगुदाएंगे भी। पेश हैं दुनिया भर के ऐसे ही रोचक तथ्य-1. दो केलों में 90 मिनट तक कड़े व्यायाम करने के लिए ऊर्जा होती है। केले को खुशी देने वाला फल भी कहा जाता है। 2. जो लोग जल्दी शरमा जाते हैं वे अधिक दयालु और विश्वसनीय होते हैं। 3. …
Read More »पानी को साफ करने के प्राकृतिक तरीके
पानी सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आप भोजन के बिना एक माह से अधिक जीवित रह सकते हो, परन्तु जल के बिना आप एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकते । पानी ही जीवन है, लेकिन जितना जरुरी हमारे लिए ये पानी है उतना ही जरूरी इसका साफ और स्वच्छ होना भी है। आज पानी को साफ़ करने का …
Read More »क्या हैं उषा पान, क्यों हैं आयुर्वेद में अमृत समान।
क्या हैं उषा पान, क्यों हैं आयुर्वेद में अमृत समान। शरीर के लिए विषतुल्य हानिप्रद गंदगी को शरीर से बाहर निकाल फेंकने के लिए उषा पान जैसा अमोघ अस्त्र भारतीय परम्परा की ही देन हैं, जो भारतीय महाऋषियों के शरीर विषयक सूक्षम एवं विषद अध्ययन की खूबसूरत अभिव्यक्ति हैं। आइये जाने इसके लाभ। “काकचण्डीश्वर कल्पतन्त्र” नामक आयुर्वेदीय ग्रन्थ में रात के पहले …
Read More »त्रिफला आयुर्वेद की अमृत औषिधि
त्रिफला आयुर्वेद की अमृत औषिधि । Trifla churn ke fayde, Trifla ke fayde, Trifla ayurved ki amrit aushidhi हमारा शरीर तीन गुणों का बना हुआ है, आयुर्वेद में इन्हें वात, कफ और पित्त कहा जाता है। जब ये गुण सही मात्रा एवं अनुपात में होते हैं तो हम दैहिक, दैविक एवं भौतिक दुखों से दूर रहते हैं और जब इनका संतुलन ख़राब …
Read More »इसबगोल के विभिन्न बीमारियों में कुछ चमत्कारी घरेलू उपाय
इसबगोल के विभिन्न रोगो में उपयोग। ईसबगोल प्लेनटेगो आवेटा तथा प्लेंटेगो सिलियम नामक पौधे के लाल भूरे एवं काले बीजो से इसबगोल प्राप्त होता हैं। यह एक झाड़ी के रूप में उगता है, जिसकी अधिकतम ऊँचाई ढाई से तीन फुट तक होती है। इसके पत्ते महीन होते हैं तथा इसकी टहनियों पर गेहूँ की तरह बालियाँ लगने का बाद फूल आते हैं। …
Read More »इसबगोल – अनेका अनेक बीमारियो की एक औषिधि ।
इसबगोल – अनेका अनेक बीमारियो की एक औषिधि । कब्ज, दस्त, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, बवासीर, गाल ब्लैडर की पत्थरी, अल्सर, एल. डी. एल. कोलेस्ट्रोल, वजन नियंत्रण में, डाईवेर्टिकुलर डिसीज़ के लिए रामबाण औषिधि हैं इसबगोल। आइये जाने इसके फायदे। इसबगोल एक स्वादिष्ट एवं महक रहित आयुर्वेदीय औषिधि हैं। प्लेनटेगो आवेटा तथा प्लेंटेगो सिलियम नामक पौधे के लाल भूरे एवं काले बीजो से इसबगोल प्राप्त …
Read More »शरीर जब सुन्न हो जाये करे ये उपाय – Numbness home remedy
Numbness home remedy रक्त-वाहिनीयों तथा मांसपेशियों में शिथिलता आ जाने से शरीर सुन्न हो जाता है। कभी-कभी बैठे-बैठे या काम करते हुए शरीर का कोई अंग या त्वचा सुन्न हो जाती है। कुछ लोग देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करते या पढ़ते-लिखते रहते हैं। इस कारण शरीर के अंग सुन्न पड़ जाते हैं। शरीर के किसी अंग के …
Read More »नीम का गोंद, बबूल का गोंद, गूगल का गोंद, पलाश का गोंद के औषधीय गुण !!
गोंद के औषधीय गुण – gond ke fayde, babool ka gond, palash ka gond, guggul ka gond, guggul, neem ki gond, किसी पेड़ के तने को चीरा लगाने पर उसमे से जो स्त्राव निकलता है वह सूखने पर भूरा और कडा हो जाता है उसे गोंद कहते है। यह शीतल और पौष्टिक होता है। उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण भी …
Read More »Vaat rog ka ilaj – वात रोग कुछ दिन में बिलकुल सही हो जायेगा – vaat rog
Vaat rog ka ilaj – वात रोग कुछ दिन में बिलकुल सही हो जायेगा – vaat rog वात रोग का इलाज – आयुर्वेद । Vaat rog ka ilaj – आयुर्वेदिक ग्रन्थों के अनुसार वात 80 प्रकार का होता है एवं इसी से सामंजस्य रखता हुआ एक और रोग है जिसे बाय या वायु कहते हैं। यह 84 प्रकार का होता …
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