मस्तिष्क दुर्बलता के लिए शीघ्र लाभकारी,उत्तम नुस्खे -बनाकर प्रयोग में ले और अनुभव करे |
यह रोग प्रायः मस्तिष्क सम्बन्धी अधिक परिश्रम ,रुधिर की अल्पता ,मैथुन बाहुल्यता और ह्रदय दुर्बलता
इत्यादि कारणों से होता है | अधिक तम्बाकू और चाय का पान भी इसके कारण है | यह बड़ा आशुभ रोग है |
इससे सिरदर्द ,नजला ,जुखाम और विस्म्रती इत्यादि रोग पैदा हो जाते है | इस विकार के कर्ण पुनः विभिन
भयंकर रोग हो जाते है |
रोग के लक्षण –
द्रष्टि बड़ी दुर्बल हो जाती है और एक चीज की अनेक चीज दिखने लगती है | शिर के पिछले भाग में दर्द रहता है
हर समय चित उचाट सा रहता है किसी काम में मन नही लगता निचे कुछ नुस्खे दिए जा रहे है लाभ ले |
1 .-सोंफ का अम्रतोपम प्रभाव –
इससे मस्तिष्क बलवान और द्रष्टि बड़ी तेज हो जाती है | सत्पुरुषो का वचन है की मस्तिष्क सम्बन्धी रोगों में सोंफ
के समान गुणकारक और लाभप्रद वस्तु अन्य नही है | निचे लिखे योग को बनाकर अनुभव करे |
विधि –
आवश्यकतानुसार सोंफ कूटकर चावल निकाल ले और प्रतिदिन 5 ग्राम प्रातः और सांयकाल पानी के साथ दिया करे |
यदि रोगी को कब्ज की शिकायत हो तो किसी कब्जनाशक दवा के साथ सेवन कराएं | तब आप देखेंगे की
मस्तिष्क की दुर्बलता कितनी शीघ्र दूर होती है | सदा सांयकाल के समय घर के सब बच्चों को एक दो ग्राम सोंफ
के चावल दिया करे | यह योग बड़ा लाभप्रद सिद्ध हुआ है | मेरा मत है की हर घर में सोंफ का प्रयोग आवश्यक है |
2 .-धनिया चूर्ण –
यह चूर्ण भी प्रायः मस्तिष्क सम्बन्धी रोगों के लिए बड़ा हितकारी और उतम सिद्ध हुआ है | इसके दो तीन सप्ताह
के निरंतर सेवन से मस्तिष्क सम्बन्धी सब रोग मिट जाते है और हर काम में मन लगा रहता है | किसी समय
भी चित उचाट नही रहता | योग निचे लिखते है
विधि –
50 ग्राम धनिया और 20 ग्राम बड़ी हरड की छाल को खूब बारीक़ पीसकर चूर्ण बना ले | यदि इसके बराबर
शक्कर भी मिला ली जाये तो बहुत अच्छा हो | आवश्यकता के समय प्रातः व सांय 5 -5 ग्राम की मात्रा में
पानी के साथ फांक लिया करे | प्रातः काल मल त्याग भी खुलकर होगा | सारा दिन चित बड़ा प्रसन्न रहेगा
और आलस्य आपके पास नही आएगा |