Makardhwaj, Makardhwaj ke fayde, Benefit of makardhwaj in hindi
मकरध्वज आयुर्वेद की महौषधि है इसके समान सर्व रोग नाशिनी कोई दवा संसार में किसी भी पैथी में नहीं है. बड़े बड़े डॉक्टर्स ने भी यह बात मान ली है के मकरध्वज के बराबर दुनिया में कोई दूसरी दवा नहीं है. इसके द्वारा अनगिनत प्राणी काल के मुंह से बचते है. बंगाली डॉक्टर्स सबसे ज्यादा इसका ही व्यव्हार करते हैं.
एक ही मकरध्वज से बहुत सारे रोगों में आराम – यह कोई विज्ञापन नहीं है, युक्तिसंगत और हज़ारों डॉक्टर्स और लोगों का अनुभव है. मकर ध्वज के सेवन से मनुष्य कि ताक़त बहुत बढती है. यह हृदय और स्नायुमंडल (दिमाग) को इंजेक्शन कि तरह पांच मिनट में ताक़तवर बनाता है. मकरध्वज खाने से शरीर का वजन निश्चित रूप से बढ़ता है. यह बल वीर्य कान्ति शक्ति पुरुषार्थ आदि के लिए सर्व श्रेष्ठ है. शीघ्रपतन की तो ये अजूबा दवा है. नपुंसकता के लिए मकरध्वज महा गुणकारी है. गोद के बच्चे से लेकर 100 वर्ष तक के आदमी को मकर ध्वज एक सा फायदा करती है.
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लोगों में ग़लतफ़हमी है के मकर ध्वज या चंद्रोदय सिर्फ मरते समय ही दी जाती है जिस से व्यक्ति के प्राण बचने के चांस बन जाते हैं. यह तो सही है के सबसे अच्छी दवा होने के नाते यह मरते व्यक्ति को भी जिंदा कर देती है. अब जो दवा मरते व्यक्ति को जिंदा कर प्राण दान दे सकती है वो दवा साधारण दिखने वाले रोगों में तो जादू मन्त्र की तरह फायदा करती है. बंगाल में इसका बहुत प्रयोग होता है. वहां के धनी व्यक्ति बारहों महीनो बिना रोग के मकर ध्वज को खाते हैं और बहुत ही तंदुरुस्त बने रहते हैं.
भैषज्य रत्नावली में लिखा है
एतदभ्यासतश्चैव जरामरण नाश्नामः
अनुपान विधानेन निहन्ति विविधान गदान
अर्थात – इसके सेवन से बुढापा चला जाता है और अचानक मौत (जैसे हार्ट फेल) नहीं होती. अनुपान भेद से मकरध्वज बहुत सी बिमारियों को दूर करता है.
मकरध्वज के लाभकारी अनुपान – makardhwaj
- नए बुखार में अदरक का रस या परवल का रस और शहद.
- मियादी बुखार में पान का रस या शहद.
- सन्निपात इ ब्राह्म रस के साथ.
- निमोनिया में अडूसे का रस और शहद.
- मोतीझरा में शहद और लौंग का काढ़ा.
- मलेरिया बुखार में करंज का चूर्ण और शहद.
- पुराने बुखार में पीपल का चूर्ण या शेफाली का रस और शहद.
- ज्वारातिसर में शहद और सौंठ का पानी.
- आंव के दस्तों में बिल्व (बेल) कि गिरी का चूर्ण और शहद
- खून के दस्त में कुडे कि छाल का काढ़ा और शहद.
