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फल ही नहीं दवाई भी है सीताफल जाने सेहत से जुड़े 10 फायदे….

बरसात के मौसम में पाया जाने वाला सीताफल आपकी सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी है। आइए जानते हैं उसके कुछ गुण और दोषों के बारे में-

1. जिनका वज़न कम है उनके लिए सीताफल बड़े काम का फल है। सीताफल में बहुत कैलोरी पाई जाती हैं एवं इसमें उपस्थित शर्करा मेटाबोलिस्म को बढाती है जिससे भूख खुलती है।

2. सीताफल विटामिन C से भरपूर होता है जो कि एक बहुत अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होता है जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसे खाने से फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मदद मिलती है जो कैंसर जैसे रोगों से हमारी सुरक्षा करने में बहुत कारगर है।

3. सीताफल में विटामिन B कॉम्प्लेक्स पाया जाता है जो कि आपके मस्तिष्क के लिए बहुत ज़रूरी है। इससे तनाव और डिप्रेशन कम होता है।

4. सीताफल का छिलका दांतों और मसूड़ों की बिमारियों से लड़ने में हमारी मदद करता है।

5. खून की कमी को भी सीताफल पूरा करने में बहुत लाभकारी है। इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसके प्रयोग से वमन (उल्टी), रक्त में थक्के जमना और गठिया जैसी बिमारियों में भी राहत मिलती है।

6. इसमें पाया जाने वाला रायबोफ्लेविन और विटामिन C के कारण यह आपकी आँखों के लिए लाभकारी है यह आपकी आँखों की ज्योति को बढ़ाता है।

7. सीताफल में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला मैग्नीशियम शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित रखता है और जोड़ों से एसिड बाहर निकालता है जो की गठिया जैसे हड्डियों के रोगों में बहुत लाभकारी है। इसमें कैल्शियम भी पाया जाता है।

8. यह आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है क्योंकि इसमें सोडियम और पोटेशियम आवश्यक अनुपात में होते हैं जो कि रक्तचाप को स्थिर रखने में सहायक हैं। यह शरीर में घातक कैलोस्ट्रॉल को कम कर लाभदायक कैलोस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इसमें पाया जाने वाला मैग्नीशियम हृदय की मांसपेशियों के लिए बहुत ज़रूरी है जोकि हमें हृदयघात से बचाता है।

9. यह आंतों से टोक्सिन बाहर निकालता है जिससे आपका पाचनतंत्र भी स्वस्थ होता है। सीने में जलन, एसिडिटी, छालों और गैस जैसी तकलीफों में भी यह बहुत लाभकारी है। यह आपकी त्वचा के निखार के लिए भी बहुत उपयोगी है।

10. असमय प्रसव में सीताफल बेहद लाभकारी है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कॉपर पाया जाता है जोकि शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। एक गर्भवती स्त्री को भ्रूण के विकास के लिए प्रतिदिन 1000 मि.ग्रा. कॉपर की आवश्यकता होती है। इससे कम मात्रा में समय से पहले प्रसव और अविकसित भ्रूण की आशंका बनी रहती है इसलिए गर्भवती स्त्रियों को सीताफल का सेवन करते रहना चाहिए।

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सीताफल के सम्बन्ध में कुछ सावधानियाँ-

1. सीताफल की प्रकृति बहुत ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन निश्चित मात्रा में ही करना चाहिए

2. इसके बीज विषैले होते हैं अतः इनका सेवन कदापि ना करें।

3. डायबिटीज़ के मरीज़ों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें शर्करा बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है।

One comment

  1. HART KI CHARBI KASE KAM HOGI

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