आम वात के कारण ,लक्षण और घरेलू आयुर्वेदिक उपचार –
आम वात रोग में एक बड़ी सन्धि में पीड़ा और सुजन होती हे ,कुछ दिनों में वह ठीक हो जाती हे परन्तु दूसरी जॉइंट में दर्द होने लगता हे .
आम वात के कारण –
- शास्त्रों के अनुसार जब भोजन अधपचा रह जाता हे तो भोजन का कच्चा रस जिसे आम कहते हे जोड़ो में पंहुचकर वायु के संयोग से दर्द और सुजन पैदा करता हे इसी रोग को आमवात कहा जाता हे .
- आमवात रोग पाचन शक्ति की कमजोरी,तले-भुने खाने का अत्यधिक मात्रा में सेवन ,आसन-व्यायाम के न करने से होता हे
- अत्यधिक ठंडा खाद्य पर्दाथो का सेवन भी एक कारण हे
आमवात के लक्षण –
- आमवात में रोगी को जोड़ो में दर्द तथा सुजन हो जाती हे
- जोड़ो के टेड़े -मेढे होने से रोगी के शरीर की आक्रति बिगड़ जाती हे
- सुबह एडियो में दर्द होता हे
- जोड़ो में सुजन के कारण चलने-फिरने में दर्द होता हे
- इसका अधिक प्रभाव घुटनों,कलाईयों और पाँव के टखनों में अधिक होता हे
- रोगी जब सुबह उठता हे तो जोड़ो में अकडन और तेज दर्द होता हे
आमवात के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार –
- धतूरे के पत्तो पर अरंडी का तेल चुपड़कर जोड़ो की सुजन पर बाधकर उपर से नमक की गरम पोटली से सेक करने से विशेष लाभ होता हे
- अश्वगंधा चूर्ण 3 ग्राम में समभाग घी और एक भाग शक्कर मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से संधिवात में लाभ होता हे
- मेथी को पीसकर बनाया गया चूर्ण 10 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से शिघ्र लाभ होता हे या मेथी और सोंठ का चूर्ण 4-4 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार गुड के साथ मिलाकर सेवन करने से आमवात नष्ट हो जाता हे
- अरंडी का तेल प्रातः काल कुछ दिनों तक खाली पेट लेने से आमवात समूल नष्ट हो जाता हे
- लहसुन का रस 6 ग्राम गोदुग्ध 50 ग्राम में मिलाकर पिलाते रहने से कुछ दिनों में आमवात में लाभ होता हे
- रात्रि को 250 ग्राम खजूर को पानी में भिगो दे सुबह मसलकर रस निचोड़ ले,इसे पिलाने से आमवात में लाभ होगा
- नागोरी असगंध,सोंठ,विधारा तीनो को 50-50 ग्राम और मिश्री 150 ग्राम सभी को बारीक़ कूट पीसकर चूर्ण बनाकर रख ले इसे 6 से 10 ग्राम तक की मात्रा में गरम जल के साथ कुछ दिनों तक सेवन करने से आमवात,संधिवात में शीघ्र लाभ होता हे
- कुचला शुद्ध और काली मिर्च दोनों को समान मात्रा में लेकर अदरक के रस में घोंट कर मुंग के आकार की गोलिया बनाकर सुखाकर रख ले और इसे सुबह-शाम एक गोली पानी के साथ सेवन करने से कुछ ही दिनों में पुराने से पुराना आमवात नष्ट हो जाता हे
- चोपचीनी एक किलो,दालचीनी,अकरकरा ,जावत्री,सोंठ,सतावर,वंशलोचन ,लवंग,पीपल,श्वेत मुसली ,जायफल सभी 6-6 ग्राम लेकर कूट पिस कर चूर्ण बनाकर रख ले और इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला ले और इसे 10-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गोदुग्ध के साथ सेवन करे बहुत लाभ होगा
- सरसों का तेल 200 ग्राम,काला जीरा 3 ग्राम ,धतूरे का फल 1 नग ,लहसुन 10 ग्राम ,अफीम 15 ग्राम .लोहे की कढाई में सरसों के तेल को फेन निकलने तक गरम होने दे ,फिर काला जीरा छोड़ दे इसके बाद धतूरे का फल तथा उसके बाद लहसुन डाले .बाद म अफीम और कपूर डाले .ठंडा होने के बाद छानकर बोतल में डाले .इस तेल को 2-3 बार लगाने से हर प्रकार का वात का दर्द जड़ से नाश हो जाता हे -यह आमवात में विशेष लाभकारी हे
- मिट्टी का तेल 1 किलो ,सरसों तेल 1 किलो ,शुद्ध मोम 125 ग्राम,इलायची का तेल 1 ओस,लोंग का तेल 10 ग्राम ,सभी तेलों को मिला ले और इस तेल को थोडा गर्म करके धुप में बैठकर मालिश करने के बाद उपर से रुई बाँधने से जोड़ो का दर्द आमवात नष्ट होता हे
- कुचला 8 नग,खुराशानी अजवाइन 100 ग्राम ,कलोंजी 200 ग्राम का चूर्ण ,750 ग्राम सरसों के तेल में जलावे तेल मात्र शेष रहने पर उतार ले और मालिश करे .लाभाकरी हे
- अजवायन 3 ग्राम,काला नमक 5 ग्राम को मिलाकर दिन में 3 बार गर्म जल से सेवन करे .