- पतले दस्त में जीरे का चूर्ण और शहद के साथ मकरध्वज
- पुराने दस्त में चावल का धोवन और शहद के साथ मकरध्वज
- संग्रहणी में जीरा का चूर्ण और शहद के साथ मकरध्वज
- बवासीर में जिमीकंद का चूर्ण या निमोली का चूर्ण और शहद के साथ मकरध्वज
- खूनी बवासीर में नागकेशर का चूर्ण और शहद के साथ मकरध्वज
- हैजे में प्याज का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- कब्जियत में त्रिफला का पानी और शहद के साथ मकरध्वज
- अमल्पित्त में आंवले का पानी और शहद के साथ मकरध्वज
- पांडू (पीलिया) में पुराने गुड के साथ के साथ मकरध्वज
- राजयक्ष्मा में सितोपलादि चूर्ण, गिलोय का सत्व अथवा बासक (अडूसे) का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- खांसी में कंटकारी का रस या पान का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- दमे में बेल के पत्तों का रस या अपामार्ग का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- स्वरभंग में मुलेठी चूर्ण और शहद के साथ मकरध्वज
- अरुचि में निम्बू का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- मिर्गी में बच का चूर्ण और शहद के साथ मकरध्वज
- पागलपन में कुष्मांडाव्लेह या ब्राहम रस और शहद के साथ मकरध्वज
- वातव्याधि में अरंड की जड़ का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- वातरक्त में गिलोय का रस और शहद के साथ मकरध्वज
- आमवात में शहद से खाकर ऊपर से सने, बड़ी हरड और अमलतास का काढ़ा लें.
- वयुगोले में भुनी हुई हींग का चूर्ण और गर्म पानी .
- हृदय रोग में अर्जुन की छाल का चूर्ण और शहद.
- मूत्रकच्छ और मुत्रघात में गोखरू का काढ़ा और शहद.
- सुजाक में जवाखार और गर्म पानी.
- पथरी में कुल्थी की दाल का काढ़ा और शहद.
- प्रमेह (धातु स्त्राव) में कच्ची हल्दी का रस या आंवले का रस अथवा नीम गिलोय का रस और शहद.
- मधुमेह में जामुन की गुठली का चूर्ण और शहद.
- दुर्बलता में असगंध का चूर्ण और शहद.
- उदर रोग और शौथ में शहद और शुद्ध रेंडी का तेल.
- गर्मी में अनंतमूल का काढ़ा और शहद.
- शीतला (चेचक) में करेले की पत्ती का रस और शहद.
- मुख रोग में गिलोय का रस और शहद.
- रक्तप्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण या उससे पकाया हुआ दूध और शहद.
- सफ़ेद प्रदर में चावल का धोवन (मांड) या राल का चूर्ण और शहद.
- सूतिका रोग में शहद और दशमूल का काढ़ा.
- नाडी छूटने पर तुलसी का रस शहद.
- कफ रोग में अदरक का रस और शहद.
- पित्त रोग में शहद, सौंफ और धनिये का पानी.
- ताक़त बढ़ाने के लिए वेदाना का रस, मलाई मक्खन, अंगूर का रस, शतावर का रस या पान का रस और शहद.
- स्तंभक शक्ति के लिए माजूफल तथा जायफल का चूर्ण और शहद.
विशेष – Makrdhwaj
इतनी गुणकारी होने की वजह से मकरध्वज थोड़ी महंगी होती है, और लोग इसमें मिलावट भी कर देते हैं, इसलिए जब भी मकरध्वज खरीदना हो तो बैद्यनाथ कंपनी की ही लीजिये, बैद्यनाथ कई दशकों से क्वालिटी और सही दाम में ये सब चीजें मुहैया करवाता है. बैद्यनाथ की मकर ध्वज एक ही खुराक में अपना असर दिखा देती है. रोगों में इसके सही उपयोग की विधि आप वैद के परामर्श से ही करें. और बिना रोग के अगर आप इसको लेना चाहें तो भी आप इसको नियमित सेवन कर सकते हैं.
मकरध्वज की सेवन की मात्रा.- makardhwaj kitni sewan kare
मकरध्वज आधी रत्ती से एक रत्ती (62 से 125 मि. ग्रा.) तक आवश्यकतानुसार दें.
सिद्ध मकरध्वज – sidhh makardhwaj
राजा महाराजा और धनी व्यक्ति ही इसका व्यव्हार करते हैं. मकरध्वज के सम्पूर्ण गुण सिद्ध मकरध्वज में पाए जाते हैं. यह मकरध्वज से अधिक शक्तिशाली होती है.
