Kesar ki pahchan
केसर का पौधा 9-10 इंच का होता हैं और इसके फूल जामुनी रंग के होते हैं। इसकी पत्तियों के बीच में केसरी रंग की स्टिग्मा होती हैं जिसको ही इस्तेमाल में ली जाती हैं, जिसको ही केसर कहा जाता हैं।
केसर गुणों में अमृत के समान हैं और इसके इन्ही गुणों की वजह से ये सोने के दाम पर बिकता हैं। और इसी की वजह से लोग इसमें मिलावट करते हैं। पहाड़ी लोग जो सामान बेचने आते हैं पहाड़ का नाम लेकर सस्ता केसर देने को कह कर मिलावट वाला केसर थमा जाते हैं। ऐसे में ज़रूरी हैं केसर की पहचान होना। आज हम आपको केसर के असली नकली की पहचान बताएँगे।
केसर की पहचान बिलकुल आसान हैं।
- इसकी असली नकली की पहचान के लिए आप एक सफ़ेद पेपर पर इसको रखे और उस पर ठन्डे पानी की बूंदे डाले। अब इसको ऊँगली से रगड़े। रगड़ने पर ये पीला रंग छोड़ेगा और बहुत बढ़िया खुशबू देगा।
- शुद्ध केसर स्वाद में खारी या कड़वी होती हैं।
- ज़रा सी केसर जीभ पर रखे। 15-20 मिनट तक रखे। यदि आपके सर में गर्मी चढ़नी लगे या सर गर्म होने लगे तो समझे केसर असली हैं।
- असली केसर आसानी से टूटता नहीं। असली केसर पानी में जल्दी घुल जाता हैं।
Open Facebook
want 2 read these tips
VERY NICE .
Want to read diabetes tips
upar sugar ka alag se column hain.. kripya padhiye…