Asthma Treatment
बच्चों में श्वांस रोग होना आज कल एक आम बात हो गयी है. ये समस्या सर्दियों में बच्चो को अधिक परेशां करती है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहें है के बच्चों के श्वांस रोग के तीन रामबाण only आयुर्वेद इलाज. आइये जाने.
योग संख्या – 1
आवश्यक सामग्री.
कालीमिर्च – 5 ग्राम.
केसर – 5 ग्राम.
लौंग – 5 ग्राम.
(उपरोक्त सामग्री बराबर मात्रा में लेनी है, आप 1 ग्राम से 10 ग्राम तक कितनी भी बना कर रख सकते हैं.)
बनाने की विधि.
कालीमिर्च, केसर और लौंग इन तीनों को सम भाग लेकर महीन चूर्ण बना लें. फिर इस चूर्ण को पान के रस में घोंट पीसकर मूंग के आकार की गोलियां तैयार कर लें. इनमे से एक या दो गोली को माँ के दूध में घिसकर चटाने से बालक के श्वांस, खांसी, पसली के रोग दूर होते हैं.
योग संख्या – 2
काला जीरा चबाकर इसकी पीक निकालें. फिर उसमे ज़रा सी हल्दी मिलाकर बालक को पिला दें. ऐसा करने से बालक का श्वांस रोग दूर हो जाता है.
योग संख्या – 3
धनियाँ और मिश्री लेकर चावल के धोवन के साथ पीस लें. तथा फिर उसे पानी में छानकर बालक को पिला दें. इससे बालक की खांसी तथा दमा नष्ट हो जाता है.
विशेष – उपरोक्त उपचार सिर्फ छोटे शिशुओं के लिए ही है.
1. दमा के रोगी को खाने खाने के बाद अधिक देर तक सोना नहीं चाहिए. दिन में सोना तो बहुत खराब है. क्यूंकि इस से कफ की वृद्धि होती है.
2. दमा के रोगी को खाना खाने के एक घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए. इसके पहले नहीं. खाने के बाद पानी जितना कम और थोडा थोडा करके पिया जाए उतना ही अच्छा है.
3. पानी के स्थान पर शहद पीना दमा रोगी के लिए हितकर है.
4. पेशाब लाने वाले पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए.