आँखों के रोगों के अंतर्गत आँखों में दर्द, सुजन, और जलन, मोतियाबिंद, गुहेरी, रंधोती, कमजोर द्रष्टि एवं रोहे आदि आते है.
आँखों में दर्द, सुजन, जलन और सुजन आदि होने पर अपनाये ये आसन और असरदार आयुर्वेदिक सरल उपचार….
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आँखे दुखने पर एक तोला हल्दी को एक पाव पानी में औटाकर कपडछान कर लें, इस जल के सहने योग्य हो जाने पर बूंद बूंद कर के आँखों में टपकाएं. इस से आँखों की जलन और सुजन सुजन जल्द ही ठीक हो जातें है .
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आँखों में सुजन अथवा लाल हो जाने पर धनिया कूट कर पानी में उबाल लें, उस पानी को कपडछान कर के आँखों में टपकाएं इस से लाली मिटती है दर्द कम होता है और आँखों से पानी बहना बंद हो जाता है.
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प्याज का रस आँखों में डालने से नेत्रों की हर पारकर की पीड़ा दूर होइने लगती है.
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हल्दी की गांठ को पानी द्वारा पत्थर पर घिस लें और सलाई से आँखों में टपकाएं, कुछ ही दिनों में आँखों की जलन और सुजन दूर होने लगती है.
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त्रिफला का चूर्ण घी और शहद के साथ लगाकर कुछ दिन खाने से आँखों का दर्द, जलन, सुजन, और पानी का बहना आदि रोग नष्ट हो जाते है.
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गाय का मक्खन आँखों पर लगाने से आँखों की जलन दूर हो जाती है.
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दही की मलाई का लेप पलकों पर करने से आँखों की सुजन – जलन दूर हो जाती है.
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हल्दी, फिटकरी, और इमली के पत्ते समभाग में लेकर पीस लें , फिर उस की पुल्टिस बनाकर आँखों पर सेक करने से आँखों की जलन खत्म हो जाती है.
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दस ग्राम किशमिश रात को पानी में भिगो दें सुबह हाथ में मल कर पानी छान लें फिर उस में शक्कर मिलकर पिने से आँखों की जलन में राहत मिलती है .
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गुलाबजल में फूली फिटकरी डालकर आँखों को धोने से और बूंद बूंद आँखों में टपकाने से दर्द , जलन एवं सुजन में लाभ मिलता है.
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20 ग्राम धनिया को कूटकर एक गिलास पानी में उबालकर पानी को कपडे से छानकर एक एक बूंद आँखों में टपकाने से नेत्रशुल में बोहोत लाभ मिलता है, इस से आँखों की जलन एवं पानी बहना भी बंद हो जाता है.
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धनिया के रस को बकरी के दूध में मिलाकर आँखों में टपकाने से तिर्व नेत्र वेदना का शमन होता है .