masso ka ilaj, masse ka ilaj, massa kaise hataye
मस्सों का मूल कारण पैपीलोमा वायरस _ Papilloma Virus है। इसकी वजह से शरीर पर जगह-जगह छोटे-छोटे खुरदरे कठोर पिंड बन जाते हैं जिन्हें मस्सा (Warts) कहते हैं। यदि अनचाहे मस्से चेहरे पर हैं तो ख़ूबसूरती प्रभावित करते हैं। यदि आप मस्से से परेशान हैं जो बिल्कुल न घबरायें, घर में ही इनके दुश्मन मौजूद हैं जो मस्सों को जड़ से समाप्त कर देंगे।
मस्से अक्सर अपने-आप समाप्त हो जाते हैं, लेकिन कुछ मस्से इलाज के बाद जाते हैं। मस्से को काटने और फोड़ने के कारण मस्से का वायरस शरीर के अन्य हिस्सों में भी चला जाता है जिसके कारण मस्से हो जाते हैं। कभी कभी मस्से का वायरस एक आदमी से दूसरे आदमी की त्वचा पर आकर मस्सा बना देते हैं।
आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे के क्या सिर्फ लहसुन से हम अपने मस्सों का इलाज कर सकते हैं, अगर हाँ तो ऐसा क्या कारण है और ऐसे क्या गुण हैं इसमें के हम लहसुन से मस्सों का इलाज बड़ी आसानी से कर सकते हैं. आइये जाने.
लहसुन और मस्से – Lahsun se masso ka ilaj
लहसुन में एक कंपाउंड पाया जाता है जिसको कहा जाता है Allicin ये कंपाउंड बहुत शक्तिशाली है और इसमें anti-microbial गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के वायरस से लड़ने की क्षमता समेटे रहते हैं. मानव शरीर में मस्से मुख्यतः HPV (Human papilloma virus) की वजह से होते हैं, और लहसुन के anti-microbial गुण के कारण ये इस वायरस को भी ख़त्म करने की क्षमता रखता है. और इसका सबसे बड़ा फायदा ये है के ये सिर्फ वायरस को ख़त्म करता है, जो मित्र बैक्टीरिया है उनको बिलकुल भी नुक्सान नहीं पहुंचाता, जिस कारण से ही लहसुन कैंसर से लड़ने के लिए बेहद काम की औषिधि बताई गयी है. लहसुन में ऐसे कुछ कंपाउंड भी पाए गए जो शरीर का Detoxification में बहुत काम आते हैं.
ऐसे बहुत सारे शोध हो चुके हैं, जिनमे ये पता लगाने का प्रयास किया गया के क्या वाकई लहसुन मस्सो को ख़त्म कर सकते हैं, इसी प्रकार की एक स्टडी हुयी जिसमे कुछ बच्चों को लिया गया जिनको मस्से हो रहे थे, लहसुन हर मस्से पर रगडा गया और फिर इनके ऊपर एक Bandage (पट्टी) बंद दी गयी, ये विधि 9 सप्ताह तक चली और इस दरमियान सभी बच्चों के मस्से ख़त्म हो गए. एक और स्टडी की गयी जिसमे लहसुन की जगह लहसुन का तेल इस्तेमाल किया गया, लहसुन का तेल भी उसी प्रकार से प्रभावशाली रहा जिस प्रकार से लहसुन. और ये तेल वाला प्रयोग और भी जल्दी असरकारक रहा.
Study Ref:- http://wartroltreatmentreviews.org/garlic-warts/
इसको लगाने की विधि – masse hatane ka tarika
सर्वप्रथम मस्से वाली जगह को अच्छे से धुलाई कर लीजिये, इस पर अभी लहसुन को रगड़ें और रगड़ने के बाद इसी लहसुन की पेस्ट सी बना कर मस्से पर लगा दीजिये, और ऊपर से किसी पट्टी की सहायता से बाँध दीजिये. ये प्रयोग अगर आप रात में सोते समय करेंगे तो ज्यादा बेस्ट रहेगा. 12 घंटे के बाद आप ये पट्टी उतार लीजिये. और मस्सों को सिरके की मदद से धुलाई कर लीजिये. ऐसा तकरीबन 9 सप्ताह तक कीजिये.
लहसुन का तेल – Lahsun ka tel
दूसरा प्रयोग है लहसुन के तेल का. लहसुन का तेल बनाने के लिए आप 100 ग्राम लहसुन अच्छे से छील कर पीस लीजिये, पीसने के बाद में इनको 200 ग्राम तिल के तेल में डालकर धीमी आंच पर अच्छे से पकाएं, जब लहसुन काले हो जायेंगे तो समझ लीजिये के लहसुन का तेल बन गया. इस तेल में लहसुन अच्छे से मैश करके छान लीजिये, अभी ये तेल तैयार है. इसको आप सीधे सीधे मस्सों पर लगाएं. तेल को त्वचा में absorb होने दें. इस से ये और भी जल्दी असर करेगा, इसको आप सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं.
लहसुन के प्रयोग में सावधानी
लहसुन को त्वचा पर लगाने से जलन होती है, अगर आपको त्वचा सम्बन्धी कोई रोग हो या आपकी त्वचा बहुत अधिक sensitive हो तो ये प्रयोग बहुत सोच समझ कर अपने विवेक से करें.
