Sunday , 24 November 2024
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घ्रताभ्यंग – अनेक रोगों का मुंह तोड़ जवाब जो आज भी आदिवासी अंचलों में अपनाया जाता है.

घ्रताभ्यंग

घ्रताभ्यंग एक ऐसी सरल विधि है जैसे सर में तेल लगाना. और इस विधि के इतने लाभ हैं के आप सोच भी नहीं सकते. अगर कोई बालक है, व्यापारी है, दिमागी काम करने वाले इंसान हैं, ऐसी औरतें जिन्होंने प्रसव किया हो, जिनकी आँखों में जलन होती हो, आधा शीशी रहती हो, नींद नहीं आती हो, चिंता रहती हो, नज़र कमज़ोर हो, बाल झड रहे हो, ऐसे अनेक रोग हैं जो इस साधारण सी  विधि से नष्ट हो जाते हैं.

इस विधि के बारे में यह कह सकते हैं के आप अगर बादाम खायेंगे तो यह निरंतर खाने के कुछ दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करेंगे, मगर इस विधि से आपको तुरंत ही फायदा होना शुरू हो जायेगा. आइये जाने यह अनोखी विधि जिसको आयुर्वेद में घ्रताभ्यंग कहा गया है. जिस प्रकार oil pulling एक अत्यंत साधारण विधि है मगर ये कैंसर तक लाभदायक है, उसी प्रकार आयुर्वेद में घरेलु नुस्खों में यह विधि भी सर्व प्रचिलित है. Only Ayurved आपके लिए ये जानकारियाँ खोज कर लाता है जिस से आप इसका फायदा उठा सकें, ये आपकी अपनी वेबसाइट है. अगर आपको कोई परेशानी हो तो आप हमको मसेज कर सकते हैं.

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घ्रताभ्यंग – अनेक रोगों का मुंह तोड़ जवाब.

घ्रताभ्यंग – अनेक रोगों का मुंह तोड़ जवाब जो आज भी आदिवासी अंचलों में अपनाया जाता है.

घ्रताभ्यंग एक प्रकार की मालिश है जो पहले ज़माने में अक्सर ही लोग किया करते थे, समय बदलता गया और इस मालिश का स्वरुप भी बदलता गया. इसके नाम के अनुसार ही यह दर्शाती है के ये घी से मालिश करने की विधि है. आज भी कई ग्रामीण इलाकों में जब भी कोई स्त्री प्रसव करती है तो प्रसव के कुछ दिन तक उसके सर की घी से सुबह शाम मालिश की जाती है. घी की मालिश करने से प्रसूता के अन्दर आई हुयी शरीरिक व् मानसिक कमजोरी बिलकुल समाप्त हो कर वो बिलकुल स्वस्थ हो जाती है.

यह मालिश सर दर्द, आधा शीशी, आँखों के रोगों के लिए अत्यंत लाभप्रद है.

जिन लोगों को ज़्यादातर मानसिक काम करना पड़ता है जैसे बच्चे, ऑफिस में काम करने वाले या अन्य व्यक्ति, उनके लिए तो ये अमृत से कम नहीं. बादाम खाया भी कुछ दिनों के बाद में असर करेगा, मगर घ्रताभ्यंग तो तुरंत लाभ देने वाली विधि है. रात को सोते समय और दिन में नहाने से एक घंटा पहले सर में अच्छे से घी की मालिश करनी चाहिए. ध्यान रहे के ये घी देसी होना चाहिए.

आज कल की युवा पीढ़ी बाल झड़ने से आम ही परेशान है. इसको अपनाने से उनकी ये समस्या भी बहुत आसानी से ख़त्म हो जाएगी.

आप इस घी का नस्य भी ले सकते हैं. अगर आँखों में दर्द या रतोंधी या अन्य रोग भी हो तो आप घी को अपनी आँखों में डालकर इसका फायदा भी उठा सकते हो.

अगर गुप्तांगों में या शरीर में कहीं भी सूजन, जलन या कटे हुए स्थान हो तो वहां पर आप इसकी अच्छे से मालिश करें. इसके नतीजे बेहद असरकारक हैं.

यदि कोई व्यक्ति ज़हर के प्रकोप के कारण बेहोश हो गया हो या उसको बेहोशी छा रही हो तो उसको तुरंत थोडा थोडा देसी घी पिलाना चाहिए, थोडा थोडा बार बार पिलायें, एक साथ नहीं पिलायें.

धतुरा कुचला जैसे ज़हरीले विष अगर व्यक्ति को चढ़ जाएँ तो उनको तुरंत घी से सर पर मालिश करनी चाहिए. और थोडा थोडा कर के घी पिलाना चाहिए.

घी के इन प्रयोगों को आप आयुर्वेद की पुस्तक “घृत गुण विधान” भी पढ़ सकते हैं.

यह प्रयोग पूर्व में अनेक वैद्य लोग निरंतर ही अपने मरीजों पर बेहद सफलता के साथ आजमाया करते थे.

[यह भी ज़रुर पढ़ें – अनेक रोगों से मुक्त होने की अनूठी विधि – oil pulling.] 

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