Wednesday , 13 November 2024
Home » हमारी संस्कृति » आज का पंचांग-Aaj Ka Panchang-विक्रम संवत्-शक संवत

आज का पंचांग-Aaj Ka Panchang-विक्रम संवत्-शक संवत

हिन्दू पंचाग (Hindu Panchang) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं:-
1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)

पंचाग(panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे ।

*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना ,पढ़ना चाहिए ।

 

आज का पंचाग (aaj ka panchang)

14 फरवरी 2018

गणेश गायत्री मंत्र :

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

*विक्रम संवत् 2074 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य
*शक संवत – 1939
*अयन – उत्तरायण
*ऋतु – शरद ऋतु
*मास – फाल्गुन माह
*पक्ष – कृष्ण पक्ष

तिथि (Tithi)- चतुर्दशी – 24:46 तक तदुपरांत अमावस्या ।

तिथि का स्वामी – चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव है ।

2018 में महा शिवरात्रि के पर्व में तिथि को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी को मनाई जाती है। वर्ष 2018 में मंगलवार की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ होगा। 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगा। इसलिए 2018 में महाशिवरात्रि पर्व का शुभ मुहूर्त 13 फरवरी की आधी रात से शुरू होकर 14 फरवरी तक रहेगा। अतः कुछ स्थानों पर महा शिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी मंगलवार को और बहुत से लोग महा शिवरात्रि का पर्व 14 फरवरी बुधवार को मनायेंगे ।

मान्यतः है कि इस दिन शिवपुराण का पाठ सभी जातको को अवश्य ही करना / सुनना चाहिए। महाशिवरात्रि की रात्रि को जागरण कर शिवपुराण का पाठ करने सुनने से जीवन के समस्त घोर से घोर संकट दूर होते है, सभी मनोकामनाएँ अवश्य ही पूर्ण होती है।

चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। अतः प्रत्येक मास की चतुर्दशी विशेषकर कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन शिव जी की पूजा, अर्चना एवं रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं, भक्तो के सभी संकट दूर होते है । चतुर्दशी को सभी शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए शास्त्रों में मना किया गया। ।

सभी तरह की kidney की समस्याओं के लिए  

नक्षत्र (Nakshatra)- श्रवण – पूर्ण रात्रि तकतदुपरांत धनिष्ठा

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- श्रवण नक्षत्र के देवता भगवान विष्णु जी हैं एवं ग्रह स्वामी चंद्र देव हैं तथा धनिष्ठा नक्षत्र के देवता वसु (आठ प्रकार के वसु ) हैं एवं ग्रह स्वामी मंगल देव हैं ।

योग(Yog) – व्यतीपात – 15:14 तक तदुपरांत वरीयान ।

प्रथम करण : – विष्टि – 11:43 तक ।

द्वितीय करण : – शकुनि – 24:46 तक ।

गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।

दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।

राहुकाल (Rahukaal) : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।

सूर्योदय -प्रात: 07:10 ।

सूर्यास्त -सायं 06:37 ।

विशेष – चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, और अष्टमी, रविवार, श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है।

पर्व त्यौहार – महाशिवरात्रि

मुहूर्त (Muhurt) – चतुर्दशी तिथि भी रिक्ता तिथि है इसलिए इस दिन भी कोई भी नया, मांगलिक कार्य वर्जित है ।

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

 

घुटनों व् जोड़ों के दर्द के लिए बेहतरीन, Buy now  

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

फागुन माह (फरवरी-मार्च) में चना खाना मना है।
इस माह में घी, खिचड़ी खाना और और सुबह जल्दी नहाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

सौजन्य http://www.memorymuseum.net/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status