अगर आप या आप के पिता भाई या किसी भी परिवार के व्यक्ति को शराब की बुरी लत लग चुकी है और किसी भी कीमत पर शराब छोड़ने को तैयार नहीं है तथा आप को उन की सेहत की हमेशा फिकर रहती है तो आप की लिए Only ayuevd ले कर आया है अनेको जडीबुटीयों का शुद्ध अर्क बनाने की विधि आइये जानते है .
आज हम आप के लिए कुछ ऐसा नुस्खा ले कर आये है जो आज से पहले आप ने शायद ही कही पढ़ा या सुना हो पुराने ज़माने में जिस प्रकार से सोमरस बनया जाता था एवं आयुर्वेद में जिसे सेहत के लिए अच्छा माना गया है इसे आम भाषा में सोमरस कह सकते है परन्तु यह असलियत में अनेको जडीबुटीयों का अर्क है का नुस्खा जिस से नशा तो होगा परन्तु शारीर को किसी प्रकार का नुकसान होने के विपरीत फायदा होगा साथ ही शराब का सेवन करने वाले लोगो की लिए हितकारी शिक्षा भी .
सोमरस बनाने की विधि
मुनक्के 1 किलो, बबूल की छाल आधा किलो,आँवला आधा पाव, मुंडी आधा पाव , जटामासी 2 तोले (24 ग्राम), छरीला 2 तोले (24 ग्राम), अजवायन 2 तोले, खास की जड़ 2 तोले, तज 2 तोले, तेजपात 2 तोले, नागरमोथा 2 तोले, नारकचुर 2 तोले, सफ़ेद चन्दन 2 तोले, महेंदी के बीज 2 तोले, सफ़ेद मुसली 1 तोला (12 ग्राम), बहमन सफ़ेद 1 तोला, बहमन सुर्ख 1 तोला, बड़ी इलायची 1 तोला, इन्द्रजौ 1 तोला, तोदरी जर्द 1 तोला, तोदरी सफ़ेद 1 तोला, तोदरी सफ़ेद 1 तोला, किशमिश 20 तोले (240 ग्राम), बादाम की गिरी 20 तोले (240 ग्राम), छुहारे 20 तोले (240 ग्राम) इन सब को जौकुट कर के एक घड़े में एक मन पानी (लगबग 40 लीटर) डाल कर भिगो दो और ऊपर से 9 किलो चीनी भी डाल दो . जब इसमें खमीर उठ आये तब 2.5 लीटर गाय का दूध और आधा लीटर संतरों का रस डाल कर भभके से अर्क खीच लो तैयार है आप का सोमरस .
यह सोमरस आनंद लाने की सिवाय खूब ताकत भी लाती है. जिन्हें शराब की लत लग गई हो या शराब पिए बिना रहा ही नहीं जाता है वह इसे पी सकते है . इस शुद्ध अर्क के के लाभ ही लाभ होगा एवं हानि ना क बराबर है या यु कहे है ही नहीं. यह है तो सोमरस मगर जानकारी ना होने के कारण इसको लोग शराब समझ लेते हैं और आज के समय में घर पे शराब बनाना जुर्म है इसलिए बेहतर होगा की आप सरकार के यहाँ दरखास्त दे कर आज्ञा प्राप्त कर ले फिर आप बिना किसी भय के यह सोमरस बना सकते है . जिन्हें यह बनाना नहीं आता हो वह किसी आयुर्वेद जानकर की मदद से यह बनवा सकते है.
शराब पिने वालो के लिए हितकारी शिक्षा
- कायाफल एक मासे, नागरमोथा 2 मासे, गिलोय 3 मासे, इन सब को अच्छे से मिला कर रखलो. शराब पी कर इस को चबाने से मुह की बदबू मिट जाती है .
- अगर आदमी शराब पी कर तत्काल घी में बुरा बिलाकर चाट ले तो तेज से तेज शराब का नशा भी नहीं चढ़ता है .
- शोक, क्रोध, भूख , प्यास और गर्मी के हालात में तथा कसरत कर के और रह चलने से थके हुए मनुष्य को शराब नहीं पीनी चाहिए क्योंकि ऐसा करना मघ रोगों को पैदा करता है.
- मिश्री और घी मिलाकर खाने से भी शराब की दुर्गन्ध दूर हो जाती है .
- अन्न के बिना अर्थात बिलकुल खाली पेट शराब कभी नहीं पीनी चाहिए क्यूंकि ऐसा करना मघ रोगों को पैदा करता है .
हम किसी भी प्रकार के नशे का समर्थन नहीं करते है धन्यवाद
जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर जरुर कर दे