Surya tapit tel banane ki vidhi aur fayde.
सूर्यतापित नीला नारियल का तेल बालों के सभी रोगों के लिए बेहद फायदेमंद है. इससे बालों का जल्दी सफ़ेद होना, कड़े होना, बालों का गिरना व् टूटना आदि बंद हो जाता है. सिर की त्वचा के रोग जैसे बालों की रूसी या सिकरी, खुश्की, फोड़े फुंसियाँ दूर होती है और बाल काले, लम्बे, चिकने व् रेशम की तरह तरह मुलायम और चमकीले होते है. इस तेल की मालिश से नींद ना आने की बीमारी दूर होती है और बगैर नींद की गोलियां खाए ही गहरी और मीठी नींद आने लगती है. धुप और गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द भी ठीक होता है.
विशेष – इस तेल का निरंतर प्रयोग करने से आपके बाल इतने काले हो जायेंगे के लोगों को भ्रम पैदा होगा के आपने बालों में डाई या खिजाब लगा रखा है.
तो आइये जाने सूर्यतापित नीला नारियल तेल को बनाने की विधि.
सूर्यतापित नीला नारियल तेल बनाने की विधि
इस नीले तेल को बनाने के लिए एक स्वच्छ और सूखी नीली कांच की बोतल को तीन हिस्से नारियल तेल से भर कर रख दीजिये, और एक हिस्सा खाली ही रहने दें. इस बोतल को लकड़ी के डाट (कॉर्क) से या ढक्कन से कसकर बंद कर दीजिये. ध्यान रहे के बोतल पर किसी प्रायर का कुछ कागज़ या प्लास्टिक या स्टीकर ना लगा हो जिस से उसमे धुप ना जा सके. फिर इस बोतल को लकड़ी के पट्टे पर ऐसी जगह रखें जहाँ दिन भर धुप आती हो. ध्यान रहे के बोतल सीधे ज़मीन के संपर्क में नहीं रखना है. रोजाना कम से कम आठ घंटे ये तेल धुप में पड़ा रहे. उसके बाद इस बोतल को लकड़ी के पट्टे सहित उठाकर कमरे में रख लीजिये. इस तेल को बारिश या चांदनी के संपर्क में नहीं रखना. बोतल पर लगे धुल कण किसी साफ़ कपडे से साफ़ कर दीजिये. अभी यही विधि पुरे 45 दिन तक लगातार करनी है. इस प्रकार 45 दिन तक बोतल को धुप दिखाने के बाद यह तेल सुर्य की किरणों से चार्ज हो जायेगा और इसमें नीले रंग के सभी रोग निवारक गुण आ जायेंगे जिनमे विशेष है शीतलता, शंतिदायिकता, कीटाणु नशाकता, मस्तिष्क बल प्रदायकता. इस तेल को सूर्यतापित नीला नारियल तेल कहा जायेगा.
इस तेल के तैयार हो जाने के बाद यह तीन महीने तक असरदार रहता है और तीन महीने बाद फिर से तीन दिन लगातार धुप दिखाने पर दोबारा ये तीन महीने के लिए चार्ज हो जाता है. और इसको इस्तेमाल करने के लिए भी सिर्फ नीले रंग की ही बोतल में रखना है.
सूर्यतापित नीला नारियल तेल लगाने की विधि.
रोजाना सोते समय आवश्यकता अनुसार तेल लेकर बालों की जड़ों में रोजाना सोते समय हलके हलके मालिश करें.
विशेष.
इसी प्रकार से बने हुए अलग रंगों के प्रभाव में आये हुए तेल या पानी उसी रंग के गुणों को अपने में समाकर समान रूप से प्रभावकारी होते है.
बेमिसाल!! केवल आयुर्वेद!! सब संभव!!! भारतीय पुरातन परम्परा!!!!
Good tips for me .
आप सोयरासिस का इलाज बताये 2साल पुराना बदन के साथ साथ सर में भी हे
very nice tips
Sir ji Kya aap ke yha neela sury tapit tel milega