हरसिंगार यह 10 से 15 फीट ऊँचा और कहीं 25-30 फीट ऊँचा एक वृक्ष होता है और पूरे भारत में विशेषतः बाग-बगीचों में लगा हुआ मिलता है। विशेषकर मध्यभारत और हिमालय की नीची तराइयों में ज्यादातर पैदा होता है। इसके फूल बहुत सुगंधित, सफेद और सुन्दर होते हैं जो रात को खिलते हैं और सुबह मुरझा कर गिर जाते हैं।
विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत- शेफालिका। हिन्दी- हरसिंगार। मराठी- पारिजातक। गुजराती- हरशणगार। बंगाली- शेफालिका, शिउली। असमिया- शेवालि। तेलुगू-पारिजातमु, पगडमल्लै। तमिल- पवलमल्लिकै, मज्जपु। मलयालम – पारिजातकोय, पविझमल्लि। कन्नड़- पारिजात। उर्दू- गुलजाफरी। इंग्लिश- नाइट जेस्मिन। मैथिली- सिंघार, सिंगरहार । harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
गुण –
यह हलका, रूखा, तिक्त, कटु, गर्म, वात-कफनाशक, ज्वार नाशक, मृदु विरेचक, शामक, उष्णीय और रक्तशोधक होता है। सायटिका रोग को दूर करने का इसमें विशेष गुण है। harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
रासायनिक संघटन : इसके फूलों में सुगंधित तेल होता है। रंगीन पुष्प नलिका में निक्टैन्थीन नामक रंग द्रव्य ग्लूकोसाइड के रूप में 0.1% होता है जो केसर में स्थित ए-क्रोसेटिन के सदृश्य होता है। बीज मज्जा से 12-16% पीले भूरे रंग का स्थिर तेल निकलता है। पत्तों में टैनिक एसिड, मेथिलसेलिसिलेट, एक ग्लाइकोसाइड (1%), मैनिटाल (1.3%), एक राल (1.2%), कुछ उड़नशील तेल, विटामिन सी और ए पाया जाता है। छाल में एक ग्लाइकोसाइड और दो क्षाराभ होते हैं। harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
हरसिंगार के औषधीय प्रयोग : harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
सायटिका (गृध्रसी ) : दो कप पानी में हरसिंगार के 8-10 पत्तों के छोटे-छोटे टुकड़े करके डाल लें, इस पानी को धीमी आंच पर आधा रह जाने तक पकाएं । ठंडा हो जाने पर इसे छानकर पियें । इस काढ़े को दिन में दो बार – प्रातः खाली पेट एवं सायं भोजन के एक डेढ़ घंटा पहले पियें । इस प्रयोग से सायटिका रोग जड़ से चला जाता है। इस काढ़े का प्रयोग कम से कम 8 दिन तक अवश्य करना चाहिए । harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
गठिया रोग : अगर आपको 40 साल पुराना गठिया की शिकायत है तो हरशिंगार इसमें रामबाण का काम करेगा, हरसिंगार के पांच पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को एक गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं | जब पानी आधा रह जाये तब इसे पीने लायक ठंडा करके पियें । इस काढ़े का सेवन प्रातः खाली पेट पियें | इससे वर्षों पुराना गठिया के दर्द में भी निश्चित रूप से लाभ होता है। harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
बालों की रूसी : 50 ग्राम हरसिंगार के बीज पीस कर 1 लीटर पानी में मिलाकर बाल धोने से रुसी समाप्त हो जाती है | इसका प्रयोग सप्ताह में 3 बार करें । harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
बबासीर : बबासीर के लिए हरसिंगार के बीज रामबाण औषधि माने गए हैं इसके एक बीज का सेवन प्रतिदिन किया जाये तो बवासीर रोग ठीक हो जाता है। यदि गुदाद्वार में सूजन या मस्से हों तो हरसिंगार के बीजों का लेप बनाकर गुदा पर लगाने से लाभ होता है। harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
ज्वर : इस काढ़े को विभिन्न ज्वर जैसे – चिकनगुनिया का बुखार, डेंगू फीवर, दिमागी बुखार आदि सभी प्रकार के ज्वर में अत्यंत लाभ मिलता। harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
गंजापन : हरसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें । इस पेस्ट को 30 मिनट तक गंजे सिर पर लगायें | इस प्रयोग को लगातार 21 दिन तक करने से गंजेपन में अत्याधिक लाभ होता है । harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
मलेरिया : मलेरिया बुखार हो तो 2 चम्मच हरसिंगार के पत्ते का रस + 2 चम्मच अदरक का रस + 2 चम्मच शहद आपस में मिलाकर प्रातः सायं सेवन करने से मलेरिया के बुखार में अत्यधिक लाभ होता है । harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
त्वचा रोग : हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर लगाने से त्वचा से सम्बंधित रोगों में लाभ मिलता है । त्वचा रोगों में इसके तेल का प्रयोग भी उपयोगी है । harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे
स्त्री रोग : हरसिंगार की 7 कोंपलों (नयी पत्तियों) को पाँच काली मिर्च के साथ पीसकर प्रातः खाली पेट सेवन करने से विभिन्न स्त्री रोगों में लाभ मिलता है। harshringar, harshringar ke fayde, हरसिंगार के फायदे