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त्वचा में रुखेपन के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे (Ayurvedic Tips For curb Dryness in Skin)

त्वचा में रुखेपन के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे (Ayurvedic Tips For curb Dryness in Skin)

आयुर्वेद में किफायती और केमिकल रहित अनेक उपाय हैं जो त्वचा को मुलायम (Soft), कोमल (Supple) और सुंदर (Beautiful) बनाते हैं। इन्हें जानने से पहले आइये उन कारणों के जानते हैं जो हमारी त्वचा को रुखा बनाते हैं।

त्वचा में रुखेपन के कारण (Causes of Dryness in Skin)

  • उम्र का बढ़ना
  • मौसम में परिवर्तन
  • शरीर में वात (Vata) का बढ़ जाना
  • तनाव (Stress)
  • संतुलित भोजन (Balanced Diet) न ग्रहण करना

त्वचा में रुखेपन के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे (Ayurvedic Tips for curb Dryness in Skin)

1. सब्जियों का सेवन (Intake of Vegetables)

हमें पानी से भरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जो पाचन में आसान होती हैं जैसे गाजर, लौकी, खीरा, मूली आदि। यह सब्जियाँ त्रिदोषक होती हैं और हर प्रकार की त्वचा के लिए लाभदायक होती हैं। हमें प्रतिदिन कम से कम तीन सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

2. चिड़िया की तरह सेवन (Eat Like A Bird)

परम्परागत आयुर्वेद में बताया गया है की हमें सीड्स और नट्स (Seeds and Nuts) का सेवन भोजन के साथ करना चहिये। ऐसा करने से हमारी त्वचा में अच्छा बदलाव आता है और वह साफ़ दिखाई देता है। वात के कारण हमारी तवचा खुश्क (Dry Skin) हो जाती है परन्तु सीड्स और नट्स में ओमेगा 3 (Omega 3) और प्राकृतिक फैट्स पाये जाते है जो त्वचा को संतुलन प्रदान करते हैं। इनमे फाइबर (Fiber) भी पाया जाता है जो हमारे हाजमे की कमजोरी को दूर करता है।

3. हर्बल चाय (Herbal Tea only)

वात से खुश्की बढ़ जाती है और नमी की कमी के कारण त्वचा की कोमलता नष्ट हो जाती है। इससे बचने के लिए हम गर्म पदार्थ जैसे हर्बल टी आदि का दिन में कई बार सेवन कर सकते हैं। अदरक और नींबू के मिश्रण से तैयार चाय का सेवन करने से त्वचा हमेशा चमकती रहती है। इससे पाचन भी ठीक रहता है।

4. व्यायाम कीजिये (Do Exercise)

व्यायाम से हम शरीर में वात का बढ़ना रोक सकते हैं। यही नही, व्यायाम करने से हमारे शरीर के टॉक्सिन्स पसीने के रूप में बहार निकल जाते हैं, जो स्वतः अपने आप में त्वचा की चमक बरकरार रखने में महत्वपूर्ण होता है।

5. श्वास प्रक्रिया (Breathing)

मानसिक और भावुक तनाव भी शरीर में वात बढ़ा देता है, जिससे त्वचा का रूखापन बढ़ जाता है। श्वास प्रक्रिया पर ध्यान देने से हम तनाव मुक्त हो सकते हैं और अपने शरीर में वात को बढ़ने से रोक सकते हैं।

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