खांसी (khansi) का ईलाज -15 सहज आयुर्वेद नुस्खे:
दिन हो या रात बदलते मौसम के साथ खांसी होना आम है। खांसी के कारण न सिर्फ़ दिन का चैन ख़त्म हो जाता है, बल्कि रातों की नींद भी ख़राब हो जाती है। हालांकि, लोग ठीक होने के लिए खांसी की दवा लेते हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद खांसी वापस आ जाती है। ऐसे में खांसी का घरेलू इलाज कारगर है। आज इस लेख में हम खांसी के घरेलू इलाज बता रहे हैं, क्योंकि सदियों से चले आ रहे दादी-नानी के घरेलू नुस्खे, बड़ी-बड़ी बीमारियों को ठीक कर देते हैं। आप भी खांसी के उपचार के लिए कुछ घरेलू इलाजों (home remedies for cough in hindi) को अपनाएं।
खांसी के कारण-
आप खांसी का घरेलू इलाज जानें, उससे पहले यह जानना ज़रूरी है कि खांसी होने के कारण क्या हैं ? कई लोगों को बार-बार खांसी की परेशानी होने लगती है, जिसका असर उनकी सेहत पर भी पड़ता है।
- एलर्जी
- ट्यूबरक्लोसिस या टीवी
- धूल-मिट्टी, प्रदूषण
- दमा
- श्वसन तंत्र के संक्रमण जैसे – ठंड लगना या निमोनिया
- मौसम का बदलना
- जल्दी-जल्दी खाने होना
- फेफड़ों का कैंसर
- मुंह सूखना
- ब्रोन्किइक्टेसिस
- टॉन्सिल का संक्रमित होना यानी टॉन्सिलाइटिस
- गर्ड (Gastroesophageal reflux disease)
- धूम्रपान करना
- काली खांसी (Pertussis)
- ठंडी चीज़ें जैसे – आइसक्रीम या कोल्डड्रिंक का सेवन
अब समय है खांसी के लक्षणों को जानने का, जिसके बारे में हम नीचे लिख रहे हैं।
खांसी के लक्षण – Symptoms of Cough in Hindi
- गले में ख़राश होना
- गले में दर्द होना
- ठंड लगना
- बुख़ार आना
- सिरदर्द
- थकान होना
- सीने में दर्द होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- नाक बंद होना
- उल्टी आना
- नींद न आना
- सीने में जलन होना
- खाने की इच्छा न होना
जब खांसी जल्द ठीक हो जाए, तो इसे सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर यही खांसी ज़्यादा दिनों तक रहती है तो यह चिंता का कारण हो सकता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि समय रहते आप खांसी के प्रकार की पहचान कर खांसी का इलाज करें। हम नीचे खांसी के कुछ प्रकार आपको बता रहे हैं।
खांसी के प्रकार – Types of Cough in Hindi
- तीव्र खांसी (Acute Cough) – यह खांसी अचानक शुरू होती है और तीन हफ़्ते से कम समय तक रहती है।
- पुरानी खांसी (Chronic Cough) – यह खांसी कई दिनों तक रहती है और कई बार आठ हफ़्ते से ज़्यादा समय तक रहती है। ऐसे में बिना देर करते हुए आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपनी परेशानी बताएं।
- कुक्कुर खांसी (Pertussis) – यह खांसी संक्रमण से होती है, जो नाक और गले को प्रभावित करती है। यह खांसी ज़्यादातर बच्चों को होती है।
- बलगम वाली खांसी – इसमें खांसते समय बलगम निकलता है। इस तरह की खांसी में सीने में बलगम जमा हो जाता है, जिस कारण मरीज़ को सांस तक लेने में परेशानी होती है।
- सूखी खांसी (Dry Cough) – यह खांसी गले में ख़राश के साथ होती है। बार-बार लगेगा कि गले में कुछ फंसा है। इसमें खांसने से बलगम नहीं निकलता है, यह खांसी बदलते मौसम या धूल-मिट्टी व प्रदूषण के कारण हो सकती है।
- रात में खांसी (Nocturnal Cough) – यह खांसी ज़्यादातर रात को होती है। यह कभी-कभी इतनी तीव्र हो जाती है कि मरीज़ को नींद भी नहीं आती है
खांसी के घरेलू इलाज – Home Remedies for Cough in Hindi
नमक के पानी से ग़रारे
सामग्री
- एक चम्मच नमक
- एक गिलास गर्म पानी
क्या करें ?
- गर्म पानी में नमक मिलाएं।
- फिर इससे ग़रारे करें।
कब सेवन करें ?
