क्या हैं उषा पान, क्यों हैं आयुर्वेद में अमृत समान।
शरीर के लिए विषतुल्य हानिप्रद गंदगी को शरीर से बाहर निकाल फेंकने के लिए उषा पान जैसा अमोघ अस्त्र भारतीय परम्परा की ही देन हैं, जो भारतीय महाऋषियों के शरीर विषयक सूक्षम एवं विषद अध्ययन की खूबसूरत अभिव्यक्ति हैं। आइये जाने इसके लाभ।
“काकचण्डीश्वर कल्पतन्त्र” नामक आयुर्वेदीय ग्रन्थ में रात के पहले प्रहर में पानी पीना विषतुल्य बताया गया हैं। मध्य रात्रि में पिया गया पानी “दूध” के सामान लाभप्रद बताया गया हैं। प्रात : काल (सूर्योदय से पहले) पिया गया जल माँ के दूध के समान लाभप्रद कहा गया हैं।
बर्तन का महत्व
उल्लेखनीय हैं के लोहे के बर्तन में रखा हुआ दूध और ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने वाले को कभी यकृत (लिवर) और रक्त (ब्लड) सम्बन्धी रोग नहीं होते। और उसका रक्त हमेशा शुद्ध बना रहता हैं।
उषा पान के लिए पिया जाने वाला जल ताम्बे के बर्तन में रात भर रखा जाए, तो उस से और भी स्वस्थ्य लाभ प्राप्त हो सकेंगे। जल से भरा ताम्बे का बर्तन सीधे भूमि के संपर्क में नहीं रखना चाहिए, अपितु इसको लकड़ी के टुकड़े पर रखना चाहिए। और पानी हमेशा नीचे उकडू (घुटनो के बल – उत्कर आसान) बैठ कर पीना चाहिए।
ऐसे लोग जिन्हे यूरिक एसिड बढे होने की शिकायत हैं, उनके लिए तो सुबह उषा पान करना किसी रामबाण औषिधि से कम नहीं।
क्या हैं उषा पान
प्रात : काल रात्रि के अंतिम प्रहार में पिया जाने वाल जल दूध इत्यादि को आयुर्वेद एवं भारतीय धर्म शास्त्रो में उषा पान शब्द से संबोधित किया गया हैं। सुप्रसिद्ध आयुर्वेदीय ग्रन्थ ‘योग रत्नाकर’ सूर्य उदय होने के निकट समय में जो मनुष्य आठ प्रसर (प्रसृत) मात्रा में जल पीता हैं, वह रोग और बुढ़ापे से मुक्त होकर सौ वर्ष से भी अधिक जीवित रहता हैं।
उषा पान कब करना चाहिए
प्रात : काल बिस्तर से उठ कर बिना मुख प्रक्षालन (कुल्ला इत्यादि) किये हुए ही पानी पीना चाहिए। कुल्ला करने के बाद पिए जाने वाले पानी से सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता। ध्यान रहे पानी मल मूत्र त्याग के भी पहले पीना हैं।
उषा पान के फायदे।
सवेरे ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से अर्श (बवासीर), शोथ(सोजिश), ग्रहणी, ज्वर, उदर(पेट के) रोग, जरा(बुढ़ापा), कोष्ठगत रोग, मेद रोग (मोटापा), मूत्राघात, रक्त पित (शरीर के किसी भी मार्ग में होने वाला रक्त स्त्राव), त्वचा के रोग, कान नाक गले सिर एवं नेत्र रोग, कमर दर्द तथा अन्यान्य वायु, पित्त, रक्त और कफ, मासिक धर्म, कैंसर, आंखों की बीमारी, डायरियां, पेशाब संबन्धित बीमारी, किड़नी, टीबी, गठिया, सिरदर्द आदि से सम्बंधित अनेक व्याधियां धीरे धीरे समाप्त हो जाती हैं।
जल की नैसर्गिक शक्ति।
जल में एक नैसर्गिक विद्दुत होती हैं, जो रोगो का विनाश करने में समर्थ होती हैं। इसलिए जल के विविध प्रयोगो से शरीर के सूक्षम अति सूक्षम, ज्ञान तंतुओ के चक्र पर अनूठा प्रभाव पड़ता हैं, जिस से शरीर के मूल भाग मस्तिष्क की शक्ति एवं क्रियाशीलता में चमत्कारिक बढ़ोतरी होती हैं।
