घरेलू उपचार यूरिक एसिड का – Home remedies uric acid
यदि किसी कारणवश गुर्दे की छानने की क्षमता कम हो जाए -तो यह यूरिया में यूरिक एसिड बदल जाता है- जो कि बाद में हड्डियों में जमा होजाता है जिस कारण व्यक्ति को दर्द रहने लगता है-यूरिक एसिड प्यूरिन के टूटने से बनता है- वैसे तो यूरिक एसिड शरीर से बाहर पेशाब के रूप में निकल जाता है-परन्तु किसी कारण-वश जब यूरिक एसिड जब शरीर में रह जाए तो धीरे -धीरे इसकी मात्रा शरीर के लिए नुकसान दायक हो जाती है –
क्या होता है यूरिक अम्ल ( What is uric acid)-
कार्बन,हाईड्रोजन,आक्सीजन और नाईट्रोजन तत्वों से बना यह योगिक जिस का अणुसूत्र C5H4N4O3.यह एक विषमचक्रीय योगिक है जो कि शरीर को प्रोटीन से एमिनो अम्ल के रूप मे प्राप्त होता है. प्रोटीनों से प्राप्त ऐमिनो अम्लों को चार प्रमुख वर्गों में विभक्त किया गया है-
यह आयनों और लवण के रूप मे यूरेट और एसिड यूरेट जैसे अमोनियम एसिड यूरेट के रूप में शरीर मे उपलब्ध है. प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है जब शरीर मे Purine nucleotides टूट जाती है तब भी यूरिक एसिड बनता है. प्युरीन क्रियात्मक समूह होने के कारण यूरिक अम्ल Aromatic compound होते हैं. शरीर मे यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ जाने की स्तिथि को ( hyperuricemia ) कहते हैं. हम प्रोटीन कहाँ से प्राप्त करते है और प्रोटीन क्यों जरूरी हो शरीर के लिए ये जानना भी जरूरी हो जाता है-
मनुष्यों और अन्य जीव जंतुओं के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार है. इससे शरीर की नयी कोशिकाएँ और नये ऊतक बनते हैं पुरानी कोशिकाओं और उत्तको की टूटफूट की मरम्मत के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार है. प्रोटीन के अभाव से शरीर कमजोर हो जाता है और कईं रोगों से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है-
प्रोटीन शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है. वृद्धिशील शिशुओं,बच्चो,किशोरों और गर्भवती स्त्रियों के लिए अतरिक्त प्रोटीन भोजन की मांग ज्यादा होती है परन्तु 25 वर्ष की आयु के बाद कम शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक मात्रा मे प्रोटीन युक्त भोजन लेना उनके लिए यूरिक अम्लों की अधिकताजन्य दिक्कतों का खुला निमंत्रण साबित होते हैं-
रेडमीट(लालरंगकेमांस)सीफूड,रेडवाइन,दाल,राजमा,मशरूम,गोभी टमाटर मटर,पनीर,भिन्डी,अरबी,चावलआदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ जाता है-
शरीर में यूरिक ऐसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं-
भोजन के रूप मे लिए जाने वाले प्रोटीन प्युरीन और साथ मे उच्च मात्रा मे शर्करा का लिया जाना रक्त मे यूरिक एसिड की मात्रा को बढाता है-
कई लोगों मे वंशानुगत कारणों को भी यूरिक एसिड के ऊँचे स्तर के लिए जिम्मेवार माना गया है-
गुर्दे द्वारा सीरम यूरिक एसिड के कम उत्सर्जन के कारण भी इसका स्तर रक्त मे बढ़ जाता है-
उपवास या तेजी से वजन घटाने की प्रक्रिया मे भी अस्थायी रूप से यूरिक एसिड का स्तर आश्चर्यजनक स्तर तक वृद्धि कर जाता हैं-
रक्त आयरन की अधिकता भी यूरेट स्तर को बढ़ाती है जिस पर आयरन त्याग यानी रक्तदान से नियंत्रण किया जा सकता है-
पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं या डायबटीज़ की दवाओं के प्रयोग से भी यूरिक ऐसिड बढ़ सकता है-
उच्च यूरिक एसिड के नुकसान (Loss Of High uric acid )-