आप इसे दिनभर में दो से तीन बार कर सकते हैं।
कैसे फ़ायदेमंद है ?
गर्म पानी में नमक डालकर ग़रारे करने का नुस्खा सालों से लगभग हर घर में चला आ रहा है। यह सबसे आसान और जल्द राहत देने वाला उपाय होता है। ग़रारे करते समय नमक, खांसी और गले के दर्द के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करता है। यह गले को नमी देता है और एंटीबैक्टीरियल एजेंट की तरह काम करते हुए गले की ख़राश और दर्द से आराम देता है। कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसे करने से भविष्य में गले और ऊपरी श्वास नलिका में संक्रमण (upper respiratory tract infections) से बचाव हो सकता है ।
2. शहद
सामग्री
- दो चम्मच शहद
- एक चम्मच नींबू या अदरक का रस
क्या करें ?
- शहद और नींबू या अदरक के रस को मिलाकर पिएं।
कब सेवन करें ?
इसे सिरप की तरह दिनभर में दो से तीन बार लें।
कैसे फायदेमंद है ?
शहद में एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद हैं , जो उन बैक्टीरिया और वायरस को मारता है, जिससे ठंड और खांसी की समस्या होती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद हैं।
3. अदरक
सामग्री
- तीन चम्मच बारीक़ कटा अदरक
- एक चम्मच सूखा पुदीना
- एक कप शहद
- चार कप पानी
क्या करें?
- एक बर्तन में पानी लेकर उसमें अदरक और पुदीना मिलाएं।
- इसे अच्छे से उबालें।
- अब इसे ठंडा होने दें, फिर इसमें शहद मिलाएं।
- इस मिश्रण का रोज़ एक चम्मच सेवन करें।
- इस मिश्रण को किसी अच्छे जार में बंद करके, आप फ्रिज में दो से तीन हफ़्तों के लिए रख सकते हैं।
कब सेवन करें?
इस मिश्रण को हर तीन से चार घंटों के अंतराल में पीते रहें।
कैसे फायदेमंद है ?
अदरक में प्रचुर मात्रा में एंटीबायोटिक गुण मौजूद हैं। अगर इसे शहद के साथ लिया जाए, तो यह दर्द निवारक की तरह काम करता है और कफ से भी राहत दिलाता है। यह आपके गले की ख़राश को भी कम करता है। इसमें एंटी-इनफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण भी मौजूद हैं
4. काली मिर्च
सामग्री
- एक चम्मच काली मिर्च पाउडर
- दो चम्मच शहद
- एक कप गर्म पानी
कैसे बनाएं ?
- गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर और शहद मिलाएं।
- अब कप को 10 से 15 मिनट के लिए ढककर, काली मिर्च और शहद को पानी में भीगने दें।
- फिर इस चाय को पिएं।
कब सेवन करें ?
इस चाय को खांसी के दौरान रोज़ एक से दो बार पिएं।
कैसे फायदेमंद है ?
काली मिर्च का शहद के साथ सेवन काफ़ी प्रभावी होता है। हो सकता है, इसका स्वाद आपको अच्छा न लगे, लेकिन इसके सेवन से आपको कुछ समय के लिए खांसी से राहत ज़रूर मिलेगी। काली मिर्च, सर्दी-खांसी को कम करने के लिए एक प्राकृतिक दवा की तरह काम करती है ।
5. लहसुन
सामग्री
- एक या दो लहसुन की कली
- एक गिलास दूध
कैसे बनाएं ?
- लहसुन की कली को दूध में उबालें।
- फिर इसे पिएं।
कब सेवन करें ?
खांसी के दौरान दो से तीन दिनों तक रात में इस दूध का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद होता है ?
भले ही इसका स्वाद अच्छा न हो, लेकिन इसके सेवन के आपको खांसी में राहत मिलेगी। लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और दर्द निवारक गुण हैं, जो खांसी और गले के दर्द में काफ़ी असरदार होते हैं ।
6. आंवला
अगर आपको अस्थमा, खांसी या ब्रोंकाइटिस की परेशानी है, तो आप शहद के साथ अांवला का जूस पी सकते हैं। यह एलर्जी और खांसी को कुछ हद तक कम कर सकता है। आंवला में विटामिन-सी होता है , जिससे खांसी में राहत मिल सकती है, क्योंकि विटामिन सी एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करके कफ को कम कर सकता है ।
7. हल्दी
सामग्री
- एक गिलास बादाम या नारियल का दूध या फिर सामान्य पैकेट वाला दूध
- एक चम्मच हल्दी
कैसे सेवन करें ?
