अक्सर चाय के बारे में लोगों से सुना है के ये बहुत हानिकारक है, इसके दुष्प्रभाव रोग प्रतिरोधक शक्ति कम करने से लेकर हृदय कैंसर और पेट की अनेक बीमारियाँ और वीर्य तक को पतला कर देती है. मगर ये चाय ससुरी ऐसे मुंह चढ़ी है के उतरती ही नहीं. इसके दुष्प्रभाव जानते हुए भी इसकी आदत छूटती नहीं, तो ऐसे में क्या करें. आज हम आपको वही बताने जा रहें है के कैसे इसके दुष्प्रभाव कम करके आप इसको सेहत मंद बना सकते हैं.
अगर आप भी चाय के शौक़ीन हैं तो आप जब भी चाय पियें तो उस से पहले ये काम कर लेंगे तो आपको चाय के दुष्प्रभावों का असर कम हो जायेगा और ये बन जाएगी आपके लिए बेहतरीन स्वादिष्ट और सेहत से भरपूर पेय.
सबसे पहले तो चाय जब भी पियें तो पीने के बाद में कुल्ला अवश्य करें, इस से दांतों में कीटाणु नहीं लगेंगे.
सुबह सुबह या दिन में जब भी चाय पियें तो खाली पेट या सीधे ही चाय मत पियें, चाय का कप जब भी हाथ में आये तो इसके पहले एक या दो गिलास पानी ज़रूर पियें. पानी पीने से चाय का सीधे सीधे आँतों पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव कम होता है. इसलिए जब भी चाय पियें तो पहले एक गिलास पानी तो ज़रूर ही पियें.
चाय के दुष्प्रभाव कम करके उसके गुण कई गुणा बढ़ा देंगे ये नुस्खे.
केरला के लोग जब भी चाय पीते हैं तो इसको बिना दूध के पीते हैं ऐसा इसलिए क्यूंकि चाय और दूध मिल कर टोक्सिन पैदा करते हैं. और बिना दूध की चाय शरीर को अधिक नुक्सान नहीं करेगी. और यहाँ हम उन माताओं और बहनों को विशेष बताना चाहेंगे के वो चाय के दुष्प्रभाव कम करने के लिए चाय में दूध ज्यादा डाल देती हैं दूध पत्ती के नाम पर. ऐसा मत करें.
चाय में डाली जाने वाली चीनी बहुत अधिक नुक्सान करती है. कई लोगों को चाय अत्यंत मीठी पसंद है, ऐसा करके वो अपने लिए बिमारियों को और पास बुला रहें है. अगर हो सके तो चाय बिना दूध के और बिना चीनी की पीना शुरू करें.
चाय में स्वाद बढाने के लिए आप बिना दूध की चाय में अगर आधा निम्बू निचोड़ देंगे तो ये आपके फैट को कम करने में और भी अनेक रोगों में उपयोगी हो सकती है.
इसके गुणों को और बढ़ाने के लिए आप इसमें चुटकी भर दालचीनी भी मिला सकते हैं.
सबसे अहम् बात घर पर जब भी चाय बनाये तो उसके लिए aluminium के बर्तन प्रयोग में मत लायें. aluminium ज़हर है. चाय के लिए आप पीतल या कांसे के बर्तन इस्तेमाल कीजिये.