Thursday , 21 November 2024
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एलॉपथी में हज़ारों खर्च करने के बाद भी अगर आराम ना आये तो केले का रस उपयोग करके ज़रूर देखियेगा

केले का रस के फायदे, kele ka ras ke fayde, banana stem benefit in hindi, kele ke ras ke fayde.

हिन्दू धर्म के अनेक धार्मिक कार्यों में केले का पूजन होता है, इसका धार्मिक अर्थ तो हम नहीं जानते, मगर आपको आज इसके कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहें हैं जिनको जानकार आप भी इसकी पूजा चाहें करें ना करें मगर इसको सम्मान की दृष्टि से ज़रूर देखेंगे. तो आज आपको बताएँगे केले का रस कैसे अमृत समान है.

अमृत है केले का रस

केले के फल के अन्दर तो अनेक गुण पाए जाते है जिस कारण से इसको सुपर फ़ूड भी कहा जाता है जिसके बारे में आपने अलग अलग वेबसाइट पर पढ़ा भी होगा, मगर आज हम आपको बताने जा रहें हैं इसके तने के ऐसे गुण जो इसको सुपर से भी ऊपर बना देते हैं, इसके तने में अनेक औषधीय गुण समाये हुए है जिनका उपयोग पुराने वैद और ज्ञानीजन करते आये हैं. और आज भी कई आदिवासी अंचलों में इसका उपयोग भी होता है. तो आइये ज्यादा लम्बा ना करते हुए आपको हम बता दें के क्या हैं वो अदभुत गुण जो अनेक दुसाध्य और भयंकर रोगों के बीजों का भी नाश कर देते हैं. केले के रस के फायदे

केले के खम्भ अर्थात इसका तना इसको कूट पीसकर, कपडे से छान लो, इसमें से जो रस निकलेगा वही केले का रस या पानी है, यह रस इसकी अमूल्य औषिधि है. आज हम आपको इसकी इसी औषिधि के गुण यहाँ बता रहें हैं.

केले के रस से पेशाब और सूजाक का इलाज

केले के इस रस को पीने मात्र से पेशाब खूब साफ़ होता है, और सूजाक (Gonorrhea) में भी काफी आराम आता है. और UTI (मूत्र रोग जैसे जलन, पथरी, बूँद बूँद पेशाब आना, पेशाब का कष्ट से उतरना इत्यादि) में बहुत सकारात्मक परिणाम है.

केले का रस स्त्री रोगों में.

स्त्रियों के प्रमेह जैसे श्वेत प्रदर और समस्त योनी रोगों में केले का रस बहुत उपयोगी है.

केले के रस से हैजा का इलाज

अगर किसी को हैजा हो जाए तो सुबह शाम केले का रस पीना चाहिए, इस से हैजे के कीड़े मर जाते हैं.

लीवर और तिल्ली रोगों में केले का रस.

अगर लीवर में सूजन हो या फिर तिल्ली बढ़ी हुई हो तो केले का रस बहुत उपयोगी है.

ज़हरीले जानवरों के काटने पर

केले के रस से सांप, बिच्छू, चूहा और अन्य ज़हरीले जानवरों के काटने में बहुत कारगर है, ऐसे में रोगी को इसका रस पिलाना चाहिए और इसका रस लगाना भी चाहिए. यहाँ तक के एलॉपथी में भी केले के रस को अति उत्तम दवा माना गया है.

हरताल, संखिया, और पारे के विष में केले का रस अति उत्तम है.

केले के रस से अनेक दुसाध्य रोग.

केले का रस पीने से सूजन, खांसी, श्वांस, अम्लपित्त, रक्तपित्त, पीलिया, कामला, पित्तविकार, दाह, लीवर की सूजन, तिल्ली का बढ़ना, अतिसार (दस्त), खून की गर्मी, कफ़ का जमाव, जलोदर, शीतपित, फीलपांव(हाथीपाँव), प्रदर रोग, योनी रोग, प्रमेह और उपदंश आदि गर्मी के रोग आराम होते हैं. इन सब रोगों में इसका निश्चिन्त हो कर व्यवहार करें.

केले के रस के इन गुणों के कारण इसमें बिलकुल भी शक नहीं है के यह अनेक दुसाध्य और भयंकर रोगों का बीज नाश करता है.

मात्रा –  इसकी सेवन मात्रा 30 से 50 ml है, इतनी मात्रा दिन में 2 से 3 बार ले सकते हैं.

नोट – केले का रस ताज़ा ही लेना है, पुराना (बासी) रस हानिकारक हो सकता है.

आप पढ़ रहे थे केले के रस के फायदे, ऐसी अनेक अदभुत जानकारियों के लिए हमारा पेज Like और Follow करना ना भूलें. धन्यवाद.

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