इसका सबसे बड़ा नुकसान है शरीर के छोटे जोड़ों मे दर्द जिसे गाउट रोग के नाम से जाना जाता है. मान लो आप की उम्र 25 वर्ष से ज्यादा है और आप उच्च आहारी हैं रात को सो कर सुबह जागने पर आप महसूस करते है कि आप के पैर और हाथों की उँगलियों अंगूठों के जोड़ो मे हल्की हल्की चुभन जैसा दर्द है तो आप को यह नहीं मान लेना चाहिये कि यह कोई थकान का दर्द है आप का यूरिक एसिड स्तर बड़ा हुआ हो सकता है. तो अगर कभी आपके पैरों की उंगलियों, टखनों और घुटनों में दर्द हो तो इसे मामूली थकान की वजह से होने वाला दर्द समझ कर अनदेखा न करें यह आपके शरीर में यूरिक एसिड बढने का लक्षण हो सकता है. इस स्वास्थ्य समस्या को गाउट आर्थराइट्सि कहा जाता है-
एक रूप गठिया का (A form of arthritis)-
गाउट एक तरह का गठिया रोग ही होता है. जिस के कारण शरीर के छोटे ज्वाईन्ट्स प्रभावित होते हैं और विशेषकर पैरों के अंगूठे का जोड़ और उँगलियों के जोड़ व उँगलियों मे जकड़न रहती है-
इससे एड़ी, टख़ने, घुटने, उंगली, कलाई और कोहनी के जोड़ भी प्रभावित हो सकते हैं. इसमें बहुत दर्द होता है जोड़ पर सुर्ख़ी और सूजन आ जाती है और बुख़ार भी आ जाता है. यह शरीर में यूरिक ऐसिड के बढ़ने से पैदा होती है-
यह बढ़ा हुआ यूरिक एसिड रक्त के साथ शरीर के अन्य स्थानों मे पहुँच जाता है. खास तौर पर हड्डियों के संधि भागों मे जाकर रावों के रूप मे जमा होना शुरू हो जाता है. यह जन्म देती है साध्य रोग शरीर के छोटे जोड़ों मे दर्द गाउट Gout को-
यूरिक एसिड के क्रिस्टल जॉइंट में जमा होना(Uric acid crystals to be deposited in the joint)-
अगर यूरिक ऐसिड बढ़ जाए तो वह बहुत नन्हें-नन्हे क्रिस्टलों के रूप में जमा हो जाता है. हड्डियों मे ख़ासतौर से जोड़ों के आस पास. ये क्रिस्टल बहुत ही धारदार होते हैं जो की जोड़ों की चिकनी झिल्ली में चुभते हैं चुभन और भयंकर दर्द पैदा करते हैं गाउट रोग के कारण जोड़ों को घुमाने या गति उत्पन्न करने में कठिनाई महसूस होती है. ठंडी या शीत हवाओं के कारण पीड़ा बढ़ जाती है इसकी सबसे बड़ी पहचान यह है की इसमें रात में दर्द बढ़ जाता है और सुबह शरीर अकड़ता है-
व्यक्ति की किडनी भीतरी दीवारों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो तो ऐसे में यूरिक एसिड बढने की वजह से किडनी में स्टोन भी बनने लगता है-
यूरिक एसिड के असंतुलन से ही गठिया जैसी समस्याएं हो जाती है उच्च यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करना अति आवश्यक होता है। नियंत्रण के लिए यूरिक एसिड़ बढ़ने के कारण को जानना आवश्यक है। अगर आपको यह समस्या आनुवांशिक है तो इसे बैलेंस किया जा सकता है लेकिन अगर शरीर में किसी प्रकार की दिक्कत है जैसे – किडनी का सही तरीके से काम न करना आदि तो डॉक्टरी सलाह लें और दवाईयों का सेवन करें। शरीर में हाई यूरिक एसिड का अर्थ होता है कि आप जो भी भोजन ग्रहण करते है उसमें प्यूरिन की मात्रा में कमी है जो शरीर में प्यूरिन की बॉन्डिंग को तोड़ देती है और यूरिक एसिड बढ़ जाता है। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के कुछ टिप्स निम्म प्रकार हैं-
अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा लगातार बढ़ती है तो आपको भरपूर फाइबर वाले फूड खाने चाहिए। दलिया, पालक, ब्रोकली आदि के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित हो जाती है-
यह प्रयास करें कि अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीया जाए, इससे रक्त में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है-
यदि दर्द बहुत ज्यादा है तो दर्द वाले स्थान पर बर्फ को कपडे मे लपेट कर सिंकाई करने से फायदा होता है-
खान-पान की आदत बदलें शरीर में जमा अतिरिक्त यूरिक एसिड को उदासीन करने के लिए खानपान में क्षारीय पदार्थों की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। फलों, हरी सब्जियों, मूली का जूस, दूध, बिना पॉलिश किए गए अनाज इत्यादि में अल्कली की मात्रा अधिक होती है-
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए हर दिन 500 मिलीग्राम विटामन सी लें. एक दो महीने में यूरिक एसिड काफी कम हो जाएगा-
