Cervical ka ilaj, servical ka ilaj, treatment of cervical, home remedy for cervical
जब गर्दन की हड्डियों में घिसावट होती है तब सर्वाइकल की समस्या होती है। इसे गर्दन के अर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राय: वृद्धावस्था में होता है,लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ये युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। सर्विकल स्पॉन्डलाइसिस को अन्य दूसरे नाम सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस, नेक आर्थराइटिस, क्रॉनिक नेक पेन और आयुर्वेद में मन्यास्तम्भ के नाम से जाना जाता है।
कई बार गर्दन का दर्द हल्के से लेकर ज्यादा हो सकता है। ऐसा अक्सर ऊपर या नीचे अधिक बार देखने के कारण या गाड़ी चलाने, किताबें पढ़ने के कारण यह दर्द हो सकता है। पर्याप्त आराम और कुछ देर के लिये लेट जाना, काफी फायदेमंद होगा।
गर्दन में दर्द और गर्दन में कड़ापन स्थिति को गम्भीर करने वाले मुख्य लक्षण है।
सिर का दर्द, मुख्य रूप से पीछे का दर्द इसका लक्षण है।
गर्दन को हिलाने पर प्राय: गर्दन में कड़क जैसी आवाज़ का आना।
हाथ, बाजू और उंगलियों में कमजोरी या सुन्न हो जाना।
व्यक्ति को हाथ और पैरों में कमजोरी के कारण चलने में समस्या होना और अपना संतुलन खो देना।
गर्दन और कंधों पर अकड़न या अंगसंकोच होना।
पानी का ठण्डा पैकेट दर्द करने वाले क्षेत्र पर रखें।
आपने तंत्रिका तंत्र को हमेशा नम रखें।
गर्दन की नसों को मजबूत करने के लिये गर्दन का व्यायाम करें।
कम्प्यूटर पर अधिक देर तक न बैठें।
विटामिन बी और कैल्शियम से भरपूर आहार का सेवन करें।
पीठ के बल बिना तकिया के सोयें। पेट के बल न सोयें।
सर्वाइकल के आयुर्वेदिक उपचार – Cervical ke ayurvedic ilaj
धतूरे के बीज 15 ग्राम, रेवंदचीनी 10 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम, गर्म तवे पर फ़ुलाई हुई सफ़ेद फिटकरी 8 ग्राम, इसी तरह फ़ुलाया हुआ सुहागा 8 ग्राम, बबूल का गोंद 8 ग्राम। इन सब औषधियों को बारीक पीस लें और धतूरे के पत्तों के रस से गीला करके चने के दाने के (125 मिलीग्राम) बराबर गोलियां बना लीजिए। दिन में एक गोली गर्म जल से लीजिये। गोली भोजन करने के बाद ही लें। खाली पेट दवा न लें।
दो चम्मच दशमूल क्वाथ वातगजांकुश रस एक एक गोली दिन में दो बार सुबह शाम लें।
आभादि गुग्गुल एक एक गोली दिन में दो बार सुबह शाम रास्नादि क्वाथ के दो चम्मच के साथ लें।
Joint Rebuilder – घुटनों का दर्द, कमर का दर्द, सर्वाइकल, साइटिका या स्लिप डिस्क सबकी रामबाण दवा
महामाष तेल की तीन तीन बूंदे दोनों कानों व नाक में सुबह शाम डालिये।
तले हुए व तीखे भोजन से सख्त परहेज कीजिये। मात्र एक माह में आप इस समस्या से निजात पा जायेंगे।
आयुर्वेदिक इलाज के साथ आप सर्वाइकल के घरेलु उपचार भी करें, जिनमे योग और एक्सरसाइज भी ज़रूर करें। सर्वाइकल के लिए योगा और एक्सरसाइज के लिए आप हमारी ये पोस्ट नीचे क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
सर्वाइकल के लिए वायु मुद्रा
उपरोक्त दिखाई हुई मुद्रा में रीढ़ की हड्डी सीधी करके 10 मिनट तक आँखें बंद कर के बैठे, लम्बा लम्बा गहरा श्वांस लें. और ॐ का जाप करें. इस से आपको सर्वाइकल को सही करने में बहुत मदद मिलेगी.
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