Thursday , 21 November 2024
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डेंगू का जड से इलाज घरेलू आयुर्वेदिक उपचार -जो बहुत ही अचूक हे लाभ ले.

डेंगू का जड से इलाज घरेलू आयुर्वेदिक उपचार -जो बहुत ही अचूक हे लाभ ले.

डेंगू एक ऐसा बुखार है जो मच्छर के काटने से होता है .यह एडीज मच्छरों के काटने से फेलता है .डेंगू बुखार में

शरीर के प्लेट्लेस अचानक से कम होने शुरु हो जाते है .यह बुखार एक व्यक्ति में नही फेलता

डेंगू बुखार में सिरदर्द ,मांसपेसियो और जोड़ो में दर्द ,ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढना ,और त्वचा

का खराब हो जाना .

डेंगू इंफेक्शन का पता ब्लड टेस्ट के द्वारा लगाया जा सकता है .इससे बचने के लिए कोई स्पेशल दवाई नही है ,

लेकिन इस दोरान मरीज को सही से आराम करना और बहुत सारे पेय पर्दाथ पिने की सलाह दी जाती है .

मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए क्या करे .

डेंगू के बचाव के लिए मच्छरों को पैदा होने से रोकें और खुद को काटने से भी बचाएं .कही भी खुले में पानी जमा

नही होने दे. पानी पूरी तरह ढककर रखे ,कूलर ,बाथरूम ,किचन आदि में जंहा पानी रुकता है ,वहा मिटटी का

तेल डाल दे .छत पर टूटे -फूटे डिब्बे ,टायर ,बर्तन ,बोतलों में पानी में न रखे .तथा मच्छर दानी का प्रयोग करे .

डेंगू का अचूक आयुर्वेदिक उपचार .

डेंगू का घरेलू उपाय पपीते के पत्ते –

पपीते के पत्ते व्यापक रूप से डेंगू बुखार के लिए प्राक्रतिक इलाज के रूप में जाने जाते है .इस में पोषक तत्वों

और कार्बनिक योगिकों का जटिल मिश्रण प्लेट्लेस की सख्यां में वर्धि कर सकता है .इसमें मोजुदा विटामिन

c की मदद से पपीता रोग प्रतिकारक क्षमता को बढाता है और रक्त में अधिक विषाक्त पदार्थो को खत्म करने

में सहायता करता है .इस की पत्तियों का रस निकालकर उपयोग में लिया जाये लाभ होता है .

डेंगू का रामबाण उपयोग गिलोय –

गिलोय का आयुर्वेदिक इलाज में उच्च स्थान है ,यह शरीर ने मेटाबालिज्म को तेजी से बढ़ाता है ,रोग प्रतिरोधक

क्षमता को मजबूत करता है और शरीर को सभी तरह के संक्रमन से भी बचा कर रखता है .इसके अलावा गिलोय

के रस को पपीते के पत्तो के साथ या एलोवेरा का रस या अनार के रस के साथ पीना रामबाण इलाज है .ऐसी

कोई दवा नही है जो की इतनी जल्दी से प्लेट्लेस को बढ़ा सके .

डेंगू में रामबाण है अनार का जूस –

अनार का रस खून बढ़ाने का काम करता है साथ में ही ये खून प्लेटलेट्स को भी बढ़ाता है दिन में 2 बार 1-1 गिलास

अनार जूस जरुर पिए

डेंगू के घरेलू उपाय में मेथी के पत्ते –

मेथी के पत्ते बुखार को कम करने के लिए उपयोग में लिए जाते है और दर्द को कम करने और अधिक आरामदायक

नींद को बढ़ावा देने के लिए हल्के शामक के रूप में कार्य करते है .यह डेंगू बुखार में घरेलू प्रयोग हे .

डेंगू से बचने के लिए नीम के पत्ते –

नीम के पत्ते को आम तोर पर भिन्न भिन्न बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग में लिया जाता है .नीम के पत्तो

या उस का अर्क पिने से ब्लड प्लेटलेट्स और सफेद रक्त कोशिकाओ की संख्या में वर्धि होती है .नीम की पट्टी

रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढ़ाती है .

डेंगू बुखार से बचने के लिए संतरे के रस का प्रयोग –

संतरे के रस में मोजूद एंटीऑक्साइड और विटामिन c का मिश्रण डेंगू बुखार के इलाज के लिए श्रेष्ठ होता है .

ओरेंज जूस प्रतिरक्षा प्रणाली के एंटीबोडी को बढ़ावा देने में मदद करता है और विषाक्त बहार निकलता है .

डेंगू से बचने के लिए पानी का प्रयोग –

डेंगू के दो मेजर लक्षण है सिरदर्द और मांसपेशियों की ऐठन जो की निर्जलीकरण के कारण और अधिक

बढ़ जाते है .इस लिए शरीर को हाईड्रेटड रखने के लिए जितना सम्भव हो उतना पानी पीना चाहिए क्योंकि

पानी शरीर से विषाक्त तत्वों को दूर करने में मदद करता है .

डेंगू से बचने के लिए तुलसी पत्ति  का उपयोग –

तुलसी के पत्तो को चबाना स्वादिस्ट नही लगता है लेकिन यह एक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा को बढ़ाने की तकनीक

के रूप में जाना जाता है और लम्बे समय से डेंगू बुखार के उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसके सेवन

की सलाह दी जाती है तुलसी में प्राक्रतिक कीटनाशक गुण होते है .तुलसी के पत्तो की 2 ग्राम काली मिर्ची के

साथ पानी में उबालकर पीना भी बहुत फायदेमंद होता है .

डेंगू का घरेलू उपाय जो घास (गेंहू के ज्वारे ) –

गेंहू के ज्वारे के रस रक्त कोशिकाओ के उत्पादन को उत्तेजित कर के शरीर की ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या में

काफी वर्धि करने की क्षमता होती है  क्योंकि डेंगू में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या में बहुत कमी हो जाती है जिस

कारण ये उपाय बहुत ही कारगर है .

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