आश्चर्य की बात है लेकिन यह सच है-
जैतून के तेल में बना हुआ भोजन, शरीर के लिए लाभदायक होता है। इसमें विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है जो खाने को पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है और यूरिक एसिड को कम करता है-खाना बनाने के लिए बटर या वेजटेबल ऑयल के बजाए कोल्ड प्रेस्ड जैतून के तेल का इस्तेमाल करें तेल को गर्म कर देने पर इससे जल्द ही दुर्गध आने लगती है दुर्गधयुक्त फैट शरीर के विटामिन ई को नष्ट कर देता है यह विटामिन यूरिक एसिड के लेवल को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होता है जैतून के तेल के इस्तेमाल से शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड नहीं बनेगा-
अजवाइन भी एक उपहार है –
अजवाइन के बीज का अर्क भी गठिया और यूरिक एसिड की समस्या का यह एक प्रसिद्ध प्राकृतिक उपचार है. अजवाइन के बीज का इस्तेमाल गठिया रोग के उपचार में लंबे समय से किया जाता रहा है. अजवाइन में दर्द को कम करने, एंटीऑक्सीडेंट और डाइयूरेटिक गुण पाया जाता है. साथ ही इसे यूरेनरी एंटीसेप्टिक भी माना जाता है. कई दुर्भल मामलों में नींद न आने की समस्या, व्याग्रता और नर्वस ब्रेकडाउन का उपचार भी इससे किया जाता है. इसके बीज का इस्तेमाल जहां कई तरह के हर्बल सप्लीमेंट्स में किया जाता है वहीं इसकी जड़ भी काफी उपयोगी होती है-
बेकरी के फूड स्वाद में लाजबाव होते है लेकिन इसमें सुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके अलावा, इनके सेवन से शरीर में यूरिक एसिड़ भी बढ़ जाता है। अगर यूरिक एसिड कम करना है तो पेस्ट्री और केक खाना बंद कर दें-
पानी की भरपूर मात्रा से शरीर के कई विकार आसानी से दूर हो जाते है। दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी का सेवन करें। पानी की पर्याप्त मात्रा से शरीर का यूरिक एसिड पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाएगा। थोड़ी – थोड़ी देर में पानी को जरूर पीते रहें-
चेरी में एंटी – इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती है जो यूरिक एसिड को मात्रा को बॉडी में नियंत्रित करती है। हर दिन 10 से 40 चेरी का सेवन करने से शरीर में उच्च यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित रहती है लेकिन एक साथ सभी चेरी न खाएं बल्कि थोड़ी – थोड़ी देर में खाएं-
हर दिन ली जाने खुराक में कम से कम 500 ग्राम विटामिन सी जरूर लें। विटामिन सी, हाई यूरिक एसिड को कम करने में सहायक होता है और यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते निकलने में भी मदद करता है। यकृत की शुद्धि के लिए नींबू अक्सीर है। नींबू का साईट्रिक ऐसिड भी यूरिक एसिड का नाश करता है-
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन: लाल शिमला मिर्च, टमाटर, ब्लूबेरी, ब्रोकली और अंगूर एंटीऑक्सीडेंट विटामिन का बड़ा स्रोत है. एंटीऑक्सीडेंट विटामिन फ्री रेडिकल्स अणुओं को शरीर के अंग और मसल टिशू पर आक्रमण करने से रोकता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम होता है-
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढने पर इसे कम करना आसान नहीं होता । लेकिन शतावर (asparagus) की जड़ का चूर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन दूध या पानी के साथ लिया जाए , तो यूरिक एसिड घटना प्रारम्भ हो जाता है और शरीर की कमजोरी भी दूर होती है –
गाजर और चुकन्दर का जूस भी पीते रहें इससे और भी जल्दी लाभ होगा –
सेब का सिरका भी रक्त का पी एच वैल्यू बढ़ाकर हाई यूरिक एसिड लेवल को कम करता है. पर सेब का सिरका कच्चा, बिना पानी मिला और बिना पाश्चरीकृत होना चाहिए. हेल्थ फूड स्टोर से आप इसे आसानी से हासिल कर सकते हैं-