चूने का पानी बच्चो के लिए अमृत की तरह लाभदायक है। इसके सेवन से बच्चे निरोग एवं हुष्ट-पुष्ट बनते है। अगर बच्चे का जिगर खराब हो गया हो या पुष्ट न हो या बालक माँ का दूध फेकता हो तो उसे चूने का पानी पिलाने से लाभ होता है। उसका हाजमा ठीक रहता है। अजीर्ण या बदहजमी के दस्त और अम्लता से पैदा हुई वमन इस चुने के पानी के सेवन से आराम आ जाता है। इससे बच्चे कैल्शियम की कमी से होने वाले अनेक रोगो से बचे रहकर पुष्ट बनते है।
चूने का पानी बनाने की विधि
एक पुराने लेकिन साफ़ मटके में या किसी मिटटी के बर्तन में 60 ग्राम अनबुझे चूने की डली डालकर उससे बीस गुना अर्थात 1200 ग्राम ( या दो बोतल ) पानी मिला दे। दिन में एक दो बार लकड़ी से हिला दे। चूना घुल जायेगा। फिर चौबीस घंटे बाद बीच का साफ़ पानी निथार कर किसी कपड़े से छानकर बोतल में भर ले। ( ध्यान रहे बीच में बैठा हुया चूना हिले नही और ऊपर वाली तह पर जमी हुयी पपड़ी भी पहले उतार लेनी चाहिए) यही लाईम वाटर है। इसे चूने का पानी कहते है। चाहे तो इसमें 120 ग्राम पीसी हुई मिश्री डालकर मीठा कर सकते है।
बच्चों के लिए सेवन विधि
एक साल से कम बालक को जितने महीने का बालक हो, उतनी ही बुँदे यह चूने का पानी दूध में ( दो चम्मच दूध में एक बून्द चूने का पानी ) मिलाकर सवेरे-शाम पिलायें। एक साल से लेकर आठ साल तक के बच्चो को आधा कप पानी या दूध में 15 से 20 बून्द या चौथाई से आधा चम्मच दिन में दो तीन बार दूध के साथ पिलाते रहे। बालको के दूध के विकार मिटने के लिए यह रामबाण है। पांच सात दिन में ही बालक की हालत में सुधर होने लगता है। दांत आसानी से निलते है।
बड़ों के सेवन की विधि.
इसका एक चम्मच रोजाना आप पानी में, सब्जी में, छाछ में या दही में सेवन करो. इसके सेवन से जोड़ों का दर्द, खून की कमी, हड्डियों की कमजोरी, दांतों की कमजोरी, पुरुष रोग, ऐसे अनेक रोग सही होंगे.
सावधानी
जिन लोगों को स्टोन की समस्या है, वो इसका सेवन ना करें.
Only Ayurved आयुर्वेद जीवन जीने की कला हैं, हम बिना दवा के सिर्फ अपने खान पान और जीवन शैली में थोड़ा बदलाव कर के आरोग्य प्राप्त कर सकते हैं।


















धन्यवाद जी
Hi Sir
Kya aap hepatitis b me bare me aap mughe
kuch garelu hai to please bataye
Age 28 female
Thank
Autism aur ADHD ka koi illaz bataye