Thursday , 21 November 2024
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नींद न आने ( Insomnia ) के कारण एवं प्राकृतिक इलाज By Dr. Mohit Bijaka

आज यदि हम सर्वे करें तो बहुत से लोग ऎसे मिलेंगे, जिन्हें नींद न आने की बीमारी और दिनभर थकान रहने की शिकायत रहती है। विध्यार्थी , अधिकारी, अफसर, महिलाएं, व्यापारी सभी इसमें शामिल हैं। इनमें से कोई एक घंटा तो कोई आँखों ही आँखों में जागकर सारी रात काट देता है। प्रात:काल उठने पर थकान के स्पष्ट लक्षण उनके चेहरे पर परिलक्षित होते हैं। insomnia treatment in hindi

नींद न आने के कारण :- Insomnia

यदि हम नींद न आने के कारणों का विश्लेषण करें तो इसके लिए हमें अधिक दूर नहीं जाना होगा। चिंता, कार्याधिक्य, तनाव, सिगरेट, तम्बाकू, चाय, कॉफी का सेवन, असंयमित खान-पान आदि नींद न आने के कारणों में से हैं। विद्यार्थी को पढ़ाई की चिंता, बाबू-अफसरों को काम की चिंता, महिलाओं को घर-गृहस्थी और कभी-कभी पास-प़डोस की चिंता और व्यापारी को व्यापार की चिंता सताए रहती है। इस चिंता में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती रहती है और सभी की आँखों से नींद उ़डी रहती है। नींद की यह कमी हमें अनेक बीमारियों से घेर लेती है।
कुछ लोग हर समय सिगरेट या तम्बाकू ही खाते रहते हैं, कुछ दिन भर में बीस-बीस प्याले चाय-कॉफी के ही पी जाते हैं, मानों उन्हें इसके अतिरिक्त और कोई काम ही न हो, फिर अगले दिन वे कहते हैं “भई, क्या बताएंक् नींद ही नहीं आती।” इसके अलावा कुछ व्यक्ति अनाप-शनाप जो भी मिला खाते चले जाते हैं। उनके पेट में जगह हो या नहीं, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं रहता पर वे यह नहीं जानते कि इस तरह बिना मतलब, जरूरत से ज्यादा खाना भी अपच और अनिद्रा का कारण बन सकता है। insomnia treatment in hindi

नींद न आने की बीमारी से पीड़ित रहते हैं। ऎसे वातावरण में सामान्यत: नींद नहीं आती क्योंकि अच्छी और गहरी नींद के लिए शांत वातावरण आवश्यक होता है। कुछ व्यक्ति ऎसे भी होते हैं जिनकी चिंताएं कुछ दूसरी तरह की होती है जिनमें वे अपनी चिंता का कारण दूसरों की परेशानियाँ अथवा दूसरों का अपने से आगे बढ़ने की वजह ईष्र्या भाव होता है। ये सब उनकी अनावश्यक चिंता की वजह से ही हो जाता है।

नींद भी शरीर के लिए भोजन की तरह ही आवश्यक है। शरीर की कोशिकाएं सारा दिन कार्य करते-करते थक जाती हैं। निद्रावस्था में वे अपनी क्रियाशीलता कम कर देती हैं जिससे उन्हें आराम मिल जाता है। इसके विपरीत यदि हम जागते रहेंगे तो कोशिकाओं को भी कार्य करते रहना पडे़गा, जिससे उनकी थकान और बढ़ जाएगी। यही थकान अगले दिन हमारे क्रिया-कलापों में दिखाई देती है। insomnia treatment in hindi

नींद न आने का सीधा प्रभाव हमारे शरीर की क्रियाविधियों पर प़डता है। सारे शरीर में सुस्ती छाई रहती है, स्वभाव चि़डचि़डा हो जाता है, जल्दी क्रोध आने लगता है, सिर में, मांसपेशियों में दर्द बना रहता है तथा मनुष्य हर समय तनाव ग्रस्त रहता है। मनुष्य अपने आपको स्वतंत्र और हल्का-फुल्का न समझकर एक बोझ से दबा हुआ महसूस करता है। इन सबका प्रभाव रक्त परिवहन तंत्र, तंत्रिका-तंत्र आदि पर भी प़डता है और एक तरह से पूरा शरीर ही अस्त-व्यस्त हो जाता है। insomnia treatment in hindi

ध्यान में रखने योग्य बातें :-

इसके विपरीत कुछ ऎसे भी लोग होते है जिन्हें ज्यादा सोने की बीमारी होती है। वे रात को 9-10 घंटे तो सोते ही हैं, दिन में भी मौका मिलने पर 2-3 घंटे की नींद ले लेते हैं। नींद न आने की यह भी एक बीमारी है और इस बात की निशानी है कि हमारे शरीर तंत्र में कहीं न कहीं खराबी अवश्य है।

नींद आना पूर्णत: शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया है। नींद न आने पर नींद की गोलियाँ खाकर इसे अस्वाभाविक नहीं बनाना चाहिए। इस तरह की कृत्रिम नींद शरीर को लाभ के बदले हानि ही पहुंचाती है। इस स्वाभाविक नींद के लिए हमें हल्का-फुल्का सात्विक भोजन करना चाहिए, जिसमें फल और हरी-सब्जियों का अधिक प्रयोग हो। समस्याओं का ढेर लगाते रहने की बजाए उन्हें सुलझाकर चिंता रहित निश्चिंत जीवन जीना चाहिए। insomnia treatment in hindi

अच्छी नींद के लिए क्या करें :-

प्रात:काल खुली हवा में गहरी श्वास लेते हुए टहलने के बाद व्यायाम करना चाहिए। योग और प्राणायाम के द्वारा हम अपने सुस्त और शिथिल रहे अंगों को स्वस्थ और ऊर्जा युक्त कर पाते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में रात को सोने से पूर्व गर्म पानी में दोनों पैरों को दस मिनिट तक डाले रखना चाहिए। रात्रि को भोजन जल्दी ले लिया जाए तो अच्छा है। सोने से पूर्व शरीर के तापमान के बराबर गर्म पानी का स्त्रान, हाथ-पैरों और रीढ़ की मालिश आदि उपयोगी हैं। पेट साफ रखने की आदत डालें और सबसे ज्यादा आवश्यक है कि उस कहावत के अनुसार अपने आपको ढालना है – जिसमें कहा गया है – “हमें जल्दी सोना और जल्दी उठना चाहिए क्योंकि इससे मनुष्य स्वस्थ, धनी और बुद्धिमान बनता है।” insomnia treatment in hindi

लाभदायक योग :-

इन सबके साथ ही योग प्राणायाम के साथ शिथिलीकरण, योगाभ्यास शारीरिक थकान को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनमें “शवासन” बहुत ही लाभदायक है। इस आसन को करते समय मनुष्य को पीठ के बल सीधा लेटकर अपने प्रत्येक अंग को ढीला छो़ड देना चाहिए तथा मन को विचारों से पूर्णत: मुक्त रखना चाहिए। आसन के उपरान्त मनुष्य को धीरे-धीरे अपनी सामान्य स्थिति में आना चाहिए। insomnia treatment in hindi

 

डॉ. मोहित बीजाका – खंडेला
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक
बी-644 मुरलीपुरा स्कीम , जयपुर-302039

Yoga Health Care Centre Jaipur

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