एक कहावत हैं।
प्रात : काल खाट से उठकर, पिए तुरतहि पानी।
उस घर वैद्द कबहुँ नहीं आये, बात घाघ ने जानी।।
आज का जल एक साज़िश।
मगर आज एक सोची समझी साज़िश के तहत हमारे जल को भी अति दूषित कर दिया गया हैं और इसको साफ़ करने के लिए जो विधिया हम इस्तेमाल करते हैं वो पानी को साफ़ तो करती हैं मगर साथ में पानी में बचे खुचे मिनरल्स भी निकाल देती हैं। इसलिए जब हम पहाड़ो पर कभी जाते हैं तो वहां के पानी में बहुत बढ़िया स्वाद आता हैं।
उषा पान किन्हे नहीं करना चाहिए।
विविध कफ – वातज व्याधियों, हिचकी, आमाशय व्रण(अल्सर), अफारा(आध्मान), न्यूमोनिया इत्यादि से पीड़ित लोगो को उषा पान नहीं करना चाहिए।
kaper T lagvane ke bad meri wife dheere-2 weak hone lagti h or safed pani Ki problem ho jati h. plz sugst me
बहुत लाभप्रद जानकारी है धन्यवाद।।
बहुत ही ज्ञान की बाते बताई जो सभी के जीवन में काम आने वाली है बहुत सुन्दर
Bahut fayda huva hya
Achi jankari ke liye THANKS
aap ne likha hai ki usha pan karne se sabhi rog oe TB , BHI DHIRE DHIRE KHTAM HO JATI HAI ,,,, LEKIN KISE PUSHA PAN NAHI KARNA CHAHIYE USME AAP NE LIKHA HAI KI TB, KE ROGI KO USHA PAN NAHI KARNA CHAHIYE ,,,, KRIPYA BATAYE KYA SAHI HAI ,,, , BHRAMIT HO GAYA HU,
tb wale pee sakte h…
इस जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
सर, बताए, यदि सिर के बाल रूखे बेजान बाल के रोए होने पर भी grow नही कर रहे ही तो कॆसे बालो की ग्रोथ को सुधारा जाए।
मै आजकल प्याज का रस से सोते समय मालिश करता हू। जिससे कभी-कभी सुधार की झलक दिखाई देती है। मै बचपन से ही उषापान करता है। मुझे कोई रोग नही है मेरी सारी मेडिकल रिपोर्ट भी सामान्य है । हा नीद दो तीन बार खुलती है रात को, फिर पैशाब जाना पडता है लेकिन पेशाब की रिपोर्ट भी नार्मल है।
कृपा सुझाव दे।
sheershasan ya sarvangasan shuru kare aur har roz 10 se 15 gram anwla khana shuru kare…
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THANK YOU
Sir,
Pahle Sadar Namaskar, Mujhe ye dikkat hai ki mera Pakhana (Mall) clear nahi hota hai.
main roj rat ko 11.00 baje tak so jata hu and subah me 5.30 tak jag jata hu kyuki mujhe class ke liye jana hota hai. khana to time prer kha leta hu lakin pakhana 7-8 din se bahut hi kam hota hai..
kripya Salah De.
syam ko saker ke dud k sat ek chamuch therfala churen ya wadehnat ki netyem 1tab…sote samye le ap problam ke dur ho jyge…..
Thank you for your important advice and suggestion.please give us health information about prostate gland.because many Peaople suffering from lnlargement of prostat gland.