Friday , 27 December 2024
Home » medicine » पिप्पल्यादि लौह की जानकारी और उपयोग।

पिप्पल्यादि लौह की जानकारी और उपयोग।

पिप्पल्यादि लौह की जानकारी और उपयोग।

पिप्पल्यादि लौह एक आयुर्वेदिक लौह कल्प है। लौह कल्प में मुख्य घटक लोहा होता है। इस दवा को भैषज्य रत्नावली के हिक्का श्वासरोगाधिकार से लिया गया है। इसका प्रयोग खांसी, कफ, अस्थमा, हिचकी/हिक्का रोग, वमन, आदि को दूर करने के लिए होता है। यह छाती में जमा कफ को यह निकालने में मदद करती है। सूखी खांसी में भी इसका प्रयोग अच्छे परिणाम देता है। यह पित्त को भी शांत करता है।

[ads4]

पिप्पल्यादि लौह के घटक Ingredients of Pippalyadi Lauha

  • छोटी पिप्पली Pippali (Fr.) 1 Part
  • आमलकी Amalaki (P.) 1 Part
  • द्राक्षा Draksha (Dr.Fr.) 1 Part
  • बेल की गिरी Kolasthi (Kola) (Enm.) 1 Part
  • शहद Madhu 1 Part
  • शर्करा sharkara 1 Part
  • विडंग Vidanga (Fr.) 1 Part
  • पुष्कर Pushkara (Rt.) 1 Part
  • लौह भस्म Lauha bhasma 8 Parts

मुख्य घटक:

लौह भस्म आयरन का ऑक्साइड है और आयुर्वेद बहुत अधिक प्रयोग होता है। आयुर्वेद में लौह कल्प, वह दवाएं हैं जिनमे लौह भस्म मुख्य घटक है। लौह के अतिरिक्त इन दवाओं में हर्बल घटक भी होते हैं। लौह कल्प के नाम में ‘लौह’ शब्द का प्रयोग होता है। लौह कल्प को क्रोनिक बिमारियों के इलाज़ के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पांडू रोग या अनीमिया को नष्ट करता है।

लौह भस्म को पाण्डु (anaemia), प्रमेह (diabetes), यक्ष्मा (tuberculosis), अर्श (piles), कुष्ठ (skin disorders), कृमि रोग (worm infestation), क्षीणतवा (cachexia), स्थूलया (obesity), ग्रहणी (bowel syndrome), प्लीहा रोग (spleenic disorders), मेदोरोगा (hyperlipidemia), अग्निमांद्य (dyspepsia), शूल (spasmodic pain), और विषविकार (poisoning) में प्रयोग किया जाता है।

पिप्पल्यादि लौह के चिकित्सीय उपयोग Uses of Pippalyadi Lauha

  • अग्निमांद्य (Digestive impairment)
  • छर्दी (Emesis)
  • हिक्का (Hiccup)
  • श्वास/अस्थमा (Dyspnoea/Asthma)
  • मंदज्वर (Low grade fever)

पिप्पल्यादि लौह के लाभ/फ़ायदे Benefits of Pippalyadi Lauha

  • यह शरीर में आयरन की आपूर्ति करता है।
  • इसमें आंवला होने से आयरन का अवशोषण आसानी से होता है।
  • यह पित्त प्रधान, और कफ रोगों में लाभ करता है।
  • यह छाती में जमा कफ को ढीला कर निकालने में मदद करता है।
  • यह हिचकी, अधिक प्यास, में भी बहुत लाभ करता है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Pippalyadi Lauha

  • 1 गोली, दिन में दो से तीन बारलें।
  • इसे शहद के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status