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जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकते हैं ये 6 आयुर्वेदिक तेल..

आज-कल जोड़ों के दर्द और घुटनों के दर्द की समस्या तेजी से बढ़ती देखी जा सकती है। लेकिन अच्छी बात तो यह है कि कुछ आयुर्वेदिक तेल से मालिश कर इस समस्या से निपटा जा सकता है।

जोड़ों के दर्द के लिये आयुर्वेदिक तेल

आयुर्वेद पूर्णतावादी उपचार विज्ञान है व सभी लोगों के लिये पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करने की संपूर्ण योजना को शामिल करता है। बावजूद इस तथ्य के कि आयुर्वेद की उत्पत्ति हजारों सालों पहले हुई, आयुर्वेद वर्तमान वैज्ञानिक जगत में समान रूप से प्रासंगिक है। आयुर्वेदिक मालिश कई शारीरिक कष्ट को दूर करता है। तो चलिये जानें जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने वाले आयुर्वेदिक तेलों के बारे में।

१.धन्वंतराम तैलम (Dhanwantharam thailam)

एक आयुर्वेदिक तेल है जोकि किसी व्यक्ति के शरीर में अतिरिक्त वात के कारण होने वाले जोड़ों में दर्द का इलाज करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस तेल से मालिश कर रुमेटी, आस्टियो-गठिया, स्पोंडिलोसिस, सिरदर्द और न्यूरो मस्कुलर दर्द को दूर किया जा सकता है। तेल कई जड़ी बूटियों जैसे, बालमूला, यवा, कोला एंड कुलथा के संयोजन से तैयार किया जाता है, और रोज इस्तेमाल किया जा सकता है।

२.कोट्टम चुक्कड़ी तैलम (Kottam Chukkadi thailam)

इस तेल को शरीर में अत्यधिक वात के कारण उत्पन्न रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत देने के लिए प्रयोग किया जाता है। कटिस्नायुशूल (साइटिका) से पीड़ित लोगों (पीठ के निचले हिस्से में दर्द), गठिया और स्पोंडिलोसिस के लिए यह तेल बेहद उपयोगी है। इसे अदरक, वसंबु, लहसुन, मोरिंगा, सरसों, तिल का तेल, दही और इमली का रस आदि सामग्री से बनाया जाता है।

३.पेंदा तैलम (Penda Thailam)

एक ठंडा तेल है और आमतौर पर आमवाती विकारों के लिए उपयोग किया जाता है। यह तैल जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत दिलाने में अत्यंत कुशल होता है। ये खासतौर पर उन लोगों के लिये बना है जिनके शरीर में पित्त अधिक बनता है। यह तेल गठिया और रुमेटी गठिया जैसे रोगों की गति धीमा कर हड्डियों के क्षरण को कम करने में मदद करता है।

४.वालिया नारायण तैलम (Valiya Narayan thailam)

विल्वा, अस्वगंधा, बृहती एंड सेसमे सीड आयल से बना यह तेल गठिया की वजह से होने वाले जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। शरीर में वात और पित्त के स्तर के संतुलन के उद्देश्य से बनाया गया वालिया नारायण तैलम आंखों और तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकारों के उपचार में भी उपयोगी है।

५.कपूर का तेल

कपूर से तैयार तेल से शरीर का रक्त संचार ठीक रहता है। शरीर के किसी भी अंग में दर्द होने पर इसके तेल से मसाज करने से दर्द से राहत पाई जा सकती है। गठिया के रोगियों के लिए कपूर का तेल से मसाज करना बेहद फायदेमंद होता है।

६.अरंडी के तेल

अरंडी के तेल की मालिश करना गठिया के दर्द में बेहद लाभदायक होता है। भंयकर दर्द होने पर अरंडी के तेल से मालिश करने पर दर्द में राहत मिलने के साथ-साथ सूजन में भी कमी आती है। इसे सप्ताह में एक से दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

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  1. Mr. Shiv Shankar Soni

    Dear sir,
    I ‘be spondlities problem . I tired for lifetime treatment.
    Plz suggest.

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