- आप दूध में हल्दी पाउडर मिला लें।
- अब इसको पिएं। अगर आपको स्वाद अच्छा न लगें, तो इसमें थोड़ी चीनी या शहद मिला लें।
कब सेवन करें?
जब तक आपकी खांसी ठीक न हो, तब तक आप रोज़ दिन में या रात में इसका सेवन करें। हालांकि, रात में इसका सेवन करने से ज़्यादा आराम मिलेगा और आपको नींद भी अच्छी आएगी।
कैसे फायदेमंद है ?
हल्दी वाले दूध का सेवन लोग सालों से करते आ रहे हैं। यह ठंड और खांसी को ठीक करने वाला एक आसान और कारगर उपाय है। गर्म दूध गले को नमी देकर ख़राश को दूर करता है। वहीं हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल गुण है , जो पुरानी से पुरानी खांसी पर असर कर राहत दिलाता है। यहां तक कि आयुर्वेद में भी हल्दी एक औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है, जो खांसी के साथ-साथ अन्य कई बीमारियों के इलाज में कारगर है ।
8. दालचीनी
सामग्री :
- चुटकीभर दालचीनी पाउडर
- एक चम्मच शहद
कैसे बनाएं ?
- शहद को तब तक गर्म करें, जब तक कि यह थोड़ा पतला न हो जाए।
- फिर इसमें चुटकीभर दालचीनी मिलाकर, ठंडा करके इसका सेवन करें।
कब सेवन करें ?
इसे कफ सिरप की तरह रोज़ दो से तीन बार पिएं।
कैसे फायदेमंद है ?
दालचीनी और शहद का मिश्रण खांसी के लिए एक उत्तम दवा है। यह मिश्रण काफ़ी सुरक्षित है। दालचीनी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-वायरल व एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद हैं , जो खांसी से राहत दिलाते हैं।
9. भाप
एक मध्यम आकार के पतीले में गर्म पानी करें। आप गर्म पानी के पतीले के ऊपर अपना सिर झुकाकर भाप लें। भाप लेते समय आप अपने सिर को तौलिये से ढक लें। कभी-कभी खांसी के साथ-साथ नाक भी बंद हो जाता है, ऐसे में इस भाप से बंद नाक खुल जाएगी और गले को भी गर्माहट मिलेगी। कोशिश करें कि इस भाप को आप रात में सोने से पहले लें और फिर अपने आप को सिर तक अच्छे से ढक लें, ताकि आपको ठंडी हवा न लगे। हालांकि, अभी तक इसका कोई ख़ास प्रमाण नहीं है कि भाप से पूरी तरीके से खांसी ठीक हो सकती है या नहीं, लेकिन अस्थायी तौर पर राहत ज़रूर मिलती है।
10. नींबू
सामग्री
- आधा चम्मच नींबू का रस
- दो चम्मच शहद
- एक कप गर्म पानी
कैसे बनाएं ?
- गर्म पानी में शहद को अच्छे से मिलाएं।
- फिर इसमें नींबू रस अच्छे से मिलाकर इस मिश्रण को पिएं।
कब सेवन करें ?
इस मिश्रण को एक बार सुबह और एक बार रात को पिएं।
कैसे फायदेमंद है ?
नींबू में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारता है। नींबू, संक्रमण को रोकने और इलाज में मदद कर सकता है । वहीं, शहद खांसी के लिए एक उत्तम औषधि है। इसके एंटी-माइक्रोबियल गुण, उन बैक्टीरिया को मारते हैं , जिससे कफ होने का खतरा होता है। इसके सेवन से खासकर रात को होने वाली खांसी से राहत मिलती हैं ।
11. लौंग
आप लौंग के तेल से सीने और नाक की मालिश कर सकते हैं। इससे आपको अस्थमा, साइनस और सर्दी-खांसी में आराम मिल सकता है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण खांसी जैसी समस्या से आराम पहुंचा सकते हैं। आप चाहें तो लौंग को चबाकर भी खा सकते हैं और अगर ज़्यादा खांसी हो, तो लौंग को मुंह में रख सकते हैं। इससे आपके गले को आराम मिलेगा और थोड़े देर के लिए खांसी से राहत मिलेगी।
12. गुड़
सामग्री
- एक गुड़ का टुकड़ा
- आधा प्याज
कैसे सेवन करें ?
- आधे प्याज के छोटे टुकड़े कर लें।
- अब इसे पीसे हुए गुड़ में मिलाकर खाएं।
कब सेवन करें ?
