गठिया (आर्थराइटिस) के रोगी एक महीने में दोड़ने लगेंगे -अनुभूत है
1.- घुटनों के दर्द में –
ओषधि —- पुनर्नवादी मंडूर की एक -एक गोली पीसकर सुबह शाम शहद के साथ दे और ऊपर से उसको सहजन के पेड़ की ताजा छाल 10 ग्राम (सूखी 20 ग्राम ),में पानी 250 ग्राम ग्राम में इसे उबाले 50 ग्राम शेष रहने पर इसे छानकर गुनगुना रहने पर पिलाए यह दवाई 25 से 30 दिनों तक रोगी को दे . इस नुस्खे से अनेक रोगियों ने अपना दर्द दूर किया है ,
2.- दस वर्ष पुराना कमर दर्द और आधी बाजु में होने वाला दर्द –
ओषधि —- अस्वगंध चूर्ण आधी चम्मच देशी घी में मिलाकर सुबह -शाम चटाए और ऊपर से दूध पिए इस दवा से भी कई लोगो ने लाभ लिया है .
3.- गठिया ,जोड़ो का दर्द –
ओषधि —- असगंध ,सोंठ ,विधारा ,सुरन्जान सबको 100-100 ग्राम ले और मेथी दाना 50 ग्राम ले इनको कूट पीसकर रख ले और 2-2 ग्राम यह दवा सुबह खाली पेट तथा रात को सोने से पहले 200 ग्राम दूध के साथ ले . पहली बार यह दवा 7 दिन लेकर फिर ठीक 60 दिन बाद यही दवा 7 दिन ले .तथा तीसरी बार फिर ठीक 2 महीने बाद यह दवा 7 दिन तक ले .इस अवधि में रोग ठीक हो जायेगा .कई बार अनुभूत है .
4.- गठिया रोग में –
ओषधि —- आंवला चूर्ण 100 ग्राम ,गुड 10 ग्राम ,पानी 200 ग्राम मिलाकर क्वाथ बनाये और 60 ग्राम रहने पर छानकर पी जाये
ओषधि —- मेथी को तवे पर भुन ले अब इसे कूटकर बराबर चीनी और देशी घी मिलाकर गरम करके 10-10 ग्राम की गोलीय बना ले और सुबह शाम एक -एक गोली खाकर ऊपर से दूध पी ले . गर्मियों में दवा 15 दिन तक और सर्दियों में 30 दिनों तक सेवन करे .
5.- जोड़ो का दर्द या सुखा दर्द –
ओषधि —-8-10 कच्चा नारियल की लम्बी -लम्बी गिरी काट ले तथा जूसर में जेसे रस निकालते हे वेसे निकाल ले इसका रस बिकुल दूध के समान होता है .एक किलो रस ले. लोहे की कढाई इतनी बढ़ी ले की 6-7 किलो पानी आ जाये इस कढाई में रस को डालकर आग पर चढ़ा दे .और उबाल आने दे .इतना उबाल आने की रस आधा रह जाये इसमें पीसी हुई काली मिर्च और राइ 3 -3 ग्राम डाल दे .धीरे -धीरे झाग मिट जायेंगे और यह तेल का रूप ले लगा . जब तेल तयार हो जाये तो छानकर रख ले और जहा -जहा दर्द हो मालिस करे .लाभ हो जायेगा ,
6.- पिण्डलियो में सुखा तेज दर्द ,घुटनों में ,टांग में या शरीर में कही सुजन हो ,या पुरानी चोट –
ओषधि —- सरसों की खल 100 ग्राम ,पीसी हल्दी 20 ग्राम ,सरसों का तेज 20 ग्राम ले और खल को रात में इतने पानी में भिगोये की खल पानी में डूब जाये .सुबह खल फुल कर दुगनी हो जाएगी .यदि पानी अधिक हो तो उसे निकाल दे .और लोहे की कढाई में तेल पकाकर हल्दी डाल दे और इसमें खल हलवे की तरह पका ले .ये ओषधि तेयार है .यदि आप सिकाई करना चाहे तो पोटली में रख कर सहन योग्य सिकाई कर ले . जंहा सुजन हे ,चोट लगी हे या पिंडलियों में दर्द हे वही लेप कर लगा ऊपर से पट्टी बांध ले और तीन घंटे बाद खोल ले ,और यही हलवा दुसरे दिन कढाई में गर्म करके बांध ले इसी प्रकार एक बार की खल को तीन दिनों तक प्रयोग में ले .कुछ दिनों में सारी पीड़ा मिट जाएगी
7.- पिंडलियों में सुखा दर्द ,रात को पिंडलियों को बांध कर सोना ,पुरे शरीर में दर्द पर –
ओषधि —- आरोग्य्वर्ध्नी 2 गोली ,वंग भस्म 3 रती ये एक समय की मात्रा है .को रास्नादी क्वाथ का 4 डक्कन दवाई और आधा गिलास पानी मिलाकर उसके साथ दे 1 महीने में लाभ हो जायेगा .