18 प्रकार के कोढ़ का इलाज – 80 प्रकार के वात रोग का इलाज
त्वचा रोग का इलाज – hathipav ka ilaj, psoraisis ka ilaj, skin reviver ark, skin reviver oil
आज हम Only Ayurved में आप को बताने जा रहे है एक ऐसे काढ़े के बारे में जिस के निरंतर 3 से 6 महीने सेवन करने से 18 प्रकार के भयंकर चर्म रोग जैसे सफ़ेद दाग, सोराइसिस , कोढ़ , पामा, विचर्चिका, कंडू, दाद, विस्फोटक, वलिपलित, छाया, नीलिका और व्यंग जैस रोगों में आराम आता है और 80 प्रकार के वात रोग जैसे आमवात, जोड़ो का दर्द, सुजन, जोड़ो में पानी भरना, हाथ पैरो में अकडन, जोड़ो का टेढ़ा मेढ़ा होना, शारीर के अंगो की आकृति बिगड़ जाना, यूरिक एसिड बढ़ना, गाउट, सायटिका , गर्दन और कमर में दर्द, एवं शरीर की सभी मांशपेशियों में दर्द , वातरक्त , कोढ़ उपदंश रोग, आतशक, श्लीपद ,हाथी पांव, अंग सुन्यता, पक्षाघात एकांगवात, फालिज, लिपोमा, मेद रोग, और नेत्र रोग इत्यादि 80 प्रकार के वात रोग को भी निरंतर 3 से 6 महीने लगातार अर्क पीने और तेल लगाने से नष्ट हो हो सकते है साथ ही शारीर भी वायु के समान वेग वाला हो जाता है.
Skin Reviver formulation
मंजीठ, नागर मोथा, कूड़े की छाल या जड़, गिलोय, मीठाकूट,सौठ, भारंगी कटेरी का पंचांग, बच, नीम की छाल, हल्दी, दारुहल्दी, हरड़, बहेड़ा, आंवला, परवल के पत्ते, कुटकी मुरवा , बायबिडंग, विजयसार, चीते की चाल, शतावर, त्रायमान, छोटी पीपल इंदर जौ, अडूसे के पत्ते, भांगरा, देवदारु, पाढ, खैरसार, लाल चंदन, निशोथ, बरना की छाल, चीरायत बावची, अमलतास का गूदा, संहोड़ा की छाल, बकायन, कंजा, अतीस, नेत्रबाला, इंद्रायण की जड़, धमासा सरिवा और पित्त-पापड़ा इन 25 दवाओं को बराबर बराबर लेकर पीस कूट कर रख लो इसमें से 2 तोले दवा लेकर डेढ़ पाव जल में काढा बनाओ और चौथाई पानी रहने पर छान लो.
Skin Reviver पीने की विधि
इस काढ़े में दो माशे पीपर का चूरन और दो माशे शुद्ध गूगल मिला कर पी लीजिये . इस तरह लगातार एक से तीन महीने पीने से वातरक्त 18 प्रकार के कोढ़, उपदंश रोग, आतशक, श्लीपद ,हाथी पांव, अंग सुन्यता, पक्षाघात एकांगवात, फालिज, मेद रोग, और नेत्र रोग नष्ट हो जाते है यदि इन दवाओ में कचनार के छाल, बबूल की छाल, सालसे की लकड़ी सरफोंका ये र दवाए मिला ली जाय तो तब तो कहना ही क्या .इस अर्क को शुद्ध शहद या शरबत उन्नाव छह छह ग्राम मिला ली जाय तो यह और भी जल्दी आराम करता है . इस अर्क को 15-15 ml सुबह शाम लेना है अगर शुद्ध शहद या शरबत उन्नाव नहीं है तो एक कप सादा पानी में भी ले सकते है .
इस अर्क को शुद्ध शहद या शरबत उन्नाव छह छह ग्राम मिला कर पिने से अनेक कष्ट साध्य और वैधो के त्यागे हुए रोगियों को भी आराम मिलता है . जिन के शरीर को देखने से भी घृणा होती है , जिन्हें कोई पास भी बैठने नहीं देता है वे सब इस अर्क और तेल के इस्तेमाल से स्वर्ण की सी कान्ति वाले हो सकते है . ध्यान रहे आप को इस का इस्तेमाल करते समय धर्य रखना बोहोत जरुरी है परिणाम आप को अवश्य मिलेंगे पर जो इसे बीच में ही छोड़ देंगे उन्हें लाभ मिलेगा कह नहीं सकते है .
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आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location
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पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन ) – 9428371583
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चिकली – 9427869061
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सूरत – 8866181846, 9879157588
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जामनगर – 9974199748
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इंदौर – 9713500239
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जबलपुर – 9039868554
ग्वालियर – 9229239248
कटनी – 9074901083
उत्तर प्रदेश
मेरठ – 8449471767
हाथरस ( U. P. ) – 9997397043, 7017840020
मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028
अलीगढ – 9027021056
आगरा – 9027143749, 8923234014
फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह
मैनपुरी – 8449601801
फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374
सुल्तानपुर – 9125131178
रायबरेली – 9236038215
वाराणसी – 9125349199
इलाहाबाद ( डॉ. सी. पी. सिंह ) – 9520303303
गोरखपुर – 9792960999
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महाराजगंज – 9455426806
लखनऊ – 9140546350
इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
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ऋषिकेश – 7456987328
दिल्ली – NCR
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Greater Noida – 9310299100
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हसनपुर पलवल – 9050272757
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फ़रीदाबाद – 9315154682
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डबवाली – 9416218182
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