सिद्ध मकरध्वज स्पेशल
सिद्ध मकरध्वज स्पेशल अष्ट दश संस्कारित एवम षडगुण बलिजारित पारद से निर्मित मकर ध्वज, स्वर्ण भस्म, कस्तूरी और मोती भस्म आदि से निर्मित किया जाता है. यह औषध शारीरिक एवम मानसिक दुर्बलता को मिटा कर शरीर में नवीन शक्ति एवम सफुर्ती को उत्पन्न करती है. इसके अतिरिक्त ज्वर, निमोनियां, सर्दी, जुकाम खांसी, कफ, श्वांस, फेफड़ों के रोग, राजयक्ष्मा, उर:क्षत, नाडी क्षीणता, शीतांग, आदि रोगों में इस औषध का सफल प्रयोग होता है. शरीर में किसी भी कारण वश खून की कमी हो जाए तो इसके सेवन से अमृत के समान लाभ होता है. बालक, वृद्ध, युवा, स्त्री, पुरुष सबके लिए समान रूप से लाभकारी है. शीतकाल में इसका निरंतर सेवन किया जा सकता है.
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सिद्ध मकरध्वज स्पेशल मात्रा और अनुपान.
1-1 रत्ती (125 मि.ग्रा.) सिद्ध मकरध्वज दिन में दो बार सुबह और शाम. बच्चो को उनकी आयु के अनुसार कम मात्रा में दें. आवश्यकतानुसार दिन में दो से अधिक बार भी दिया जा सकता है. अनुपान में मधु, मक्खन मिश्री, मलाई मिश्री, दूध या पान का रस और मधु, या अदरक का रस और शहद के साथ या रोगानुसार उचित अनुपान के साथ रोगी को दें.
मधु मकरध्वज
मकरध्वज को शहद के साथ अच्छी तरह घोंट कर बनाया जाए तो यह मधु मकरध्वज कहलाता है. मकरध्वज को असली शहद के साथ एक घंटा खूब अच्छी तरह घोंटना चाहिए, नहीं तो पूरा फायदा नहीं करती. यह बना बनाया मिल जाता है.
मकरध्वज षडगुणबलिजारित (भैषज्यरत्नावली)
मकरध्वज षडगुणबलिजारित में गंधक ६ गुणा ज्यादा डाली जाती है, इसलिए ये साधारण मकरध्वज से अधिक प्रभावशाली होती है. इस मकरध्वज के निर्माण में उपयोग किये जाने वाले पारद को अष्ट संस्कारित कर, इसके बाद में षड्गुण गंधक जारित किया जाय और इसके बाद षड्गुणबलजारित मकरध्वज तैयार किया जाए तो बहुत ही श्रेष्ठ चमत्कारिक गुणों से पूर्ण मकरध्वज तैयार होता है.
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विशेष नोट.
आपको यह सब मकरध्वज बैद्यनाथ स्टोर से मिल जाएँगी. और किसी रोग के उपचारार्थ अनुभवी वैद का परामर्श ज़रूर लेवें. यह जानकारी सिर्फ आपको मकरध्वज के फायदों से अवगत करवाने के लिए है.
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Hi. Kindly tell from where I can get makardhwaj.
बैद्यनाथ फार्मसी से मिल जाएगी.
pls send detail where makradhwaj is avilable ,how I can used this product
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Sex ka time Barane ke liye kab aur kitna le sakte hai sath hi errection power ke liye Kiya karna hai
मेरी उम्र 25 वर्ष है कृपा करके मुझे मोटा होने की कोई बैधनाथ की अच्छी सी दवा बताएं
Sir mujhe aapke store ka no. Chahiye
Shree Man ji namshakar ke sath mai aap se jaanna chahta hu ki yaaddast bdhane ke liye kisme or kitni matra me use kare
Aap ki atti kirpa hogi
My cousin is old tuberculosis penitent how is useful for him
Kaya hum routine mey b iska sewan kr saktey hey for energy (sexual) & stamina or kitni quantity adult person key liye pl advice
Kaya hum routine mey b iska sewan kr saktey hey for energy(sexual) or kitni quantity ek adult person key liye pl advice
Varinder Kumar jindal
Thank you thankyou thankyou sir…apki batai gai her ek baat hamare liya bardaan hai
What is the treatment of enlarged prostate in baidyanath. My age is 54 years
मगर ध्वज औषध चाहिए काह मिल गा
Mera long puri the se kada nahi hota kindly koi acha air fast ilag batye
इसे लेने से सेक्स पॉवर बढेगा क्या
मकरध्वज लेने से शरीर में बहुत फायदा होगा, बहुत सरे बंगाली बाबा सेक्स पॉवर बढाने के लिए लोगों को सिर्फ मकरध्वज दे कर हजारों रुपैये ले लेते हैं.