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अखरोट अमृत है अखरोट खाने के फायदे –

अखरोट अमृत है अखरोट खाने के फायदे –

अखरोट में मौजूद तत्व हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। साथ ही इसमें ओमेगा 3 भी पाया जाता है, जो हमारे दिल को स्वस्थ रखता है। अखरोट में मैगनीज , मैग्नीशियम, फास्फोरस, विटामिन E, विटामिन C, विटामिन A , विटामिन K तथा आयरन भी भी पाया जाता है।

अखरोट बहुत ही बलवर्धक है हृदय को कोमल करता है हृदय और मस्तिष्क को पुष्ट करके उत्साही बनाता है इसकी भुनी हुई गिरी सर्दी से उत्पन्न खांसी में लाभदायक है और यह वात, पित्त, टी.बी, हृदय रोग, रुधिर दोष वात, रक्त और जलन को नाश करता है आप अखरोट का सेवन 10 ग्राम से 20 ग्राम तक की मात्रा में कर सकते हैं।

अखरोट खाने की सही विधि :

20 ग्राम अखरोट को एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें, उबलने के बाद इसमें मिश्री डालकर अच्छी तरह से मिला लें। फिर थोड़ी देर बाद इस मिश्रण का सेवन करें।

अखरोट खाने के लाभ –

  • अखरोट के सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ती है। इसमें मौजूद विटामिन इ, ओमेगा 3, तथा एंटीऑक्सीडेंट तत्व मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने में मदद करते है। अखरोट में मौजूद विटामिन और खनिज तत्व उम्र के साथ होने वाली दिमागी कमजोरी को भी दूर रखने का काम करता है।
  • ओमेगा 3 की कमी से तनाव, गुस्सा और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है, लेकिन अखरोट के सेवन से इन सभी परेशानियों से बचा जा सकता है। अखरोट के सेवन से डिप्रेशन से भी राहत मिलती है।
  • अखरोट के सेवन से हमारा ह्रदय स्वस्थ रहता है। नियमित अखरोट के सेवन से रक्त में थक्के बनने की सम्भावना कम हो जाती है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है।
  • अगर आपको पथरी की शिकायत है तो साबुत (छिलके और गिरी सहित) अखरोट को कूट-छानकर एक चम्मच सुबह-शाम ठंडे पानी में कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन कराने से पथरी मूत्र-मार्ग से बाहर निकल जाती है।
  • अखरोट को छिलके समेत पीसकर चूर्ण बनाकर रखें एक-एक चम्मच चूर्ण ठंडे पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम खायें इससे पेड़ू का दर्द और पथरी दोनों ठीक होती है।
  • जिन लोगों को फुन्सियां अधिक निकलती हो तो एक साल तक रोजाना प्रतिदिन सुबह के समय 5 अखरोट सेवन करते रहने से हमेशा के लिए लाभ हो जाता है।
  • जिन लोगों को टी.बी. रोग की शिकायत है तो इस के लिए तीन अखरोट और 5 कली लहसुन पीसकर एक चम्मच गाय के घी में भूनकर सेवन कराने से टी.बी. में लाभ होता है।
  • जिन माँ में दूध की कमी होती है तो गेहूं की सूजी एक ग्राम, अखरोट के पत्ते 10 ग्राम को एक साथ पीसकर दोनों को मिलाकर गाय के घी में पूरी बनाकर सात दिन तक खाने से माँ के दूध की वृद्धि होती है।
  • खांसी होने पर अखरोट गिरी को भूनकर चबाने से लाभ होता है छिलके सहित अखरोट को आग में डालकर राख बना लें और इस राख की एक ग्राम मात्रा को पांच ग्राम शहद के साथ चटाने से भी लाभ होता है।
  • बवासीर होने पर-वादी बवासीर में अखरोट के तेल की पिचकारी को गुदा में लगाने से सूजन कम होकर पीड़ा मिट जाती है तथा अखरोट के छिलके की राख दो से तीन ग्राम को किसी दस्तावर औषधि के साथ सुबह,दोपहर तथा शाम को खिलाने से खूनी बवासीर में खून का आना बंद हो जाता है।
  • मासि-क धर्म की रुकावट में अखरोट के छिलके का काढ़ा 40 से 60 मिलीलीटर की मात्रा में लेकर दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार पिलाने से अदभुत लाभ होता है।