आप इसे रोज़ दो से तीन बार खाएं।
कैसे फायदेमंद है ?
गुड़ में मौजूद एंटी-एलर्जिक गुण आपके फेफड़ों में जमे बलगम को निकालते हैं, जिससे खांसी कम होती है और आपको सांस लेने में तकलीफ़ नहीं होती।
13. अजवाइन
आप अजवाइन को गर्म पानी के साथ खा सकते हैं, इससे आपको कफ से तुरंत राहत मिलेगी। यह ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए भी उपयोगी है । इसे आप गुड़ के साथ भी दिन में दो बार खा सकते हैं।
14. तुलसी
सामग्री
- कुछ तुलसी के पत्ते
कैसे सेवन करें ?
- तुलसी के पत्तों को अच्छे से धोकर उनका सेवन करें। अगर आपको स्वाद अच्छा न लगे, तो इसमें थोड़ा नमक या काली मिर्च छिड़ककर खाएं। आप चाहें तो तुलसी की चाय या तुलसी का काढ़ा बनाकर पिएं।
कैसे फायदेमंद है ?
भारतीय संस्कृति में तुलसी को न सिर्फ पूजा जाता है, बल्कि इसे औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है । इससे अस्थमा, कफ और अन्य कई बीमारियों से राहत मिलती है। इसमें मौजूद, एंटी-माइक्रोबियल और एनाल्जेसिक गुण दर्द निवारक की तरह काम करता है। इसमें मौजूद, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनो मॉड्यूलेटरी गुण खांसी से जल्द राहत दिलाते हैं ।
15. ग्रीन-टी
सामग्री
- एक चम्मच ग्रीन-टी के पत्ते या एक ग्रीन-टी बैग
- एक कप गर्म पानी
- शहद (इच्छानुसार)
कैसे बनाएं ?
- ग्रीन-टी के पत्तों को गर्म पानी में 5 से 10 मिनट तक भिगोएं।
- अब इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर चाय के ठंडी होने से पहले पी लें।
कब सेवन करें ?
आप दिन में दो से तीन बार इस चाय को पी सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
ग्रीन-टी में मौजूद एंटी-वायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण कई तरह के संक्रमण, जिसमें सर्दी और बुख़ार भी हैं, के उपचार में सहायक होते हैं। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ग्रीन टी में कुछ पॉलीफेनोल (polyphenols) ऐसे होते हैं, जो एंटीबैक्टीरियल गुण की तरह उन बैक्टीरिया को मारने में मदद कर सकते हैं, जिससे खांसी होती है ।
खांसी के घरेलू इलाज के बावजूद कुछ सावधानियां और सामान्य बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है, ताकि आप खांसी से बच सकें।
खांसी से बचाव – Prevention Tips For Cough in Hindi
नीचे हम आपको कुछ बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान आपको खांसी के दौरान या अगर आपको खांसी नहीं है, तो भी रखने की ज़रूरत है। ये भले ही आम हो, लेकिन काफ़ी महत्वपूर्ण है।
- खांसी के दौरान मीठी चीज़ों के सेवन से बचें।
- ज़्यादा मसालेदार या तला खाना न खाएं।
- बदलते मौसम के समय ठंडी चीज़ें जैसे :- आइसक्रीम या कोल्डड्रिंक का सेवन न करें।
- पानी खूब पिएं।
- बाहर धूप या गर्मी से आकर तुरंत ठंडा पानी या ठंडी चीज़ों का सेवन न करें।
- गर्मी से आकर तुरंत न नहाएं।
- बाहर जब भी निकले मुंह पर मास्क या स्कार्फ़ बांध लें, ताकि धूल-मिट्टी आपके अंदर न जा सके।
- कुछ गर्म खाकर, तुरंत कुछ ठंडा न खाएं।
- ज़्यादा ठंडे फलों का सेवन न करें या रात को फलों का सेवन न करें।
- धूम्रपान न करें।
अगर आपको जल्द खांसी या एलर्जी की परेशानी होती है, तो आप खांसी के उपचार के लिए ऊपर दिए गए घरेलू नुस्खों को आज़माएं। अगर आपको ऊपर दिए गए घरेलू इलाज में बताए गए किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है, तो उस संबंध में डॉक्टर से बात कर लें। सही आहार लें और ऊपर बताई गईं सावधानियों को ध्यान में रखें। इसके अलावा, अगर आपको खांसी बार-बार हो रही हो या ज़्यादा दिनों तक हो, तो बिना देर करे डॉक्टर से सलाह लेकर खांसी की दवा लें, क्योंकि सावधानी ही बचाव है।