ठंडाई बनाने के लिए आवश्यक सामग्री:-
- सौंफ 100 ग्राम
- खस खस 50 ग्राम
- मगज खरबूजा 50 ग्राम (खरबूजे से निकलने वाले बीजो की गिरियाँ)
- काली मिर्च 60 ग्राम
- बादाम 150 ग्राम
- इलायची दाना 20 ग्राम
- केसर 3 ग्राम
- गुलाब जल 30 मि ली
- मिश्री 2.0 कि ग्रा
- वंश लोचन 3 ग्राम
- पानी 1.5 लीटर
ये सभी उपरोक्त वस्तुएं आपको किसी भी किराने या पंसारी से मिल जाएँगी.
ठंडाई बनाने की विधि:-
Thandai banane ki vidhi.
रात को बादाम, सौंफ, काली मिर्च, मगज और खस खस को अलग अलग भिगो देंवें।
सुबह इन सबको अलग अलग पीस लें। बादाम के छिलके उतार कर पीसना है।
अब पिसे हुए सौंफ को 1.5 लीटर पानी में उबालें। (इतना उबालें कि, आधा लीटर तक पानी उड़ जाये।) इस पानी में से सौंफ को छान कर फेंक दें। छने हुए पानी को पुनः उबालें। एक उबाल आने पर मिश्री डाल कर 10 मिनट तक उबलने दें। पानी के ऊपर से मैल निकाल लें। इस मिश्री युक्त पानी को छान लीजिये और छानने के बाद इस में पिसे हुए बादाम, खस खस, काली मिर्च और मगज मिलाकर आधे घण्टे तक उबालने के बाद ठंडा होने दें।
वंश लोचन को बारीक पीस लें।
केसर और इलायची दाने को पीस कर गुलाब जल में घोट लें।
वंशलोचन, केसर इलायची और गुलाबजल के मिश्रण को ठंडाई में मिला कर बोतलों में भर लें।
ठंडाई के सेवन की विधि.
Thandai ke sewan ki vidhi.
गर्मियों में ठंडाई के सेवन की सर्वोत्तम विधि है, दूध की लस्सी में डालकर पीना. इसके लिए एक गिलास में एक हिस्सा दूध ले कर तीन हिस्सा पानी डालिए और इसमें 30 मि ली ठंडाई डालिए. इसको पीने के एक घंटे तक कुछ भी ना खाए पियें. इसको पीते ही आप तरोताज़ा महसूस करेंगे.
ठंडाई के फायदे.
Thandai ke fayde.
1. एसिडिटी – पेट में गर्मी
जिनको अम्ल पित्त, पित्त प्रकोप और उदर में ज्यादा गर्मी होने की तथा पेट में जलन होने की शिकायत हो उनको गर्मियों में सुबह खाली पेट दूध की लस्सी में ठंडे डालकर पीना बहुत फायदेमंद है.
2. मुंह में छाले
मुँह में छाले होते रहते हों तो ठंडाई का नित्य सेवन करने से छाले होना बंद हो जायेंगे.
3. पेशाब में जलन
अगर पेशाब करते समय जलन हो तो ठंडाई का नित्य सेवन करने से ये समस्या दूर हो जाती है.
4. आँखों में जलन
आँखों में जलन हो ठंडाई का रोजाना सेवन करने से इसमें बहुत आराम आता है.
5. अलसर (पेट के छालों में)
पेट में अल्सर होने पर यह बहुत ही रामबाण है. दिन में 3-4 बार दूध की लस्सी में ठंडाई डालकर पीने से अल्सर में थोड़े दिनों में ही आराम होता है.
6. स्वपनदोष और शीघ्रपतन
शरीर में अति उष्णता बढ़ जाने से तथा पित्त के कुपित रहने से जिन्हे स्वप्नदोष और शीघ्रपतन होने की शिकायत हो उनके लिए इसका सेवन अत्यधिक फायदेमंद है. शीघ्रपतन के रोगियों को इसे दूध में डालकर पीना चाहिए. और स्वपन दोष के रोगियों को इसे दूध की लस्सी में.
7. रक्तप्रदर और श्वेत प्रदर में.
स्त्रियों को रक्तप्रदर या श्वेतप्रदर की समस्या होने पर 40 दिन तक नियमित रूप से ठंडाई का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
8. दिमागी टॉनिक.
ठंडाई एक प्रकार का दिमागी टॉनिक भी है. गर्मियों में ठंडाई का नियमित सेवन दिमागी काम करने वालों और पढने वाले बच्चों के लिए ये विशेष रूप से लाभकारी है.
9. गर्मी के प्रकोप से बचाए.
नियमित ठंडाई का सेवन करने से गर्मी से कष्ट नहीं होता, शरीर में जलयांश की कमी (डिहायड्रेशन), लू लगना, डायरिया, उलटी-दस्त-हैजा आदि व्याधियाँ नहीं होतीं, मुँह सूखना, आँखों में जलन होना, पेशाब में रुकावट या कमी, अनिद्रा, पित्तजन्य सिर दर्द, कब्ज रहना, ज्यादा पसीना आना, स्त्रियों को अधिक रक्त स्राव होना आदि शिकायतें नहीं होती।
ठंडाई के सेवन में सावधानी.
जिन लोगों कि प्रकृति अति शीतल होती है उनको सुबह के वक्त ठंडाई का सेवन करने से जुकाम हो सकता है। ऐसी स्थिति में जुकाम ठीक न होने तक ठंडाई का सेवन न करें। ऐसे व्यक्तियों को ठंडाई का सेवन दोपहर के समय करना अधिक फायदेमंद है.