नासिका (नाक )के रोगो के सरल और अनुभूत नुस्खे जो तुरंत लाभदायक है -अनुभव कर और हमसे शेयर करे |
परमात्मा ने हमे नाक ही ऐसा साधन दिया हे जिसके माध्यम से हमे सुगन्धि और दुर्गन्धि का ज्ञान होता है |
नाक के मार्ग से अनावश्यक और मेला द्रव्य शरीर से बाहर निकलता है |
हम यहा आप के लिए नाक के रोगों के लिए कुछ साधारण व अचूक नुस्खे लिख रहे हे जिनके प्रयोग से नाक
के रोगों को नष्ट कर सके बहुत सरल और अचूक नुस्खे है |
1 .-नकसीर रोकने के लिए –
इसके द्वारा नाक से बहते हुए खून की धारा तत्काल बंद हो जाती है यदि निरंतर एक सप्ताह तक प्रयोग से
नकसीर का आना सदा के लिए बंद हो जाता है
विधि –
पीले रंग की 20 ग्राम कोडिया लेकर आग में जला ले | फिर बारीक़ पिस कर शीशी में रखे | आवश्यकता के समय
एक रती मात्रा थोड़े से घी में मिला करके नाक में चढाये तत्काल आराम हो जायेगा |
2 .-मुल्तानी मिट्टी का चमत्कार –
किसी भी उपचार के करने से नकसीर बंद नही हो उस समय इस इलाज की शरण ले नदी की तरह बहने वाली
खून की धारा उसी समय बंद हो जाएगी जिनको दिन रात में कई बार नकसीर आती हो उनके लिए यह
संजीवनी से उत्तम है |
विधि –
15 ग्राम मुलतानी मिट्टी को रात के समय मिट्टी के कुजा में आधा किलो पानी डालकर भिगो दिया करे |
सुबह उस पानी को निथार कर पिलाया करे | वर्षो का पुराना रोग सदा के लिए समूल नष्ट हो जायेगा |
3 .- नकसीर निवारक –
विधि –
3 ग्राम सुहागा को पानी में घोल करके दोनों नासिकारन्ध्रो पर लेप कर दे ,तत्काल नकसीर बंद हो जाएगी |
यह अनुभूत योग है अनके बार प्रयोग किया हुआ है |
4 .- अन्य योग –
विधि –
रेंहा के बीज 10 ग्राम सुबह निराहार मुख दूध की लस्सी के साथ दिया करे | नकसीर बंद करने के लिए
अनुपम योग है |
5 .-सुगम नुस्खा –
विधि –
चार ग्राम गोंद कतीरा को रात के समय पानी में भिगो दे | सुबह मीठा मिलाकर पिलाया करे ,3-4 दिनों
में पूर्ण आराम हो जायेगा | बड़ा सरल और अचूक नुस्खा है |
6 .-नाक की दुर्गन्धि –
विधि –
कडवे कददू का गुदा निचोड़ कर पानी निकाल ले यदि ताजा कददू मिलने की ऋतू न हो तो सूखे कददू
के टुकड़े लेकर पानी में खूब उबाल ले | जब अच्छी तरह पक चुके तब मलकर छान ले और शीशी में
डालकर रखे | प्रतिदिन एक -एक बूंद नाक में डाला करे | एक सप्ताह में नाक की दुर्गन्ध मिट जाएगी |
7 .-नाक की सुजन –
विधि –
बन्दालडोडा 10 ग्राम , घोड़े की ताजा लीद 5 ग्राम | दोनों को 100 ग्राम पानी में भिगो दे | दोनों ओषधि
के गल जाने पर कपड़े से खूब दबाकर निचोड़ ले | इसमें 40 ग्राम तिलों का तेल डालकर धीमी-धीमी
आंच पर सेके | केवल तेल शेष रहे तब उतारकर ठंडा होने पर शीशी में डाल दे | अवश्यकता के समय
सुजन के स्थान पर रुई से लगाये |सुजन मिट जाएगी |
8 .-नाक की बवासीर –
विधि –
बाजार से तांबे का जंगार लाकर शुद्ध मधु में घोट ले | इसे किसी खुले मुह की शीशी में डालकर रखे | आवश्यकता
के समय एक बत्ती बनाकर उपरोक्त ओषधि में गिला करके नाक में रखे | कुछ दिनों के प्रयोग से पूर्ण आराम
हो जायेगा | यह योग सर्वदा अचूक सिद्ध हुआ हे |
9 .- नाक बवासीर 2 प्रयोग –
विधि –
आवश्यकतानुसार रसोत लेकर पानी में मिलाकर मलहम बना ले इसमें बत्ती तर करके नाक में रखे |
अनावस्यक मांसाकुंर निकल कर बिल्कुल साफ हो जाती है |
10 .-नाक में कीड़े –
विधि –
कनेर के पत्ते, आडू के पत्ते और नोसादर तीनो को बराबर मात्रा में ले | खूब बारीक़ पीसकर शीशी में डाल
ले | आवश्यकता के समय नस्य की तरह सुघावे | बहुत जल्दी आराम आएगा |
11 .-नाक से सूंघने की शक्ति लुप्त –
विधि –
कलोंजी 10 ग्राम और ऊंट का मूत्र 30 ग्राम | कलोंजी को ऊंट के मूत्र में पकाए जब 10 ग्राम की मात्रा में
मूत्र शेष रहे तो कपड़े से छानकर उसे दिन में 3 बार 2-2रती सुंघावे |कुछ दिनों में रोग जड से चला जायेगा |
12 .-नाक का घाव –
विधि –
मोम 5 ग्राम और तिलों का तेल 10 ग्राम | पहले तेल को किसी चम्मच आदि में डालकर नर्म आग पर रखे
जब खूब गर्म हो जाये तो मोम डाल दे | थोड़ी देर बाद मोम घुल जाएगी | निचे उतार कर ठंडा कर ले | यह मरहम
की तरह हो जाएगी | डिब्बी में डाल ले और आवश्यकतानुसार दोनों समय घाव पर लगाये | एक दो दिनों में आराम
मालूम हो जायेगा |
13 .-छीके अधिक आना –
विधि –
प्रतिदिन नाक में गुलाब के तेल की एक -एक बूंद डाला करे | जल्दी ही आराम हो जायेगा |