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जमीन पर बैठकर खाने के अनेक स्वास्थ लाभ –

जमीन पर बैठकर खाने के अनेक स्वास्थ लाभ –

“नीचे बैठकर खाना!! ना बाबा ना, कितना आउटडेटेड और असभ्य सा तरीका है…..” जब कभी कोई आपको नीचे बैठकर खाने के लिए कहता है तो आपके दिमाग में यही शब्द घूमते होंगे कि कहीं किसी ने आपको नीचे बैठकर खाना खाते हुए देख लिया तो ये आपके लिए कितना शर्मिंदगी भरा होगा। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि प्राचीन काल में बड़े-बड़े ऋषि-महर्षि जमीन पर बैठकर ही भोजन क्यों किया करते थे? वे ना तो असभ्य थे और ना ही निचले तबके के, फिर क्यों भोजन करने के लिए वे भूमि को ही चुनते थे? चलिए आज हम आपको जमीन पर बैठकर खाने का तात्पर्य और उसके फायदे बताते हैं, जिनसे अभी तक आप पूरी तरह अपरिचित हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और अगली बार से जब जमीन पर बैठकर खाना खाने का मौका लगे तो इसे गौरव से करें। ये शर्म का नहीं हेल्थ का विषय है। वैसे भी हमारे पूर्वजों ने जिस परंपरा को बनाया है, वह गलत तो नहीं हो सकती इसलिए आवश्यकता है कि उनकी वैज्ञानिकता को समझकर व्यवहार करें।

जमीन पर खाने की परंपरा बहुत प्राचीन है, लेकिन इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं, इससे वजन नहीं बढ़ता, पाचन क्रिया सुधरती है, दिल मजबूत होता है जैसे कई फायदे हैं इसके, तो जमीन पर खाने की आदत डालें।

1. स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद
जमीन पर बैठकर खाना खाने का अर्थ सिर्फ भोजन करने से नहीं है, यह एक प्रकार का योगासन कहा जाता है। जब भारतीय परंपरानुसार हम जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो उस तरीके को सुखासन या पद्मासन की तरह देखा जाता है। यह आसन हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभप्रद है।

2. रक्तचाप में कमी
इस तरीके से बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, जिससे आपके शरीर को आरामदायक अनुभव होता है। इससे आपकी सांस थोड़ी धीमी पड़ती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप में भी कमी आती है।

3. पाचन क्रिया
इस आसन में बैठने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है, जिससे खाना जल्दी पचता है। अब आप देख लीजिए जमीन पर बैठकर खाना खाने से ना सिर्फ आप भोजन का लुत्फ उठा रहे होते हैं बल्कि साथ ही साथ योग भी कर रहे होते हैं।

4. पाचन क्रिया में सुधार
जमीन पर बैठकर खाने से आपको भोजन करने के लिए प्लेट की तरफ झुकना होता है, यह एक नैचुरल पोज है। लगातार आगे होकर झुकने और फिर पीछे होने की प्रक्रिया से आपके पेट की मांसपेशियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जिसकी वजह से आपकी पाचन क्रिया में सुधार होता है।

5. शरीर के मुख्य भागों की मजबूती
भोजन करने के लिए जब आप पद्मासन में बैठते हैं तब आपके पेट, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे की मांसपेशियों में लगातार खिंचाव रहता है जिसकी वजह से दर्द और असहजता से छुटकारा मिलता है। इस मांसपेशियों में अगर ये खिंचाव लगातार बना रहेगा तो इससे स्वास्थ्य में सुधार देखा जा सकता है।

6. वजन को नियंत्रित रखना
जमीन पर बैठना और उठना, एक अच्छा व्यायाम माना जाता है। भोजन करने के लिए तो आपको जमीन पर बैठना ही होता है और फिर उठना भी, अर्ध पद्मासन का ये आसन आपको धीरे-धीरे खाने और भोजन को अच्छी तरह पचाने में सहायता देता है।

7.परिवार की निकटता
एक साथ बैठकर खाने से फैमिली बॉंडिंग स्ट्रॉंग होती है, ये बात तो आप जानते ही हैं। साथ ही पद्मासन में बैठकर खाने से आप मानसिक तनाव से दूर होते हैं, जिससे आप अपने परिवार के साथ एक अच्छा टाइम बिता सकते हैं।

8. घुटनों का व्यायाम
जमीन पर बैठकर भोजन करने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसके साथ ही साथ जमीन पर बैठने के लिए आपको अपने घुटने मोड़ने पड़ते हैं। इससे आपके घुटनों का भी बेहतर व्यायाम हो जाता है, उनकी लचक बरकरार रहती है जिसकी वजह से आप जोड़ों की समस्या से बचते हैं।

9. पॉस्चर में सुधार
क्रॉस लेग्स की सहायता से जमीन पर बैठने से आपके शारीरिक आसन यानि कि पॉस्चर में सुधार होता है। स्वस्थ शरीर के लिए सही आसन बहुत जरूरी है, इससे आपकी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है लेकिन साथ ही साथ रक्त संचार में भी सुधार होता है।

10. दिल की मजबूती
सही पोस्चर में बैठने से आपके शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है और साथ ही साथ आपको नाड़ियों में दबाव भी कम महसूस होता है। पाचन क्रिया में रक्त संचार का एक अहम रोल है। पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में हृदय की भूमिका अहम होती है। जब भोजन जल्दी पच जाएगा तो हृदय को भी कम मेहनत करनी पड़ेगी।

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  1. Narayan Jambhulkar

    मै आज से कसम खाता हु कि,निचे बैठकर ही खाना खाऊगां.मेरा पेट बढनेसे मै उंपर बैठकर खाना खाता था.

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