  • जिसका मासि-क धर्म बंद हो तो अखरोट का छिलका, मूली के बीज, गाजर के बीज, वायविडंग, अमलतास, केलवार का गूदा सभी को 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर लगभग 2 लीटर पानी में पकायें फिर इसमें 250 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिला दें और जब यह 500 मिलीलीटर की मात्रा में रह जाए तो इसे उतारकर छान लेते हैं फिर इसे सुबह-शाम लगभग 50 ग्राम की मात्रा में मासि-क स्राव होने के एक हफ्ते पहले पिलाने से बंद हुआ मासि-क धर्म खुल जाता है।
  • सुबह खाली पेट 5 ग्राम अखरोट की गिरी और 5 ग्राम पिसी हुई सोंठ को एक चम्मच एरंड के तेल में पीसकर गुनगुने पानी से लें। इससे रोगी के घुटनों का दर्द दूर हो जाता है तथा घुटने दर्द को दूर करने के लिए अखरोट का तेल जोड़ों पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है अखरोट का तेल आपको किसी भी आयुर्वेद दवा बेचने वाले पंसारी से मिल जाएगा।
  • अखरोट को गर्म दूध के साथ सेवन करने से बच्चों के पेट में मौजूद कीड़े मर जाते हैं तथा पेट के दर्द में आराम देता है। कुछ दिनों तक शाम को दो अखरोट खिलाकर ऊपर से दूध पिलाने से बच्चों के पेट के कीडे़ मल के साथ बाहर निकल जाते हैं अखरोट की छाल का काढ़ा 60 से 80 मिलीलीटर पिलाने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं।
  • हृदय की दुर्बलता होने पर अखरोट खाने से दिल स्वस्थ बना रहता है रोज एक अखरोट खाने से हृदय के विकार 50 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं और इससे हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रहती है इस अखरोट के असर से शरीर में वसा को पचाने वाला तंत्र कुछ इस कदर काम करता है कि हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है हालांकि रक्त में वसा की कुल मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता है लेकिन अखरोट में कैलोरी की अधिकता होने के बावजूद इसके सेवन से वजन नहीं बढ़ता और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
  • हमारे शरीर का कोई अंग जिस आकार का होता है ठीक उसी आकार का फल खाने से उस अंग को मजबूती मिलती है चूँकि अखरोट की बनावट हमारे दिमाग की तरह होती है इसलिए अखरोट खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है तथा याददाश्त मजबूत होती है अखरोट की गिरी को 25 से 50 ग्राम तक की मात्रा में प्रतिदिन खाने से मस्तिष्क शीघ्र ही सबल हो जाता है अखरोट खाने से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है।
  • कुछ बच्चों को बिस्तर में पेशाब करने की शिकायत हो जाती है ऐसे बाल रोगियों को दो अखरोट और 20 किशमिश प्रतिदिन दो सप्ताह तक सेवन करने से यह शिकायत दूर हो जाती है।
  • आठ अखरोट की गिरी और चार बादाम की गिरी और दस मुनक्का को रोजाना सुबह के समय खाकर ऊपर से दूध पीने से वृद्धावस्था की निर्बलता भी दूर हो जाती है।
  • दो अखरोट और तीन हरड़ की गुठली को जलाकर उनकी भस्म के साथ चार कालीमिर्च को पीसकर अंजन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
  • अखरोट की छाल को मुंह में रखकर चबाने से दांत स्वच्छ होते हैं तथा अखरोट के छिलकों की भस्म से मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।
  • अखरोट की गिरी 50 ग्राम,छुहारे 40 ग्राम और बिनौले की मींगी 10 ग्राम एक साथ कूटकर थोड़े से घी में भूनकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रखें अब इसमें से 25 ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से प्रमेह में लाभ होता है बस ध्यान रहे कि इसके सेवन के समय दूध न पीयें।

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